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Blog / 05 Nov 2025

ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट: रणनीतिक विकास बनाम पारिस्थितिक और जनजातीय चुनौतियाँ | Dhyeya IAS

सन्दर्भ:

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन ने हाल ही में एक जीआईएस मानचित्र (GIS Map) तैयार किया है, जिससे ग्रेट निकोबार द्वीप पर जनजातीय आरक्षित भूमि के डिनोटिफिकेशन (आरक्षण समाप्ति) और रीनोटिफिकेशन (पुनः आरक्षण) के लिए क्षेत्रों की पहचान की जा सके। यह पहल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में चल रही मेगा अवसंरचना (infrastructure) परियोजना को समर्थन देने के उद्देश्य से की गई है।

ग्रेट निकोबार द्वीप (GNI) परियोजना के बारे में:

जीएनआई परियोजना का विचार नीति आयोग द्वारा किया गया था और इसे 2021 में प्रारंभ किया गया। यह ₹92,000 करोड़ की एक मेगा अवसंरचना योजना है, जिसके तहत निम्नलिखित विकास कार्य प्रस्तावित हैं:

      • अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल (ICTT)
      • ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
      • एक नया टाउनशिप
      • गैससौर ऊर्जा संयंत्र

इस परियोजना को अंडमान एंड निकोबार आइलैंड्स इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (ANIIDCO) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। यह भारत की मैरिटाइम विज़न 2030 और अमृत काल विज़न 2047 के अनुरूप है।

Great Nicobar Island project: map ready for denotification of tribal reserve  - The Hindu

यह परियोजना रणनीतिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है?

पहलू

महत्व

ट्रांसशिपमेंट हब

सिंगापुर और कोलंबो जैसे विदेशी बंदरगाहों पर भारत की निर्भरता कम करता है; भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकृत करता है।

हवाई अड्डा विकास

नागरिक संपर्क, पर्यटन और दोहरे उपयोग (सिविलडिफेंस) क्षमता को बढ़ाता है।

भूराजनीतिक स्थिति

ग्रेट निकोबार मलक्का, सुंडा और लोम्बोक जलडमरूमध्यों के समीप स्थित है ये वैश्विक व्यापार मार्ग हैं। यह कोलंबो, पोर्ट क्लैंग और सिंगापुर से समान दूरी पर है, जिससे यह क्षेत्रीय समुद्री प्रभुत्व के लिए आदर्श बनता है।

समुद्री सुरक्षा

भारत की उपस्थिति को हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में मजबूत करता है; समुद्री डकैती, तस्करी और सामरिक प्रतिस्पर्धाओं (विशेष रूप से चीन के साथ) का सामना करने में सहायता करता है।

नीतिगत समन्वय

एक्ट ईस्ट पॉलिसी” (2014) और क्वाड की हिंद-प्रशांत रणनीति के अनुरूप क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करता है।

कानूनी और पर्यावरणीय मुद्दे:

    • किसी भी जनजातीय आरक्षित भूमि के डिनोटिफिकेशन के लिए अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 (FRA) के तहत वन अधिकारों का निपटारा पूर्व-आवश्यक है।
    • परियोजना के लिए 2022 में प्रदान की गई वन और पर्यावरण स्वीकृतियों को विभिन्न न्यायालयों और अधिकरणों में चुनौती दी गई है, मुख्यतः पारिस्थितिक नाजुकता और जनजातीय अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर।

Great Nicobar Project

ग्रेट निकोबार के भूगोल का महत्व:

    • यह निकोबार समूह का सबसे बड़ा द्वीप है (910 वर्ग किलोमीटर)।
    • इसमें इंदिरा पॉइंट स्थित है जो भारत का दक्षिणतम छोर, जो सुमात्रा (इंडोनेशिया) से मात्र 90 नौटिकल मील दूर है।
    • द्वीप में दो राष्ट्रीय उद्यान और ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिज़र्व स्थित हैं, जिसे 2013 में यूनेस्को के मैन एंड बायोस्फीयर (MAB)” कार्यक्रम के तहत मान्यता प्राप्त है।
    • यह शोम्पेन (एक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह - PVTG) और निकोबारी समुदायों का घर है।

निष्कर्ष:

ग्रेट निकोबार द्वीप परियोजना रणनीतिक महत्वाकांक्षा, आर्थिक आधुनिकीकरण और क्षेत्रीय एकीकरण का संगम प्रस्तुत करती है। इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के लक्ष्यों को जनजातीय अधिकारों और पर्यावरणीय संरक्षण के साथ कितनी कुशलता से संतुलित करता है। यह परियोजना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के सतत विकास मॉडल की एक महत्वपूर्ण परीक्षण-घटना (test case) मानी जा सकती है।