संदर्भ:
हाल ही में केरल स्थानीय स्वशासन विभाग के नेतृत्व में चलाए गए 'डिजी केरल' पहल के माध्यम से पूर्ण डिजिटल साक्षरता हासिल करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। डिजी केरल डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम, जिसे 2021 में शुरू किया गया था, को अब तक 21.87 लाख से अधिक लोगों ने पूरा किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य डिजिटल अंतर को ख़त्म करना और नागरिकों को आवश्यक डिजिटल कौशल से सशक्त बनाना है।
डिजिटल साक्षरता के बारे में:
डिजिटल साक्षरता केवल स्मार्टफोन या कंप्यूटर चलाने तक सीमित नहीं है। यह व्यक्तियों और समुदायों की दैनिक जीवन में डिजिटल तकनीकों को समझने, उन तक पहुँचने और उनका प्रभावी उपयोग करने की क्षमता को दर्शाती है।
डिजिटल साक्षरता के प्रमुख घटकों में शामिल हैं:
· जानकारी प्राप्त करने के लिए इंटरनेट का उपयोग
· ईमेल, संदेश और वीडियो कॉल के माध्यम से संवाद
· सरकारी सेवाओं और योजनाओं तक ऑनलाइन पहुँच
· ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल भुगतान
· सोशल मीडिया का जिम्मेदारी और सुरक्षित उपयोग
· साइबर सुरक्षा तथा डिजिटल अधिकारों के प्रति जागरूकता
डिजिटल साक्षरता नागरिकों को शासन, अर्थव्यवस्था और शिक्षा में अधिक प्रभावी ढंग से भाग लेने में सक्षम बनाती है, जिससे विभिन्न सामाजिक-आर्थिक और भौगोलिक क्षेत्रों के बीच डिजिटल खाई को कम किया जा सकता है।
डिजिटल साक्षरता का मॉडल:
· डिजी केरल अभियान की शुरुआत जमीनी स्तर पर पुल्लमपारा पंचायत से हुई, जो भारत का पहला डिजिटल रूप से साक्षर स्थानीय निकाय बना। इसकी सफलता से प्रेरित होकर, राज्य सरकार ने इस मॉडल को राज्यव्यापी स्तर पर लागू किया। इस कार्यक्रम ने सामुदायिक भागीदारी, युवाओं की सक्रिय भागीदारी, तथा घरों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक संस्थानों में व्यक्तिगत प्रशिक्षण सुनिश्चित किया।
राष्ट्रीय स्तर की डिजिटल साक्षरता पहल:
- राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन (एनडीएलएम)
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- उद्देश्य: ग्रामीण और वंचित जनसंख्या में डिजिटल कौशल बढ़ाना।
- प्रशिक्षण: बुनियादी इंटरनेट उपयोग, ई-गवर्नेंस और डिजिटल वित्त
- उद्देश्य: ग्रामीण और वंचित जनसंख्या में डिजिटल कौशल बढ़ाना।
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2. प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा)
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- लक्ष्य: 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहुंच
- उद्देश्य: प्रत्येक ग्रामीण परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना।
- लक्ष्य: 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहुंच
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3. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम:
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- प्रारंभ: 2015
- लक्ष्य: भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना।
- मुख्य क्षेत्र: ई-गवर्नेंस, डिजिटल बुनियादी ढांचा और सार्वभौमिक डिजिटल पहुँच
- प्रारंभ: 2015
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4. डिजिटल साक्षरता अभियान (दिशा):
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- सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत गैर-सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और कंपनियों के साथ सहयोग
- उद्देश्य: वंचित क्षेत्रों में डिजिटल कौशल विकास को बढ़ावा देना।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत गैर-सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और कंपनियों के साथ सहयोग
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5. भारतीय राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएलआई):
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- ऑनलाइन संग्रह: ई-पुस्तकें, पत्रिकाएं और शिक्षण सामग्री
- उद्देश्य: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से शिक्षा और आजीवन सीखने तक पहुंच बढ़ाना।
- ऑनलाइन संग्रह: ई-पुस्तकें, पत्रिकाएं और शिक्षण सामग्री
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निष्कर्ष:
केरल की सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार, समुदाय और युवा एक स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ एकजुट होते हैं, तो बड़े बदलाव संभव हो सकते हैं। पूर्ण डिजिटल साक्षरता हासिल करने वाला पहला राज्य होने के नाते, केरल देश के अन्य हिस्सों के लिए एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करता है।