संदर्भ:
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए FREE-AI फ्रेमवर्क पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की है।
● यह रिपोर्ट एक विशेष समिति द्वारा तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य AI के प्रयोग में निष्पक्षता , पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इस ढाँचे का लक्ष्य ग्राहकों के हितों की रक्षा करते हुए, नई तकनीकों और नवाचारों को प्रोत्साहित करना है।
FREE-AI रिपोर्ट के विषय में:
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उत्तरदायी और नैतिक उपयोग हेतु एक व्यापक ढाँचा तैयार करने हेतु एक समर्पित समिति का गठन किया था।
● समिति की अध्यक्षता प्रमुख AI विशेषज्ञ डॉ. पुष्पक भट्टाचार्य ने की।
● समिति का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देने और ग्राहक हितों की रक्षा के बीच संतुलन बनाना था।
वित्तीय क्षेत्र में AI क्यों महत्वपूर्ण है?
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) अपनी दक्षता (Efficiency) और स्वचालन (Automation) को बढ़ाने की क्षमता के कारण वित्तीय क्षेत्र में परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकता है। यह लेन-देन, ऋण प्रबंधन, धोखाधड़ी का पता लगाने और अनुपालन निगरानी की गति और सटीकता दोनों को बेहतर बनाता है।
- डेटा-आधारित निर्णय लेने के माध्यम से AI, क्रेडिट स्कोरिंग, निवेश योजना और जोखिम आकलन में सुधार करता है।
- AI, विसंगतियों का शीघ्र पता लगाकर धोखाधड़ी की रोकथाम में अहम योगदान देता है।
- यह, RBI और SEBI के मानकों के अनुरूप, स्वचालित निगरानी और समय पर रिपोर्टिंग के माध्यम से अनुपालन (Compliance) सुनिश्चित करने में भी सहायता करता है।
AI के नैतिक उपयोग के लिए RBI के 7 सूत्र:
AI को जिम्मेदारी से अपनाने के मार्गदर्शन के लिए, RBI समिति ने सात प्रमुख सिद्धांतों को रेखांकित किया:
1. विश्वास ही आधार है (Trust as the Foundation) – हितधारकों का विश्वास बनाने के लिए AI प्रणालियों को पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा देना चाहिए।
2. लोग पहले (People First) – ग्राहकों के हितों को केंद्र में रखते हुए, AI को मानवीय निर्णय लेने में वृद्धि करनी चाहिए।
3. संयम के साथ नवाचार (Innovation with Restraint) – अत्यधिक प्रतिबंधात्मक नियमों से बचते हुए जिम्मेदार नवाचार को प्रोत्साहित करें।
4. निष्पक्षता और समानता (Fairness and Equity) – सुनिश्चित करें कि AI के परिणाम पूर्वाग्रह से मुक्त हों और सभी के लिए समान व्यवहार को बढ़ावा दें।
5. जवाबदेही (Accountability) – वित्तीय संस्थानों को AI निर्णयों के परिणामों और प्रभावों के लिए पूरी तरह से जवाबदेह होना चाहिए।
6. समझने योग्य डिज़ाइन (Explainable by Design)– AI सिस्टम व्याख्या योग्य और उपयोगकर्ता के अनुकूल होने चाहिए, जटिल "ब्लैक बॉक्स" मॉडल से बचना चाहिए।
7. सुरक्षा, लचीलापन और स्थिरता (Security, Resilience and Sustainability) – AI अनुप्रयोग सुरक्षित, व्यवधानों का सामना करने में सक्षम और पर्यावरणीय और सामाजिक रूप से टिकाऊ होने चाहिए।
चुनौतियाँ:
● डेटा गोपनीयता और सुरक्षा जोखिम
● एल्गोरिथम पूर्वाग्रह और भेदभाव
● उच्च बुनियादी ढाँचे और प्रतिभा लागत
● स्पष्ट नियामक ढाँचे का अभाव
● साइबर सुरक्षा कमज़ोरियाँ
● जटिल मॉडलों की सीमित व्याख्या
निष्कर्ष:
FREE-AI ढाँचा भारत के वित्तीय संस्थानों को नैतिक, समावेशी और नवीन AI अपनाने की दिशा में मार्गदर्शन करने में एक परिवर्तनकारी कदम है। हालाँकि AI में वित्त में क्रांति लाने की अपार संभावनाएँ हैं, लेकिन इसे निष्पक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर लागू किया जाना चाहिए।