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Blog / 11 Dec 2025

कुपोषण संबंधी चुनौतियों पर जारी आंकड़े

संदर्भ:

भारत सरकार ने हाल ही में संसद को सूचित किया कि पोषण ट्रैकर के आंकड़ों के अनुसार देश में पाँच वर्ष से कम आयु के लगभग 34% बच्चे ठिगने (Stunted) हैं, जबकि 15% बच्चे कम वज़न (Underweight) की श्रेणी में आते हैं। यह आँकड़े हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद बाल पोषण के जारी चुनौतियों को दर्शाते हैं।

पोषण ट्रैकर से प्रमुख निष्कर्ष

    • पोषण ट्रैकर एक डिजिटल एप्लिकेशन है जिसे मार्च 2021 में लॉन्च किया गया था। यह देशभर के आंगनवाड़ी केंद्रों (AWCs) में पंजीकृत बच्चों की निगरानी करता है।
    • अक्टूबर 2025 तक 6.44 करोड़ से अधिक 0–5 वर्ष आयु के बच्चों का कद और वज़न मापा गया।
    • उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार:
      • 33.54% बच्चे ठिगने हैं (आयु के अनुरूप कम लंबाई)
      • 14.41% बच्चे कम वज़न वाले हैं
      • 5.03% बच्चे दुबलेपतले (Wasted) हैं (ऊँचाई के अनुपात में कम वज़न)

Government Data on Malnutrition Challenges in India

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) से तुलना (2019–21)

    • ठिगनापन (Stunting): 35.5%
    • कम वज़न (Underweight): 32.1%
    • दुबलेपन (Wasting): 19.3%

ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कुपोषण के संकेतकों में धीरे-धीरे सुधार हुआ है, किंतु स्थिति अभी भी चिंताजनक है।

 भारत में कुपोषण का मुकाबला करने हेतु प्रमुख पोषण योजनाएँ:

योजना / पहल

प्रमुख विशेषताएँ

लक्षित समूह

उद्देश्य

मिशन पोषण 2.0 (सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण अभियान)

आंगनवाड़ी सेवाओं और पोषण अभियान का एकीकरणमातृ एवं शिशु पोषण, प्रतिरक्षा, व्यवहार परिवर्तन संचार पर फोकसआंगनवाड़ी ढांचे का सुदृढ़ीकरणवास्तविक समय निगरानी के लिए पोषण ट्रैकर का उपयोग

0–6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाएँ, किशोरियाँ

ठिगनापन, दुबलेपन, एनीमिया कम करना; सेवा वितरण व पोषण व्यवहार में सुधार

एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS)

पूरक पोषणवृद्धि निगरानीटीकाकरण सहयोगस्वास्थ्य जांचपोषण एवं प्रारंभिक बाल शिक्षा

0–6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाएँ, किशोरियाँ

समग्र बाल देखभाल एवं पोषण उपलब्ध कराना

पीएम पोषण (मिड-डे मील)

स्कूल बच्चों को पका हुआ भोजनपोषण, उपस्थिति और सीखने के परिणामों में वृद्धि

कक्षा 1–8 के विद्यार्थी

स्कूल पोषण में सुधार एवं भूख कम करना

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)

गर्भावस्था व प्रसव के दौरान नकद हस्तांतरणप्रसवपूर्व देखभाल, आराम, संस्थागत प्रसव हेतु प्रोत्साहन

गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाएँ

मातृ पोषण सुधारना, शिशु एवं मातृ मृत्यु दर कम करना

किशोरी बालिका योजना (SAG)

पोषण पूरकतास्वास्थ्य एवं स्वच्छता शिक्षाजीवन कौशल प्रशिक्षण

11–18 वर्ष की किशोरियाँ

पोषण एवं स्वास्थ्य स्थिति में सुधार, सशक्तिकरण

 

राष्ट्रीय रणनीति एवं अभिसरण (नीति आयोग एवं विभिन्न मंत्रालय):

राष्ट्रीय पोषण रणनीति (NITI Aayog)

      • 2030 तक सभी प्रकार के कुपोषण को कम करने का लक्ष्य (SDG-2 के अनुरूप)
      • आहार विविधता, मातृ स्वास्थ्य और प्रारंभिक बाल विकास पर विशेष ध्यान

उद्देश्य: कुपोषणमुक्त भारत बनाना

मंत्रालयों के बीच अभिसरण

शामिल मंत्रालय:

      • महिला एवं बाल विकास
      • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
      • शिक्षा
      • ग्रामीण विकास
      • जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण

उद्देश्य:
पहले 1,000 दिनों से लेकर विद्यालयी आयु और किशोरावस्था तक समन्वित पोषण कार्रवाई सुनिश्चित करना।

पोषण माह

      • वार्षिक राष्ट्रीय अभियान
      • आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूलों व ग्राम पंचायतों के माध्यम से सामुदायिक सहभागिता
      • पोषण जागरूकता एवं व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा

निष्कर्ष:

भारत ने पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुपोषण को कम करने की दिशा में प्रगति की है, किंतु अब भी लगभग एक-तिहाई बच्चे ठिगने हैं और हर छठा बच्चा कम वज़न का है। पोषण ट्रैकर और मिशन पोषण 2.0 जैसी पहलें लक्षित हस्तक्षेप के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। दीर्घकालिक सुधार के लिए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, पोषण संबंधी जागरूकता, स्वच्छता, आहार विविधता और गरीबी उन्मूलन पर सतत और समन्वित प्रयास आवश्यक हैं।