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Blog / 06 Dec 2025

स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर

सन्दर्भ:

हाल ही में केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 (Health Security se National Security Cess Bill, 2025) प्रस्तुत किया गया। इसका उद्देश्य पान मसाला जैसे हानिकारक उत्पादों पर उपकर लगाकर स्वास्थ्य क्षेत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु संसाधन सुनिश्चित करना है।

मुख्य विशेषताएँ (Key Features):

      • संयुक्त स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर: यह एकीकृत उपकर स्वास्थ्य अवसंरचना और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए धन सुनिश्चित करेगा, जिससे प्राथमिक क्षेत्रों के लिए स्थिर वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
      • केवल अपद्रव्य (Demerit Goods) पर लागू: यह उपकर केवल हानिकारक उत्पादों (जैसे पान मसाला) पर लगाया जाएगा। आवश्यक और सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।
      • उत्पादन क्षमता के आधार पर उपकर: यह वास्तविक उत्पादन/बिक्री पर आधारित नहीं होगा, बल्कि स्थापित मशीनरी एवं उत्पादन क्षमता के अनुसार लगाया जाएगा, जिससे GST/एक्साइज की उपभोग आधारित प्रणाली से अलग तरीके से राजस्व प्राप्त होगा।
      • आवश्यक वस्तुओं पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं: आम जनता पर महंगाई का प्रभाव न पड़े, इसलिए सभी आवश्यक वस्तुओं को पूरी तरह मुक्त रखा गया है।

Health & National Security Cess

उद्देश्य एवं तर्क:

      • सार्वजनिक स्वास्थ्य उद्देश्य:
        • हानिकारक वस्तुओं की खपत को महँगा बनाकर हतोत्साहित करना।
        • तंबाकू और पान मसाला उत्पादों से जुड़ी दीर्घकालिक स्वास्थ्य लागत कम करना।
      • राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संसाधन:
        • रक्षा और सुरक्षा पर बढ़ते व्यय के लिए विश्वसनीय आय स्रोत।
        • GST क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद नई वित्तीय धारा की आवश्यकता।
      • स्थायी एवं निर्धारित (Ring-fenced) फंडिंग:
        • आकस्मिक बजट पर निर्भर रहने के बजाय कानूनी रूप से सुनिश्चित निधि।

राजस्व साझाकरण एवं संघीय संरचना:

      • राज्यों के साथ राजस्व साझाकरण:
        • पूर्व के अधिकांश उपकरों के विपरीत, इस उपकर से प्राप्त धन राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।
        • धन का उपयोग राज्य स्तरीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में होगा।
      • सहकारी संघवाद को मजबूती:
        • स्वास्थ्य क्षेत्र वित्त पोषण में राज्यों की भागीदारी बढ़ेगी।
        • समावेशी वित्तीय संघवाद की ओर सकारात्मक बदलाव।

नीति एवं संवैधानिक महत्त्व:

श्रेणी

उप-श्रेणी

मुख्य बिंदु

नीति एवं संवैधानिक महत्त्व

1. लक्षित पाप-वस्तु कराधान

हानिकारक/अवांछित वस्तुओं पर कर लगाता है, जबकि आवश्यक उपभोग की सुरक्षा करता है।कराधान को सार्वजनिक स्वास्थ्य लक्ष्यों के अनुरूप बनाता है।

2. प्राथमिक क्षेत्रों हेतु संसाधन संचयन

लगातार अल्प-वित्तपोषित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को समर्थन देता है।रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए वित्तीय क्षमता (fiscal space) को बढ़ाता है।

3. अधिक वित्तीय जवाबदेही

राजस्व का पृथक आवंटन (earmarking) और साझेदारी उपयोग में पारदर्शिता बढ़ाती है।

4. व्यवहारगत प्रभाव

क्षमता-आधारित कराधान अवांछित-वस्तु निर्माण इकाइयों के विस्तार को निरुत्साहित कर सकता है।


चिंताएँ एवं चुनौतियाँ:

श्रेणी

उप-श्रेणी

मुख्य बिंदु (हिंदी)

चिंताएँ एवं चुनौतियाँ

1. छोटे उत्पादकों / MSMEs पर बोझ

क्षमता-आधारित कर छोटे पैमाने के उत्पादकों को अनुपातहीन रूप से प्रभावित कर सकता है।

2. शासन में सेस-प्रधानप्रवृत्ति

सेस के अत्यधिक उपयोग से:पारदर्शिता घट सकती है,– विभाज्य पूल मानदंडों को दरकिनार किया जा सकता है,– व्यापक कर-संरचना सुधार कमजोर पड़ सकते हैं।

3. जटिल कर संरचना

• GST + उत्पाद शुल्क के ऊपर एक अतिरिक्त परत जोड़ देता है, जिससे अनुपालन और प्रशासनिक बोझ बढ़ता है।

 

निष्कर्ष:

स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र को सुदृढ़ करने तथा राष्ट्रीय सुरक्षा क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उत्पादन क्षमता आधारित उपकर मॉडल राजस्व में स्थिरता, पूर्वानुमेयता और उद्देश्यपूर्ण व्यय सुनिश्चित करेगा। साथ ही, राज्यों के साथ राजस्व साझा कर यह सहकारी संघवाद व वित्तीय पारदर्शिता को भी मजबूत करता है।