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Blog / 23 Jul 2025

आईसीएमआर की आवश्यक डायग्नोस्टिक जांचों की नई सूची

संदर्भ:

हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने राष्ट्रीय आवश्यक डायग्नोस्टिक सूची (National List of Essential Diagnostics – NEDL) को अपडेट किया है। इस पहल का उद्देश्य जांच सुविधाओं को लोगों के अधिक निकट लाकर स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना है। भारत की मौजूदा स्वास्थ्य अवसंरचना और बीमारियों के बढ़ते बोझ को देखते हुए, यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता रखता है।

नई राष्ट्रीय आवश्यक डायग्नोस्टिक सूची के बारे में:

इस अपडेटेड सूची में कई त्वरित जांच (रैपिड टेस्ट) और बायोकेमिकल टेस्ट को स्वास्थ्य प्रणाली के निचले स्तरोंजैसे कि सब-सेंटर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC)पर उपलब्ध कराया गया है।

कुछ प्रमुख बदलावों में शामिल हैं:

  • त्वरित जांच (Rapid Diagnostic Tests): सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया, हेपेटाइटिस बी और सिफलिस जैसी बीमारियों की जांच अब सब-सेंटर स्तर पर हो सकेगी।
  • नमूना संग्रह (Sample Collection): टीबी और डेंगू की जांच के लिए अब सब-सेंटर स्तर पर ही नमूने एकत्र किए जा सकेंगे।
  • रक्त परीक्षण (Blood Tests): अब रक्त में ग्लूकोज, लिवर एंजाइम और कोलेस्ट्रॉल की जांच PHC स्तर पर सेमी-ऑटो एनालाइज़र मशीनों से की जा सकेगी।

इन जांचों का महत्व:
पहले ये जांचें केवल बड़े अस्पतालों में होती थीं, जिससे:

  • लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी
  • रिपोर्ट आने में देर होती थी
  • बीमारियों का देर से पता चलता था, तब तक रोग पहले ही गंभीर हो चुका होता था

अब, इन नई मशीनों और स्टाफ को प्रशिक्षण देने के बाद, ये जांचें लोगों के घरों के पास PHC या सब-सेंटर में ही संभव होंगी।

इसके प्रभाव:

  • टीबी और हेपेटाइटिस बी जैसी गंभीर बीमारियों का तेजी से पता चलेगा
  • जल्दी इलाज मिलने से ठीक होने की संभावना बढ़ेगी
  • सरकार बीमारियों पर निगरानी बेहतर कर पाएगी
  • मुफ्त जांच से गरीब परिवारों का खर्च बचेगा
  • 2047 तक सिकल सेल रोग समाप्त करने जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों में मदद मिलेगी

राष्ट्रीय आवश्यक निदान सूची (एनईडीएल) के बारे में:

राष्ट्रीय आवश्यक निदान सूची (एनईडीएल) भारत में विभिन्न स्तरों की स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के लिए अनुशंसित आवश्यक नैदानिक परीक्षणों की एक सूची है, जो गांव स्तर से लेकर जिला अस्पतालों तक फैली हुई है।

·        इसका उद्देश्य रोग निदान और उपचार में सहायता के लिए महत्वपूर्ण नैदानिक सेवाओं की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करना है।

·        एनईडीएल का विकास और रखरखाव भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा किया जाता है। 

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के बारे में:

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भारत में जैव चिकित्सा अनुसंधान को तैयार करने, समन्वय करने और बढ़ावा देने के लिए सर्वोच्च निकाय है।

·        यह विश्व के सबसे पुराने चिकित्सा अनुसंधान संगठनों में से एक है, जिसकी स्थापना 1911 में हुई थी और इसे भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।

·        आईसीएमआर का प्राथमिक ध्यान समाज को लाभ पहुंचाने के लिए अनुसंधान का संचालन, समन्वय और कार्यान्वयन करना तथा उन निष्कर्षों को व्यावहारिक स्वास्थ्य समाधानों में परिवर्तित करना है। 

निष्कर्ष:

आईसीएमआर की यह नई सूची भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे लोगों को नज़दीक जांच की सुविधा मिलेगी, बीमारियों की जल्द पहचान हो सकेगी और इलाज जल्दी शुरू होगा। यह कदम देश में बीमारियों के नियंत्रण और इलाज की प्रक्रिया को और मज़बूती देगा।