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Blog / 10 Jul 2025

डार्क वेब: इसके उपयोग और खतरे को समझना

संदर्भ:

हाल ही में केरल के मुवत्तुपुझा शहर के 35 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर को डार्क वेब के ज़रिए नशे की दवाएं बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, आरोपी मुलायमकोट्टिल एडिसन डार्क वेब पर नशे की दवाएं बेचने वाला एक "लेवल-फोर वेंडर" था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की यह रैंकिंग प्रणाली इस बात पर निर्भर करती है कि आरोपी कितनी ज़्यादा ताकतवर ड्रग्स बेचता था और ग्राहकों को कैसी सेवा देता था।

डार्क वेब क्या है?

डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे गूगल, याहू जैसे सामान्य सर्च इंजनों से खोजा नहीं जा सकता। इसे एक्सेस करने के लिए विशेष टूल्स या ब्राउज़र, जैसे टॉर (Tor), की आवश्यकता होती है।

टॉर ब्राउज़र को 2000 के दशक की शुरुआत में इस उद्देश्य से विकसित किया गया था कि इंटरनेट पर उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और पहचान सुरक्षित रखी जा सके। यह ब्राउज़र आपके इंटरनेट ट्रैफिक को दुनिया भर में फैले कई स्वयंसेवकों द्वारा संचालित सर्वरों के माध्यम से घुमा कर भेजता है और डेटा को एन्क्रिप्ट कर देता है। इससे किसी की ऑनलाइन पहचान और स्थान का पता लगाना बेहद कठिन हो जाता है।

शुरुआत में इसका उपयोग मुख्य रूप से सरकारी संचार को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता था, लेकिन अब यह उन आम लोगों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए भी एक माध्यम बन गया है जो अपनी पहचान छिपाकर या सुरक्षित ढंग से इंटरनेट का इस्तेमाल करना चाहते हैं।

डार्क वेब के वैध उपयोग:

हालांकि डार्क वेब को आमतौर पर अवैध गतिविधियों के साथ जोड़ा जाता है, लेकिन इसके कई वैध और जरूरी उपयोग भी हैं।

·         ऐसे पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और व्हिसलब्लोअर (गोपनीय जानकारी उजागर करने वाले) जो तानाशाही या दमनकारी शासन में रहते हैं, वे डार्क वेब का उपयोग सुरक्षित रूप से संवाद करने और जानकारी साझा करने के लिए करते हैं।

·         SecureDrop जैसे प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से लोग बिना अपनी पहचान उजागर किए, महत्वपूर्ण जानकारी लीक कर सकते हैं। इससे उन्हें किसी भी प्रकार की प्रतिशोधात्मक कार्रवाई का खतरा नहीं रहता।

·         जिन देशों में इंटरनेट पर सख्त सेंसरशिप लागू है, वहां डार्क वेब एक ऐसा माध्यम बन जाता है जहां से लोग बिना सेंसर की गई (uncensored) जानकारी तक पहुंच बना सकते हैं।

·         कुछ अस्पताल और संस्थान भी अपनी संवेदनशील या गोपनीय जानकारी की सुरक्षा के लिए डार्क वेब आधारित सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करते हैं।

Navigating Surface Web vs Deep Web vs Dark Web

डार्क वेब पर अवैध गतिविधियाँ:

हालाँकि डार्क वेब गोपनीयता और सुरक्षा का माध्यम है, लेकिन इसकी यही गुमनामी साइबर अपराधों को भी बढ़ावा देती है।

·         Silk Road जैसे कई काले बाजार डार्क वेब पर सक्रिय रह चुके हैं, जहाँ नशे की दवाएं, नकली मुद्रा और खतरनाक सॉफ्टवेयर जैसी अवैध चीजों की खरीद-फरोख्त होती थी।

·         यहां चुराए गए बैंक खातों की जानकारी, हैकिंग टूल्स, और यहां तक कि पैसे लेकर हत्या करने वाले (Contract Killers) जैसी आपराधिक सेवाओं की भी पेशकश की जाती है।

·         दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ इन गतिविधियों पर निगरानी रखती हैं, लेकिन डार्क वेब पर इस्तेमाल होने वाली लगातार बदलती एन्क्रिप्शन और सुरक्षा तकनीकें अपराधियों को पकड़ना चुनौतीपूर्ण बना देती हैं।

निष्कर्ष:

डार्क वेब एक जटिल और कई रूपों वाला मंच है, जिसका उपयोग अच्छे और बुरे दोनों कार्यों के लिए होता है। यह उन लोगों को सुरक्षा और गुमनामी प्रदान करता है जिन्हें इसकी जरूरत है, लेकिन साथ ही यह अपराध और गैरकानूनी गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है। जैसे-जैसे कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ डार्क वेब पर नजर रखती हैं और अपराध को रोकने की कोशिश करती हैं, हमें इस एन्क्रिप्टेड नेटवर्क के फायदों और खतरों को ठीक से समझना ज़रूरी है।