सन्दर्भ:
हाल ही में मालदीव दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने पीढ़ीगत तंबाकू प्रतिबंध (Generational Tobacco Ban) लागू किया है। इस नए कानून के तहत 1 जनवरी 2007 या उसके बाद जन्मे किसी भी व्यक्ति को स्थायी रूप से तंबाकू उत्पादों की खरीद, उपयोग या बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। यह नीति निवासियों और पर्यटकों दोनों पर लागू होती है, जो वैश्विक जनस्वास्थ्य नीति में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
पृष्ठभूमि:
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- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, तंबाकू गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases) का प्रमुख कारण है, जिससे हर वर्ष विश्वभर में 70 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है।
- मालदीव में वर्ष 2024 में 15–69 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 25.5% लोग तंबाकू का उपयोग करते थे, जिनमें पुरुषों का अनुपात 41.7% और महिलाओं का 9.3% था।
- यह कानून पहले से लागू वैपिंग और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर प्रतिबंधों पर आधारित है। इसका उद्देश्य एक "तंबाकू-मुक्त पीढ़ी" बनाना और भविष्य के स्वास्थ्य जोखिमों को कम करना है।
- इस कानून से पहले मालदीव ने 2024 में सभी आयु वर्गों के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और वैपिंग उत्पादों के आयात, बिक्री, वितरण, स्वामित्व और उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध लगाया था।
मालदीव के पीढ़ीगत धूम्रपान प्रतिबंध की प्रमुख विशेषताएं
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विशेषता |
विवरण |
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लक्षित समूह |
1 जनवरी 2007 या उसके बाद जन्मे व्यक्ति |
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दायरा |
सभी तंबाकू उत्पाद, जिनमें सिगरेट, सिगार, चबाने वाला तंबाकू और वैपिंग उत्पाद शामिल हैं |
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कवरेज |
निवासी और पर्यटक दोनों |
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खुदरा विक्रेता की जिम्मेदारी |
बिक्री से पहले आयु की पुष्टि करना; प्रतिबंधित समूह को बिक्री करने पर जुर्माना |
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दंड |
विक्रेता: MVR 50,000 (लगभग USD 3,200); वैपिंग उत्पादों के उपयोगकर्ता: MVR 5,000 (लगभग USD 320) |
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कानूनी आधार |
मालदीव तंबाकू नियंत्रण अधिनियम में दूसरा संशोधन |
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वैश्विक महत्व |
WHO के तंबाकू नियंत्रण फ्रेमवर्क कन्वेंशन (FCTC) के अनुरूप पीढ़ीगत प्रतिबंध लागू करने वाला पहला देश |
भारत के लिए सीख:
भारत धीरे-धीरे युवा पीढ़ियों के लिए चरणबद्ध प्रतिबंध लागू करने की संभावना तलाश सकता है, जैसे किसी विशेष वर्ष के बाद जन्मे व्यक्तियों के लिए तंबाकू उत्पादों तक पहुँच सीमित करना।
निष्कर्ष:
मालदीव ने पीढ़ीगत धूम्रपान प्रतिबंध लागू कर वैश्विक तंबाकू नियंत्रण में एक साहसिक कदम उठाया है। जब दुनिया के देश तंबाकू उपभोग से होने वाले स्वास्थ्य और आर्थिक बोझ से जूझ रहे हैं, तब ऐसे नवोन्मेषी उपाय भविष्य में "तंबाकू-मुक्त पीढ़ियों" की दिशा में वास्तविक प्रेरणा बन सकते हैं।
