सन्दर्भ:
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16–17 दिसंबर 2025 को इथियोपिया की पहली द्विपक्षीय यात्रा की। यह यात्रा भारत–अफ्रीका संबंधों के लिए महत्वपूर्ण रही। इस दौरान भारत और इथियोपिया ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग को दीर्घकालिक और व्यापक बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी की 2025 की यात्रा के प्रमुख परिणाम:
1. रणनीतिक साझेदारी
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- कूटनीति, रक्षा, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और विकास के क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार किया गया।
- दोनों देशों ने क्षेत्रीय शांति, आतंकवाद-रोधी प्रयासों और ग्लोबल साउथ की साझा प्राथमिकताओं पर बल दिया।
- कूटनीति, रक्षा, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और विकास के क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार किया गया।
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2. सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित
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- प्रधानमंत्री मोदी को इथियोपिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ प्रदान किया गया।
- यह सम्मान भारत को एक विश्वसनीय और दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में इथियोपिया की मान्यता को दर्शाता है।
- प्रधानमंत्री मोदी को इथियोपिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया’ प्रदान किया गया।
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3. आठ समझौता ज्ञापन (MoUs) और समझौते:
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- यात्रा के दौरान भारत और इथियोपिया के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते किए गए। इनमें G20 कॉमन फ्रेमवर्क के तहत ऋण पुनर्गठन, इथियोपिया के विदेश मंत्रालय में डेटा सेंटर की स्थापना, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना प्रशिक्षण में सहयोग और व्यापार को आसान बनाने के लिए सीमा शुल्क सहयोग शामिल है।
- इसके अलावा, ICCR छात्रवृत्तियों का विस्तार, ITEC के अंतर्गत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पाठ्यक्रमों की शुरुआत तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग पर भी सहमति बनी, जिसके तहत अदीस अबाबा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल का उन्नयन किया जाएगा।
- यात्रा के दौरान भारत और इथियोपिया के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते किए गए। इनमें G20 कॉमन फ्रेमवर्क के तहत ऋण पुनर्गठन, इथियोपिया के विदेश मंत्रालय में डेटा सेंटर की स्थापना, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना प्रशिक्षण में सहयोग और व्यापार को आसान बनाने के लिए सीमा शुल्क सहयोग शामिल है।
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आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध:
आर्थिक सहयोग द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ बना हुआ है:
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- द्विपक्षीय व्यापार (वित्त वर्ष 2024–25): 550.19 मिलियन अमेरिकी डॉलर
- भारतीय निर्यात: 476.81 मिलियन अमेरिकी डॉलर
- भारतीय आयात: 73.38 मिलियन अमेरिकी डॉलर
- द्विपक्षीय व्यापार (वित्त वर्ष 2024–25): 550.19 मिलियन अमेरिकी डॉलर
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व्यापार संबंध मुख्य रूप से निर्यात-आधारित हैं, जो भारतीय वस्तुओं के लिए इथियोपिया के एक महत्वपूर्ण बाज़ार होने को दर्शाते हैं। इथियोपिया को भारत की ड्यूटी-फ्री टैरिफ प्रेफरेंस (DFTP) योजना का लाभ प्राप्त है, जो अल्पविकसित देशों (LDCs) के लिए है।
इथियोपिया में भारतीय निवेश:
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- इथियोपिया में 675 से अधिक भारतीय कंपनियाँ पंजीकृत हैं।
- कुल भारतीय निवेश 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जिससे भारत देश के सबसे बड़े निवेशकों में से एक बन गया है।
- इथियोपिया में 675 से अधिक भारतीय कंपनियाँ पंजीकृत हैं।
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रक्षा, सुरक्षा और बहुपक्षीय सहयोग:
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- रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए और वर्ष 2025 में पहली संयुक्त रक्षा सहयोग बैठक का आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में दोनों देशों के बीच निरंतर सहयोग जारी रखने पर भी सहमति बनी, जो वैश्विक शांति और स्थिरता के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- इथियोपिया ने आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति का समर्थन किया और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ–भारत सहभागिता तंत्र तथा ISA, CDRI, IBCA और GBA जैसी वैश्विक पहलों सहित विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर आपसी समन्वय बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
- रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए और वर्ष 2025 में पहली संयुक्त रक्षा सहयोग बैठक का आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में दोनों देशों के बीच निरंतर सहयोग जारी रखने पर भी सहमति बनी, जो वैश्विक शांति और स्थिरता के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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इथियोपिया का रणनीतिक महत्व:
अफ्रीका का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश और अफ्रीकी संघ (AU) के मुख्यालय का मेज़बान होने के कारण, इथियोपिया भारत की अफ्रीका और ग्लोबल साउथ रणनीति में एक केंद्रीय स्थान रखता है।
भारत के लिए इथियोपिया का महत्व निम्न कारणों से है:
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- अफ्रीका की कूटनीतिक राजधानी के रूप में इसकी भूमिका
- हॉर्न ऑफ अफ्रीका में इसकी रणनीतिक स्थिति, जो समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है
- संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में सक्रिय भागीदारी
- बड़ा घरेलू बाज़ार और बढ़ती आर्थिक संभावनाएँ
- अफ्रीका की कूटनीतिक राजधानी के रूप में इसकी भूमिका
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यह रणनीतिक साझेदारी शांति, विकास और बहुध्रुवीय वैश्विक शासन में साझा हितों को दर्शाती है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी की इथियोपिया यात्रा और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की घोषणा भारत–अफ्रीका संबंधों के लिए एक अहम कदम है। इससे सुरक्षा, विकास, डिजिटल ढांचा, स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में सहयोग मजबूत होगा। अफ्रीका के कूटनीतिक केंद्र के रूप में इथियोपिया, भविष्य में अफ्रीका के साथ भारत के संबंधों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।


