संदर्भ:
हाल ही में ग्रेट निकोबार द्वीप पर प्रस्तावित मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट वाले क्षेत्र में जैव-विविधता से जुड़ी कई महत्वपूर्ण नई प्रजातियों की खोज हुई है। वर्ष 2021 से अब तक इस क्षेत्र में लगभग 40 नई प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से लगभग आधी केवल वर्ष 2025 में ही दर्ज की गई हैं।
मुख्य खोजें:
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- इन खोजों में सबसे उल्लेखनीय खोज नई साँप प्रजाति (Lycodon irwini) है, जिसे प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई संरक्षणवादी स्टीव इरविन के सम्मान में नामित किया गया है। अब तक इस प्रजाति के केवल चार ही वैज्ञानिक रिकॉर्ड प्राप्त हुए हैं। इसकी अत्यंत सीमित भौगोलिक उपस्थिति और संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं ने अनुशंसा की है कि इस प्रजाति को IUCN रेड लिस्ट में “Endangered” (संकटग्रस्त) श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए।
- इसी क्षेत्र से एक संभावित नई पक्षी प्रजाति “ग्रेट निकोबार क्रेक (Rallina sp)” की भी रिपोर्ट की गई है। पिछले पूरे दशक में यह केवल तीन बार देखी गई है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसकी विशिष्ट शारीरिक संरचना और आकृतिगत विशेषताएँ संकेत देती हैं कि यह संभवतः एक पूर्णतः नई प्रजाति हो सकती है।
- इन खोजों में सबसे उल्लेखनीय खोज नई साँप प्रजाति (Lycodon irwini) है, जिसे प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई संरक्षणवादी स्टीव इरविन के सम्मान में नामित किया गया है। अब तक इस प्रजाति के केवल चार ही वैज्ञानिक रिकॉर्ड प्राप्त हुए हैं। इसकी अत्यंत सीमित भौगोलिक उपस्थिति और संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं ने अनुशंसा की है कि इस प्रजाति को IUCN रेड लिस्ट में “Endangered” (संकटग्रस्त) श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए।
परियोजना के बारे में:
• नीति आयोग द्वारा परिकल्पित और 2021 में प्रारंभ की गई ग्रेट निकोबार द्वीप परियोजना का उद्देश्य निम्नलिखित प्रमुख बुनियादी ढाँचे का विकास करना है:
o अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल (ICTT)
o ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
o आधुनिक टाउनशिप
o गैस–सौर ऊर्जा संयंत्र
• कार्यान्वयन एजेंसी: अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम (ANIIDCO)
• यह परियोजना मैरीटाइम विजन 2030 के अनुरूप है तथा अमृत काल विज़न 2047 की एक प्रमुख पहल के रूप में सम्मिलित है।
रणनीतिक महत्व:
1. ट्रांसशिपमेंट और व्यापार
• यह परियोजना सिंगापुर और कोलंबो जैसे विदेशी ट्रांसशिपमेंट हब पर भारत की निर्भरता को कम करेगी।
• वैश्विक सप्लाई चेन में भारत के एकीकरण (Integration) को मजबूत करेगी।
2. दोहरे उपयोग वाला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा
• नागरिक हवाई संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा देगा। साथ ही, रक्षा तैयारियों और सैन्य तैनाती क्षमता को बेहतर बनाएगा।
3. सामरिक भौगोलिक स्थिति के फायदे
• ग्रेट निकोबार प्रमुख वैश्विक शिपिंग गलियारों “मलक्का, सुंडा और लोम्बोक जलडमरूमध्य” के अत्यंत निकट स्थित है।
• यह महत्वपूर्ण व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति मार्गों पर प्रभावी निगरानी क्षमता प्रदान करता है।
• कई महत्वपूर्ण सामरिक स्थलों के समीप स्थित है, जैसे:
o सबांग (इंडोनेशिया)
o कोको द्वीप (म्यांमार)
o प्रस्तावित क्रा नहर (थाईलैंड)
• यह “कोलंबो, पोर्ट क्लैंग और सिंगापुर” तीनों के लगभग समान दूरी पर स्थित है, जिससे भारत इंडो-पैसिफिक समुद्री व्यापार नेटवर्क के केंद्र में स्थापित होता है।
4. समुद्री सुरक्षा:
• अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत की समुद्री सुरक्षा की प्रथम रक्षा पंक्ति के रूप में कार्य करते हैं।
• इनकी समुद्री सीमाएँ म्यांमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया और बांग्लादेश के साथ साझा होती हैं।
• UNCLOS (1982) के तहत विस्तृत विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) पर भारत के समुद्री अधिकारों के प्रभावी उपयोग की क्षमता को बढ़ाता है।
• नौसेना की पहुंच और कार्रवाई क्षमता निम्न खतरों के विरुद्ध मजबूत होती है:
o समुद्री डकैती
o तस्करी
o आतंकवाद
o महाशक्तियों की भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा (विशेषकर चीनी नौसेना की उपस्थिति)
ग्रेट निकोबार द्वीप के बारे में:
• ग्रेट निकोबार, 836 द्वीपों वाले अंडमान–निकोबार द्वीप समूह का हिस्सा है और टेन डिग्री चैनल के पार स्थित है।
• यह 910 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ निकोबार समूह का सबसे बड़ा द्वीप है तथा घने वर्षावनों से आच्छादित है।
• इसी द्वीप पर इंदिरा प्वाइंट स्थित है, जो भारत का सबसे दक्षिणी भूभाग है और सुमात्रा से लगभग 90 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है।
• द्वीप पर निम्न पाए जाते हैं:
o शोम्पेन और निकोबारी आदिवासी समुदाय
o दो राष्ट्रीय उद्यान
o एक नामित बायोस्फियर रिज़र्व
• ग्रेट निकोबार बायोस्फियर रिज़र्व को वर्ष 2013 में यूनेस्को की मैन एंड बायोस्फीयर (MAB) सूची में जोड़ा गया था।
निष्कर्ष:
ग्रेट निकोबार में लगभग 650 पादप प्रजातियाँ तथा 1,800 से अधिक जीव-जंतु प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से लगभग 24% प्रजातियाँ स्थानिक (Endemic) हैं, अर्थात ये केवल इसी द्वीप पर पाई जाती हैं। हाल के वर्षों में लगातार हो रही नई खोजें यह स्पष्ट करती हैं कि यह द्वीप जैव-विविधता का अत्यंत मूल्यवान भंडार है। इसलिए इसके संरक्षण की आवश्यकता अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

