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Blog / 26 Apr 2025

कच्चे अंडे वाले मेयोनेज़ पर प्रतिबंध

संदर्भ:
हाल ही में 8 अप्रैल 2025 को तमिलनाडु सरकार ने गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण कच्चे अंडे से बने मेयोनेज़ के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर एक वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा दिया। इस कदम का उद्देश्य खाद्य जनित बीमारियों के खतरे को कम करना है, खासकर भारत की गर्म और आर्द्र जलवायु में जो बैक्टीरिया संक्रमण को बढ़ावा देती है।

मेयोनेज़ क्या है?

मेयोनेज़ एक अर्ध-ठोस इमल्शन होती है, जो पारंपरिक रूप से तेल, अंडे की जर्दी और सिरका या नींबू के रस जैसे अम्ल से बनाई जाती है। अंडे की जर्दी में मौजूद प्रोटीन एक इमल्सीफायर का काम करता है, जो तेल और पानी को बांधकर एक मलाईदार सॉस बनाता है।
हालाँकि इसकी उत्पत्ति फ्रांस या स्पेन से मानी जाती है, लेकिन अब यह दुनियाभर के व्यंजनों और फास्ट फूड्स में खूब इस्तेमाल होती हैजैसे बर्गर, सैंडविच, शावरमा और मोमोज़ में।

कच्चे अंडे से बने मेयोनेज़ के स्वास्थ्य जोखिम
मुख्य समस्या कच्चे अंडों के उपयोग से जुड़ी है, जिनमें सैल्मोनेला (Salmonella) और ई. कोलाई (E. coli) जैसे रोगजनक बैक्टीरिया हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया आमतौर पर पकाने पर नष्ट हो जाते हैं, लेकिन कच्चे खाद्य पदार्थों जैसे मेयोनेज़ में सक्रिय रहते हैं।
सैल्मोनेला दुनियाभर में खाद्य जनित बीमारियों, अस्पताल में भर्ती होने और मौतों का एक प्रमुख कारण है। इसके लक्षणों में दस्त, उल्टी और पेट दर्द शामिल हैं। सेंटर्स फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन  (CDC) का कहना है कि गर्म और आर्द्र परिस्थितियाँ, जो भारत में आम हैं, इन बैक्टीरिया के विकास के लिए आदर्श वातावरण बनाती हैं।
ई. कोलाई बैक्टीरिया सामान्यतः हानिरहित होते हैं, लेकिन इनमें कुछ प्रकार ऐसे होते हैं जो आंत, मूत्र मार्ग और अन्य अंगों में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। यह खतरा विशेष रूप से बच्चों, बुज़ुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में अधिक होता है।
तमिलनाडु सरकार ने कच्चे अंडे वाले मेयोनेज़ को उच्च-जोखिम वाला खाद्य पदार्थघोषित किया है, खासकर इसके गलत तरीके से बनाए जाने और संग्रहण की समस्या को देखते हुए। हालांकि मेयोनेज़ ऊर्जा से भरपूर होता है, परंतु कच्चे अंडे इसे बैक्टीरिया जनित संक्रमण का माध्यम बना देते हैं।

बाज़ार और नीति पर प्रभाव
इस प्रतिबंध के कारण खाद्य व्यवसायों को अंडे रहित या पास्चुराइज्ड अंडे वाले विकल्पों की ओर रुख करना पड़ सकता है। हालाँकि भारतीय मेयोनेज़ बाजार में पहले से ही अंडे रहित विकल्पों का उपयोग ज्यादा किया जाता है इसलिए इसका प्रभाव बहुत अधिक नहीं होगा।
तमिलनाडु से पहले तेलंगाना ने नवंबर 2024 में ऐसा ही प्रतिबंध लागू किया था। यह नीति तमिलनाडु द्वारा गुटखा और पान मसाला जैसे हानिकारक खाद्य पदार्थों पर लगाए गए पहले के प्रतिबंधों की तर्ज पर है।
इसी बीच, पंजाब ने हाल ही में बच्चों और स्कूलों के पास कैफीनयुक्त ऊर्जा पेयों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और उनके स्वास्थ्य प्रभावों पर एक वैज्ञानिक अध्ययन शुरू किया है।

निष्कर्ष
कच्चे अंडे वाले मेयोनेज़ पर तमिलनाडु का प्रतिबंध खाद्य सुरक्षा को लेकर एक सतर्क और जनस्वास्थ्य केंद्रित रुख को दर्शाता है। यह सूक्ष्मजीवजनित जोखिमों को संबोधित करता है और सुरक्षित उत्पादन प्रथाओं को प्रोत्साहित करता है, साथ ही यह भारत के विभिन्न राज्यों में सक्रिय खाद्य नियमन की व्यापक प्रवृत्ति के अनुरूप है।