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Blog / 20 Aug 2025

कोझिकोड में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस अलर्ट

संदर्भ:
हाल ही में केरल के कोझिकोड में स्वास्थ्य विभाग ने प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) के तीन मामलों और एक मृत्यु के बाद अलर्ट जारी किया है। यह संक्रमण नेग्लेरिया फाउलेरी नामक अमीबा के कारण होता है, जो एक दुर्लभ किंतु अत्यंत घातक मस्तिष्क संक्रमण है।

पीएएम क्या है?

प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) एक दुर्लभ, लेकिन घातक मस्तिष्क संक्रमण है, जो नेग्लेरिया फाउलेरी नामक अमीबा के कारण होता है। इसे आमतौर पर "ब्रेन-ईटिंग अमीबा" कहा जाता है। यह संक्रमण केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, विशेष रूप से मस्तिष्क और उसकी सुरक्षात्मक झिल्लियों को प्रभावित करता है।

संक्रमण का कारण और तरीका:

·        नेग्लेरिया फाउलेरी एक मुक्त-जीवित अमीबा है, जो झीलों, तालाबों, नदियों और गर्म झरनों जैसे गर्म मीठे जल स्रोतों में पाया जाता है।

·        संक्रमण तब होता है जब यह अमीबा युक्त पानी तैराकी या स्नान के दौरान नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।

·        अमीबा नासिका मार्ग से घ्राण तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचता है, जहाँ यह तीव्र गति से मस्तिष्क ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है।

Brain-Eating Amoeba Symptoms: 9-year-old girl dies due to 'brain-eating  amoeba' in Kerala, 4th death caused by contaminated water body: What is Amoebic  meningoencephalitis? Signs and symptoms | - Times of India

लक्षण और जोखिम कारक:

·        लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 5 से 10 दिनों के भीतर प्रकट होते हैं, जिनमें सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी, गर्दन में अकड़न तथा प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता शामिल हो सकते हैं।

·        जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, मरीज़ को मिर्गी के दौरे, बेहोशी और स्मृति हानि का अनुभव हो सकता है।

·        बच्चों में व्यवहार संबंधी परिवर्तन जैसे भोजन से इनकार या अत्यधिक निष्क्रियता देखी जा सकती है।

उपचार और रोकथाम:

एम्फोटेरिसिन बी और अन्य अमीबिक-रोधी दवाओं का उपयोग किया गया है, लेकिन दुर्भाग्यवश बहुत कम मरीज ही इससे बच पाए हैं।

·        रोकथाम अत्यंत महत्वपूर्ण है: विशेष रूप से गर्मियों के दौरान, गर्म और स्थिर पानी में तैरने से बचें। यदि ऐसे पानी से संपर्क अपरिहार्य हो, तो नाक क्लिप का उपयोग अवश्य करें।

मस्तिष्क संक्रमण के बारे में:

·        मस्तिष्क संक्रमण, या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) संक्रमण, तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक या परजीवी जैसे रोगजनक मस्तिष्क या उसकी सुरक्षात्मक झिल्लियों पर आक्रमण करते हैं। ऐसे संक्रमण सूजन और क्षति का कारण बनते हैं, जिससे मस्तिष्क का कार्य और संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

मस्तिष्क संक्रमण के प्रकार:

1.        मेनिन्जाइटिस

o    मस्तिष्क को ढकने वाली झिल्लियों (मेनिन्जेस) की सूजन।

o    कारण: वायरस, बैक्टीरिया, कवक या परजीवी।

2.      एन्सेफलाइटिस

o    मस्तिष्क के ऊतकों की सूजन।

o    कारण: वायरस या कभी-कभी शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली (ऑटोइम्यून)।

3.      ब्रेन एब्सेस

o    मस्तिष्क में मवाद से भरी एक थैली ।

o    कारण: बैक्टीरिया या कवक।

4.     सबड्यूरल एम्पाइमा

o    मस्तिष्क और उसकी बाहरी झिल्ली (ड्यूरा) के बीच मवाद भर जाना।

5.      ट्यूबरकुलोमा

o    मस्तिष्क में टीबी के कारण बनने वाला कठोर गाँठ जैसा ग्रंथी (ग्रैनुलोमा)।

6.     स्थानीयकृत संक्रमण (Cystic Infections)

o    मस्तिष्क में परजीवियों, प्रोटोजोआ या कवकों के कारण बनने वाली सिस्ट (गाँठ)।

7.      ऑटोइम्यून एन्सेफलाइटिस

o    जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से मस्तिष्क की कोशिकाओं पर हमला करती है।

8.     अन्य: वेंट्रिकुलिटिस, सेरेब्राइटिस, एनएमओएसडी, प्रियन रोग (टीएसई), टोक्सोप्लाज़मोसिज़।

निष्कर्ष:
कोझिकोड में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के मामले यह स्पष्ट करते हैं कि जल सुरक्षा और स्वच्छता न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए भी अत्यंत आवश्यक हैं। संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के साथ-साथ नागरिकों की जागरूकता और जिम्मेदाराना व्यवहार ही स्थायी समाधान सुनिश्चित कर सकता है।