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Blog / 04 Dec 2025

प्रारंभिक ब्रह्माण्ड में सर्पिल गैलेक्सी की खोज

सन्दर्भ: 

हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने राष्ट्रीय रेडियो खगोलभौतिकी केन्द्र (NCRA–TIFR), पुणे में एक विशाल एवं सुविकसित सर्पिल गैलेक्सी की खोज की है, जिसेअलकनंदानाम दिया गया है। यह गैलेक्सी उस समय अस्तित्व में थी जब ब्रह्माण्ड मात्र 1.5 अरब वर्ष पुराना था (अर्थात वर्तमान आयु का लगभग 10%)। इस महत्वपूर्ण खोज से संबंधित निष्कर्ष प्रतिष्ठित यूरोपीयखगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी” (Astronomy and Astrophysics) पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं।

खोज का महत्व:

      • यह खोज प्रचलित सिद्धांतों को स्पष्ट रूप से चुनौती देती है, क्योंकि अब तक यह माना जाता रहा कि प्रारंभिक ब्रह्माण्ड की गैलेक्सियाँ अत्यंत अव्यवस्थित, खंडित, अशांत तथा अस्थिर स्वरूप की थीं। इसके विपरीत, अलकनंदा एक पूर्णतः सुसंगठित एवं पारंपरिक सर्पिल संरचना प्रदर्शित करती है, जो अपने आकार-प्रकार में हमारी आकाशगंगा मिल्की वे के अत्यंत समीप प्रतीत होती है।
      • यह तथ्य संकेत देता है कि जटिल एवं विकसित गैलेक्सी संरचनाओं का निर्माण हमारी पूर्व धारणाओं की तुलना में काफी पहले प्रारंभ हो चुका था।

Spiral Galaxy from Early Universe

अलकनंदा की मुख्य विशेषताएँ:

      • संरचना: इसमें दो प्रमुख सर्पिल भुजाएँ हैं, जो एक उज्ज्वल केंद्रीय उभार (central bulge) के चारों ओर व्यवस्थित रूप से घूमती हैं।
      • आकार: लगभग 30,000 प्रकाश-वर्ष व्यास।
      • दूरी: लगभग 12 अरब प्रकाश-वर्ष जो प्रारंभिक ब्रह्माण्ड का प्रतिनिधित्व करती है।
      • नामकरण: इसका नाम हिमालय की अलकनंदा नदी के नाम पर रखा गया है, क्योंकि इसे मिल्की वे (मन्दाकिनी) कीबहनके रूप में देखा जाता है।

अवलोकन तकनीक:

      • इस खोज के लिए NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) का उपयोग किया गया। JWST उस समय की गैलेक्सियों को देखने में सक्षम है, जो बिग बैंग के कुछ सौ मिलियन वर्ष बाद बनी थीं।
      • भविष्य के अध्ययन में JWST और चिली स्थित ALMA टेलीस्कोप का उपयोग करके गैस और तारों की गति (kinematics) और सर्पिल भुजाओं के निर्माण की प्रक्रिया को समझने का प्रयास किया जाएगा।

ब्रह्माण्ड विज्ञान के लिए महत्व:

यह खोज बताती है कि प्रारंभिक ब्रह्माण्ड हमारी पूर्व समझ से काफी परिपक्व (mature) था। इससे गैलेक्सी निर्माण के नए विकास मार्ग (alternative evolutionary pathways) की संभावना को बल मिलता है। अलकनंदा की डिस्क ठंडी है या गर्म, इसका पता लगने से यह समझने में मदद मिलेगी कि सर्पिल संरचना कैसे बनी।