सन्दर्भ:
हाल ही में 19 जून 2025 को विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया गया। इस वर्ष की थीम थी – ‘वैश्विक कार्यवाही, स्थानीय प्रभाव: अपनी प्रभावी वकालत के लिए समुदायों को सशक्त बनाना’ (“Global Action, Local Impact: Empowering Communities for Effective Self-Advocacy”)। सिकल सेल रोग एक पुरानी, वंशानुगत रक्त विकार है। यह रोग आम तौर पर आदिवासी लोगों में पाया जाता है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त यह दिन इस रोग से प्रभावित लोगों के लिए शीघ्र निदान, प्रभावी उपचार और सहायक सामुदायिक वातावरण बनाने के वैश्विक प्रयासों को मजबूत करता है।
सिकल सेल रोग क्या है?
सिकल सेल रोग (SCD) एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसमें शरीर असामान्य हीमोग्लोबिन उत्पन्न करता है। यह हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं को विकृत (हंसिया/चंद्रमा के आकार का) बना देता है, जिससे वे कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं। यह कोशिकाएं रक्त प्रवाह में अवरोध उत्पन्न करती हैं, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा आती है और दर्द, सूजन, संक्रमण और अंगों को क्षति पहुँच सकती है।
भारत में स्थिति:
- भारत में अनुमानतः 10 लाख लोग इस रोग से प्रभावित हैं।
- प्रमुख प्रभावित राज्य: ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र, विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों में।
- 2024 की एक मेटा-विश्लेषण रिपोर्ट (Priyanka Rao et al.) के अनुसार:
- सिकल सेल रोग (SCD) की व्यापकता: 1.17%
- सिकल सेल वाहक (Trait) की व्यापकता: 5.9%
लक्षण (Symptoms):
- एनीमिया, जिससे थकान और कमजोरी होती है
- दर्द की बार-बार आने वाली स्थितियाँ (Pain Crises)
- हाथ-पैरों की सूजन, पीलिया, संक्रमण की अधिकता, विकास में विलंब
- गंभीर मामलों में स्ट्रोक, अक्यूट चेस्ट सिंड्रोम, स्प्लीन की खराबी और प्रायपिज्म
उपचार और नवाचार:
- हाइड्रॉक्सी यूरिया जैसी दवाएँ
- रक्त आधान (Blood transfusion)
- बोन मैरो ट्रांसप्लांट, जो एकमात्र स्थायी इलाज हो सकता है
- दर्द निवारक और एंटीबायोटिक्स
- जीन थेरेपी में प्रगति:
- दिसंबर 2023 में Casgevy और Lyfgenia को अमेरिका में FDA द्वारा मंजूरी मिली
- मई 2024 में पहली बार एक 12 वर्षीय बालक को Casgevy आधारित जीन उपचार दिया गया
भारत सरकार की पहल :
- राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (2023)
- उद्देश्य: 2047 तक इस रोग को जन स्वास्थ्य संकट की श्रेणी से हटाना
- लक्ष्य: 17 उच्च-प्रभावित राज्यों में स्क्रीनिंग, परामर्श, सस्ता इलाज, और जनजागरूकता
- मुख्य चुनौती: दवाओं और इलाज की पहुंच, खासकर ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में
मुख्य तथ्य (Key Takeaways):
- सिकल सेल रोग एक गंभीर परंतु रोके जा सकने वाला आनुवंशिक रोग है।
- भारत में यह रोग सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों, विशेष रूप से आदिवासी समूहों में अधिक व्याप्त है।
- नीति, विज्ञान और समुदाय आधारित हस्तक्षेपों की त्रि-आयामी रणनीति से ही इस चुनौती से निपटा जा सकता है।
निष्कर्ष-
सिकल सेल रोग केवल एक आनुवंशिक समस्या नहीं बल्कि सामाजिक, आर्थिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी व्यापक चुनौती है। इसे मात देने के लिए जमीनी स्तर पर जनजागरूकता, समय पर निदान, वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रभावी नीति क्रियान्वयन अपरिहार्य हैं।