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Blog / 01 Dec 2025

ऑपरेशन सागर बंधु

सन्दर्भ:

हाल ही में श्रीलंका में आए चक्रवात दित्वाह’ (Cyclone Ditwah) से बड़े पैमाने पर विनाश होने के बाद भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया। यह एक मानवीय सहायता एवं आपदा राहत मिशन (Humanitarian Assistance and Disaster Relief – HADR) था, जिसका उद्देश्य प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता, राहत सामग्री और आवश्यक समर्थन प्रदान करना था। यह कदम भारत की पड़ोसी प्रथम नीतिऔर विजन महासागर के प्रति उसकी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें भारत समुद्री क्षेत्र में सहयोग, सुरक्षा और मानवीय सहायता को प्राथमिकता देता है।

पृष्ठभूमि:

    • चक्रवात दित्वाहएक उष्णकटिबंधीय चक्रवात था, जिसने श्रीलंका में तेज़ हवाओं, भारी वर्षा और समुद्री तूफ़ानी लहरों (storm surges) के कारण भारी जान-माल की क्षति और विस्थापन पैदा किया।
    • भारत की प्रतिक्रिया का लक्ष्य थासैन्य एवं नागरिक संसाधनों का उपयोग करते हुए त्वरित और प्रभावी मानवीय सहायता प्रदान करना ताकि लोगों की पीड़ा कम हो सके।

ऑपरेशन सागर बंधु के प्रमुख घटक:

1. मानवीय सहायता (Humanitarian Aid)
राहत सामग्री के बड़े पैमाने पर भेजे जाने में शामिल थे:
सूखा राशन, ताज़ा भोजन
तंबू, तिरपाल
कंबल, स्वच्छता किट

2. नौसेना की तैनाती
आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरि
राहत सामग्री पहुँचाने और लॉजिस्टिक सहायता देने की मुख्य भूमिका

3. वायुसेना की तैनाती :
C-130J और IL-76 विमान
कर्मियों और सामग्री को तेज़ी से प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँचाया गया।

4. NDRF की तैनाती:
80+ प्रशिक्षित जवान
4 स्निफर डॉग्स
खोज, बचाव और रिकवरी कार्य के लिए विशेष उपकरण

Cyclone Ditwah: Live Tracker, Path, Landfall Date And Place; Tamil Nadu  Coasts On High Alert

महत्व :

1. मानवीय सहायता एवं आपदा राहत क्षमता :
भारत ने यह दिखाया कि वह अपने पड़ोसी देशों को तेज़, संगठित और प्रभावी तरीके से आपदा राहत प्रदान करने में सक्षम है।

2. रणनीतिक कूटनीति :
इस ऑपरेशन ने भारत-श्रीलंका संबंधों को और मजबूत किया तथा पड़ोसी प्रथम नीति को वास्तविक रूप में लागू करने का उदाहरण प्रस्तुत किया।

3. समुद्री एवं वायु शक्ति का उपयोग:
भारतीय नौसेना और वायुसेना ने युद्ध भूमिकाओं से आगे बढ़कर मानवीय मिशनों में अपनी लचीलापन और क्षमता प्रदर्शित की।

4. क्षेत्रीय नेतृत्व :
इससे भारत की छवि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में एक उत्तरदायी, सक्षम और विश्वसनीय क्षेत्रीय शक्ति के रूप में मजबूत हुई।

चक्रवातों के बारे में :

1. घूमने की दिशा (Rotation)
उत्तरी गोलार्ध: एंटीक्लॉकवाइज़
दक्षिणी गोलार्ध: क्लॉकवाइज़

2. शब्द की उत्पत्ति :
“Cyclone” शब्द ग्रीक भाषा के “Cyclos” से आया है, जिसका अर्थ है — “साँप की कुंडली।
यह नाम हेनरी पिडिंगटन द्वारा दिया गया।

3. चक्रवातों के प्रकार (Types)

1. उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclones):
कर्क रेखा और मकर रेखा के मध्य बनते हैं।
वायु की गति 63 km/h से अधिक

2. बहिर्उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Extratropical Cyclones):
35°–65° अक्षांश के मध्य
गर्म और ठंडी हवा के मिलने से बनते हैं।

4. बनने की अवस्थाएँ (Stages of Tropical Cyclone Formation)

1. निर्माण (Formation):
गर्म समुद्र, नमी
ऊर्ध्वाधर वायुवहन
घन बादल बनना

2. परिपक्व अवस्था (Mature Stage):
नेत्र का निर्माण
बादलों की वलयों जैसी संरचना

3. क्षीणन (Decay):
भूमि पर आने पर
या ठंडे जल पर पहुँचने पर नमी कम हो जाती है, चक्रवात कमजोर हो जाता है।

5. नामकरण:
8 देश मिलकर नाम तय करते हैं:
भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड
उदाहरण: फ़ानी, वायु

6. वैश्विक नाम (Global Terminology)
अटलांटिक / कैरेबियन क्षेत्र: हरिकेन
पश्चिमी प्रशांत / चीन सागर: टाइफून
ऑस्ट्रेलिया: विली-विली
अमेरिका / पश्चिमी अफ्रीका: टॉरनेडो

निष्कर्ष :
ऑपरेशन सागर बंधु भारत के सैन्य लॉजिस्टिक्स, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञता, और पड़ोसी देशों के प्रति मानवीय प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह न केवल भारत की HADR क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जलवायु-जनित आपदाओं की बढ़ती चुनौतियों के समय भारत भारतीय महासागर क्षेत्र में एक मानवीय शक्ति (Humanitarian Power) के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।