सन्दर्भ:
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रादेशिक क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन (M-CADWM) योजना को मंजूरी दी है। यह योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के अंतर्गत एक उप-योजना के रूप में वर्ष 2025–2026 में प्रारंभ की जाएगी, जिसके लिए सरकार ने प्रारंभिक तौर पर ₹1,600 करोड़ का बजट निर्धारित किया है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
1. सिंचाई तंत्र का आधुनिकीकरण: इस योजना का उद्देश्य मौजूदा सिंचाई नेटवर्क, जैसे नहरों और अन्य जल स्रोतों को आधुनिक बनाना है, ताकि खेतों तक पानी की पहुंच को बेहतर बनाया जा सके। यह माइक्रो-इरिगेशन प्रणाली को सशक्त करने हेतु आवश्यक आधारभूत ढांचे का निर्माण करेगी और खेतों तक पानी की पहुँच को बेहतर बनाएगी।
2. तकनीक आधारित स्मार्ट जल प्रबंधन: जल उपयोग दक्षता (Water Use Efficiency - WUE) बढ़ाने के लिए योजना में आधुनिक तकनीकों को शामिल किया जाएगा, जैसे:
• पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (Supervisory Control and Data Acquisition- SCADA)
• इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT)
इन तकनीकों की मदद से जल की वास्तविक समय में निगरानी, जल लेखांकन और स्मार्ट सिंचाई संभव होगी। इससे किसान डेटा आधारित निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
3. कृषि उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि: सही समय और सटीक सिंचाई से फसल की उत्पादकता बढ़ेगी, जिससे न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी और ग्रामीण जीवनस्तर में सुधार होगा।
4. स्थानीय भागीदारी द्वारा स्थायी प्रबंधन: इस योजना के अंतर्गत इरिगेशन मैनेजमेंट ट्रांसफर (IMT) की शुरुआत की जाएगी, जिसके तहत सिंचाई व्यवस्थापन की ज़िम्मेदारी जल उपयोगकर्ता समितियों (WUS) को सौंपी जाएगी। ये समितियाँ:
• सिंचाई प्रणाली का संचालन एवं रखरखाव करेंगी
• अगले 5 वर्षों तक सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त करेंगी
• किसान उत्पादक संगठन (FPOs) और प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) से जुड़कर स्थायी और सशक्त प्रबंधन सुनिश्चित करेंगी।
5. युवाओं की भागीदारी और कृषि में नवाचार: इस योजना का उद्देश्य युवाओं को आधुनिक सिंचाई तकनीकों और जल प्रबंधन के क्षेत्रों में नए अवसर प्रदान कर कृषि क्षेत्र में उनकी भागीदारी को बढ़ाना है। इससे नवाचार और दक्षता आधारित कृषि मॉडल को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यान्वयन और भविष्य की रूपरेखा:
पायलट चरण (2025–26): योजना का प्रारंभिक क्रियान्वयन देश के विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में स्थित 78 चयनित पायलट साइटों पर किया जाएगा। इस चरण में लगभग 80,000 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की संभावना है।
राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार (अप्रैल 2026 से): पायलट परियोजना से प्राप्त अनुभवों और निष्कर्षों के आधार पर, सरकार अप्रैल 2026 से एक व्यापक राष्ट्रीय योजना शुरू करेगी, जिसे 16वें वित्त आयोग की अवधि के अनुरूप पूरे देश में लागू किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बारे में:
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) की शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी। इसका उद्देश्य देश के कृषि क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करना और जल के कुशल एवं टिकाऊ उपयोग को प्रोत्साहित करना है। इस योजना का मूल मंत्र "हर खेत को पानी" है।
योजना के मुख्य उद्देश्य:
• किसानों को बेहतर और सुगम सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना।
• अधिक से अधिक क्षेत्र को सुनिश्चित सिंचाई के दायरे में लाना।
• माइक्रो-इरिगेशन तकनीकों के माध्यम से जल उपयोग की दक्षता बढ़ाना।
• जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण की तकनीकों को प्रोत्साहित करना।
निष्कर्ष
यह योजना भारत में सतत कृषि, कुशल सिंचाई और सशक्त किसान समुदायों के लोए एक दूरदर्शी पहल है। यह योजना तकनीकी नवाचार और स्थानीय सहभागिता को एकीकृत करके खेतों में जल प्रबंधन के तरीके को पूरी तरह से रूपांतरित करेगी, जिससे हर बूंद का अधिकतम लाभ सुनिश्चित हो सके।