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Brain-booster / 06 Jul 2020

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: सोशल बबल्स (Social Bubbles)

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यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): सोशल बबल्स (Social Bubbles)

सोशल बबल्स (Social Bubbles)

चर्चा का कारण

  • गौरतलब है कि विश्व के कई देशों ने COVID-19 के मामलों में हो रही वृद्धि के बावजूद भी प्रतिबंधों में कुछ छूट देनी शुरू कर दी है।
  • ऐसे में प्रतिबंधों में छूट के दौरान COVID-19 संक्रमण से बचने की अनेक रणनीतियों में से एक 'सोशल बबल' के विकल्प को प्रभावी बताया जा रहा है।

सोशल बबल्स क्या होते हैं?

  • यह न्यूजीलैंड द्वारा अपनाए गए 'बबल्स' अर्थात बुलबुलों के मॉडल पर आधारित है, जहाँ इन 'बबल्स' से आशय ऐसे विशेष सामाजिक समूहों से है जिन्हें इस महामारी के दौरान एक-दूसरे से मिलने की अनुमति दी गई है।
  • इस मॉडल के तहत एक 'बबल' से आशय एक परिवार के लोगों से है जो एक साथ रहते हैं। इस मॉडल में लोगों को देखभाल करने वालों अथवा बच्चों को सम्मिलित करने हेतु अपने बुलबुले (बबल्स) को थोड़ा विस्तारित करने की अनुमति दी जा सकती है।
  • न्यूजीलैंड में लॉकडाउन के दौरान इस मॉडल को अपनाया गया तथा संक्रमण की दर के कम होने के साथ बबल्स के विस्तार की अनुमति भी दी साथ ही प्रतिबंधों में भी शिथिलता प्रदान की गयी।
  • इसके अलावा यह उन लोगों पर भी लागू होगा जो अकेले रहते हैं अथवा ऐसे लोग जो किसी एक या दो लोगों के संपर्क में रहना चाहते हैं। ऐसे लोगों का एक ही घर का होना अनिवार्य नहीं है परंतु उनका एक ही इलाके का होना अनिवार्य है।
  • इस मॉडल के तहत यदि किसी व्यत्तिफ़ में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं तो उस स्थिति में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये समूह के सभी लोगों को क्वारंटीन कर दिया जाएगा।
  • इस नीति के तहत सोशल बबल को भी कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाए रखना अनिवार्य है।

सोशल बबल्स का लाभ

  • इन बब्ल्स में, अलग किये लोगों को आपस में सामाजिक संपर्क करने की अनुमति होती है, जिससे वर्तमान सामाजिक प्रतिबंधों के कारण पड़ने वाले सबसे हानिकारक मानसिक प्रभावों को कम किया का सकता है तथा संक्रमण शृंखला के प्रसार पर भी अंकुश लगता है।
  • इसमें पृथक किये गए, अतिसंवेदनशील लोगों को आवश्यक देखभाल तथा सहायता की सुविधा प्रदान की गयी।
  • इस तरह की नीति, अन्य देशों के लिए भी सामजिक दूरी नियमों के अनुपालन को प्रोत्साहन देने तथा आवश्यक देखभाल एवं सहायता प्रदान करने हेतु प्रभावी नीति हो सकती है।
  • लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस की रिसर्च के अनुसार यह मॉडल संक्रमण के हाई रिस्क जोन में रहने वाले तथा अधिक देख-भाल की जरूरत वाले लोगों के लिए उपयोगी है। अकेले आइसोलेशन में रहने वाले, तनाव था कमजोर आर्थिक स्थिति वाले लोगों को भी अपनों का साथ मिलने से वे बेहतर फील कर सकते हैं।

कार्यस्थलों पर सोशल बबल्स की प्रासंगिकता

  • सोशल बबल्स की अवधारण को नियोक्ताओं द्वारा 'विभागीय (डिपार्टमेंटल)अथवा 'कार्य-इकाई (वर्क यूनिट)' के अनुसार कार्यस्थलों में बबल्स बनाकर भी लागू किया जा सकता है। उदाहरणार्थ, अस्पतालों और आवश्यक सेवाओं के कार्मिकों के लिए एक समान कार्य करने की शिफ्रट का गठन करके संक्रमण के जोिखम को कम किया जा सकता है।

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