संदर्भ:
भारत ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि पाई है। अब भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में आ गई है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार, वर्ष 2025 में भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज 64.3% तक पहुँच गई है, जबकि 2015 में यह आंकड़ा केवल 19% था। यह प्रगति देश की नीति-निर्माण में निरंतरता और कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को दर्शाती है।
ILO की मान्यता और मूल्यांकन की प्रक्रिया:
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के मूल्यांकन में 32 सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का आंकलन किया गया — जिनमें से 24 पेंशन पर केंद्रित, दो मातृत्व लाभ पर और दो बाल कल्याण योजनाएं थीं। इनमें शामिल प्रमुख योजनाएं हैं:
· अटल पेंशन योजना
· पीएम-किसान सम्मान निधि
· मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम)
· जननी सुरक्षा योजना
· पीएम पोषण (मिड-डे मील योजना)
ILO के मानदंडों के अनुसार, किसी योजना को तभी शामिल किया जाता है जब वह कानूनी रूप से स्वीकृत हो, नकद आधारित लाभ देती हो, सक्रिय रूप से कार्यान्वित हो रही हो और बीते तीन वर्षों के प्रमाणित आंकड़ों पर आधारित हो।
भारत की वैश्विक भूमिका पर प्रभाव:
सामाजिक सुरक्षा कवरेज में हुई यह वृद्धि भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार वार्ताओं और श्रमिकों की वैश्विक गतिशीलता (लेबर मोबिलिटी) से जुड़ी चर्चाओं में उसकी स्थिति को और सुदृढ़ बनाएगी। यह दर्शाता है कि भारत एक मजबूत और विश्वसनीय सामाजिक सुरक्षा तंत्र विकसित कर चुका है। सरकार ने विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों का डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिससे भविष्य में यह कवरेज और बढ़ने की संभावना है।
सामाजिक सुरक्षा/संरक्षण क्या है?
सामाजिक सुरक्षा एक ऐसी प्रणाली है, जिसके तहत समाज अपने नागरिकों और परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और आमदनी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, खासकर बुढ़ापे, बेरोजगारी, बीमारी, विकलांगता, काम के दौरान चोट, मातृत्व या कमाने वाले सदस्य की मृत्यु की स्थिति में।
प्रमुख योजनाएं और पहलें:
भारत सरकार ने नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
· प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (PM-SYM): असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन योजना। इसमें लाभार्थी और केंद्र सरकार दोनों 50% योगदान करते हैं।
· प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): जीवन बीमा योजना, जो किसी भी कारण से मृत्यु पर ₹2 लाख का बीमा कवरेज देती है।
· अटल पेंशन योजना: यह योजना रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन का विकल्प देती है, जिसमें अलग-अलग पेंशन राशि चुनने का विकल्प होता है।
· प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): दुर्घटना बीमा योजना, जो दुर्घटनावश मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में ₹2 लाख का कवरेज देती है।
· सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS): पात्र परिवारों को रियायती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराती है।
· आयुष्मान भारत: यह योजना प्रति परिवार प्रति वर्ष ₹5 लाख तक की स्वास्थ्य बीमा सुविधा देती है, जो माध्यमिक और तृतीयक इलाज के लिए है।
निष्कर्ष:
भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज का 10 वर्षों में 19% से बढ़कर 64.3% हो जाना, निरंतर नीति निर्माण, विभिन्न संस्थाओं के सहयोग और डिजिटल नवाचार का परिणाम है। अब जब भारत कल्याण की अगली अवस्था में प्रवेश कर रहा है, तो यह दुनिया के लिए एक उदाहरण है कि विकासशील देश किस तरह सामाजिक मजबूती और समावेशी विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।