संदर्भ:
भारत सरकार ने 7 मई से देशभर में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कड़ा अभियान शुरू किया है। इस दौरान अब तक 2,000 से ज्यादा लोगों को भारत-बांग्लादेश सीमा के पार वापस भेजा गया है।
बांग्लादेशी प्रवासियों को लेकर मुख्य चिंताएं:
• राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा: अवैध प्रवासी कई बार आतंकवाद, मानव तस्करी और हवाला जैसे अपराधों से जुड़े पाए गए हैं। कुछ बांग्लादेशी नागरिक आतंकी प्रशिक्षण, कट्टर सोच फैलाने, नकली नोट और नशे की तस्करी जैसे मामलों में भी पकड़े गए हैं।
• जनसंख्या में बदलाव: पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे राज्यों में इन प्रवासियों की वजह से जनसंख्या का संतुलन बदल रहा है, जिससे समाज में तनाव और आपसी झगड़े बढ़ने की आशंका है।
• आर्थिक दबाव: अवैध प्रवासी स्थानीय संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं, सरकारी योजनाओं का फायदा उठाते हैं और मज़दूरी के बाज़ार को प्रभावित करते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ता है।
संभावित प्रभाव:
• यह अभियान भारत और बांग्लादेश के आपसी रिश्तों को कमजोर कर सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग पर असर पड़ सकता है।
• यह मुद्दा पूरे दक्षिण एशिया में स्थिरता और आपसी संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
• इस कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की नज़र जा सकती है, जो भारत के कदम की आलोचना कर सकते हैं।
अवैध प्रवासी कौन होते हैं?
नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, भारत में अवैध प्रवासी वे होते हैं:
• जो वैध पासपोर्ट या अन्य ज़रूरी दस्तावेज़ों के बिना भारत में प्रवेश करते हैं।
• जो वैध दस्तावेज़ों के साथ तो आते हैं, लेकिन निर्धारित समय सीमा से ज़्यादा समय तक भारत में ठहर जाते हैं।
अवैध प्रवास के कारण:
• सामाजिक और आर्थिक वजहें: गरीबी, बेरोजगारी और अस्थिर जीवन की वजह से लोग बेहतर भविष्य की तलाश में भारत आने की कोशिश करते हैं।
• राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा: कुछ देशों में धार्मिक भेदभाव, राजनीतिक हिंसा और संघर्ष के कारण लोग वहां से भागकर भारत आ जाते हैं।
• पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं: जलवायु परिवर्तन, बाढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएं और जरूरी संसाधनों की कमी भी लोगों को अपना देश छोड़ने पर मजबूर करती हैं।
अवैध प्रवास को रोकने की रणनीतियाँ:
• सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना: सीमा पर बाड़ लगाना, सड़कें बनाना, तेज रोशनी की व्यवस्था करना और ज्यादा सीमा चौकियां बनाना।
• तकनीक और सुरक्षा का इस्तेमाल: CIBMS (व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली) जैसी तकनीक का उपयोग करना, संवेदनशील इलाकों में ज्यादा सुरक्षाबल, निगरानी कैमरे और अन्य उपकरण तैनात करना।
• अन्य देशों से समझौते: अवैध प्रवास को रोकने, कानूनी तरीके से आने के रास्ते तय करने और वापस भेजे गए लोगों की वापसी आसान बनाने के लिए प्रवासी मूल देशों से आपसी समझौते करना।
• समग्र आव्रजन नीति बनाना: एक ऐसी नीति बनाना जो शरणार्थियों, शरण मांगने वालों और कानूनी प्रवासियों की जरूरतों का ध्यान रखे, साथ ही देश की सुरक्षा और सीमा नियंत्रण से जुड़ी चिंताओं को भी हल करे।
निष्कर्ष:
भारत द्वारा अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई यह दिखाती है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा, जनसंख्या में बदलाव और आर्थिक बोझ को लेकर गंभीर है। सरकार का उद्देश्य देश के भीतर सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखना है। हालांकि, इस समस्या को सुलझाने के लिए ऐसा संतुलित तरीका अपनाना जरूरी है जो मानवाधिकारों का सम्मान करे, बांग्लादेश के साथ रिश्तों को कमजोर न करे और पूरे क्षेत्र में प्रवास से जुड़ी चुनौतियों से मिलकर निपटने के लिए सहयोग को बढ़ावा दे।