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Brain-booster / 14 Jul 2023

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: मिलेट्स उत्पादन और खरीद बढ़ाना (Increasing Millet Production and Procurement)

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चर्चा में क्यों?

  • पोषक-अनाज फसलों के रूप में जानी जाने वाली मिलेट्स की खेती, भारत में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हालाँकि, मिलेट्स की खेती के लिए समर्पित क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है।

मिलेट्स क्या हैं?

  • मिलेट्स एक सामूहिक शब्द है जो समशीतोष्ण, उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के शुष्क क्षेत्रों में, मुख्य रूप से सीमांत भूमि पर, अनाज फसलों के रूप में खेती की जाने वाली कई छोटी बीज वाली वार्षिक घासों के लिए उपयोग किया जाता है।
  • इनमें ज्वार, बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा (कंगनी/इतालवी बाजरा), छोटी बाजरा (कुटकी), कोदो बाजरा, रागी (रागी/मंडुआ) आदि जैसे अनाज शामिल हैं।
  • सिन्धु-सरस्वती सभ्यता (3,300 से 1300 ई.पू.) में मिलेट्स की खपत के प्रमाण मिलते हैं, यह पहली फसलें थीं जिनका घरेलूकरण किया गया था।

विश्व में मिलेट्स

  • मिलेट्स अब 130 से अधिक देशों में उगाया जाता है और एशिया और अफ्रीका में आधे अरब से अधिक लोगों के लिए पारंपरिक भोजन है।
  • विश्व स्तर पर, ज्वार सबसे बड़ी मिलेट्स फसल है। ज्वार के प्रमुख उत्पादक संयुत्तफ़ राज्य अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया, भारत, अर्जेंटीना, नाइजीरिया और सूडान हैं।
  • मिलेट्स की एक अन्य प्रमुख फसल बाजरा हैं और कई देश जैसे भारत और कुछ अन्य अफ्रीकी देश इसके प्रमुख उत्पादक हैं।
  • दुनिया में प्रमुख मिलेट्स आयात करने वाले देशों में इंडोनेशिया, बेल्जियम, जापान, मैक्सिको, इटली, यूएसए, यूके, ब्राजील और नीदरलैंड शामिल हैं।

भारत में मिलेट्स

  • मिलेट्स भारत में मुख्य रूप से खरीफ की फसल है। 2018-19 के दौरान, तीन मिलेट्स फसलें अर्थात बाजरा (3.67%), ज्वार (2.13%), और रागी (0.48%), देश में सकल फसली क्षेत्र का लगभग 7 प्रतिशत थी ।
  • डीजीसीआईएस के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछले साल के 147, 501.08 मीट्रिक टन के मुकाबले लगभग 159,331.16 मीट्रिक टन बाजरा का कुल निर्यात किया है, इस प्रकार देश ने मिलेट्स निर्यात में 8.02% की वृद्धि दर्ज की है।
  • भारत के प्रमुख निर्यात गंतव्य यूएई, नेपाल, सऊदी अरब, लीबिया, ओमान, मिस्र, ट्यूनीशिया, यमन, यूके और यूएसए हैं।

मिलेट्स उत्पादन एवं खरीद को प्रभावित करने वाले कारक

  • हरित क्रांति का प्रभाव।
  • कम लाभप्रदता और इसके कारण।
  • खरीद की भूमिका।
  • बढ़ी हुई खरीद की आवश्यकता।

मिलेट्स की खपत को प्रभावित करने वाले कारक

  • आहार संबंधी आदतों और प्राथमिकताओं को बदलना।
  • खाद्य टोकरी में बढ़ती प्रतिस्पर्धा।
  • मार्केटिंग और इनोवेशन का अभाव।
  • धारणा और स्वाद प्राथमिकताएँ बदलना।

मिलेट्स की खेती बढ़ाने के लाभ

  • पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • जलवायु लचीलापन।
  • स्थायी कृषि।
  • आर्थिक सशक्तिकरण।

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