(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (24th - 30th April 2020)
इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...
न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):
- 1 मई को दुनिया के कई देशों में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस...... 1 मई 1886 को हुई थी अंतराष्ट्रीय तौर पर मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत....
- 28 अप्रैल को मनाया गया कर्मचारी सुरक्षा एवं स्वास्थ्य दिवस....उद्देश्य काम के दौरान होने वाले हादसों और बीमारियों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना....
- सरकार का एहम कदम...कोरोना जांच में तेजी लाने के उद्देश्य से मोबाइल लैब को किया गया तैयार.... हर रोज एक से दो हजार नमूनों की स्क्रीनिंग की क्षमता
- 26 अप्रैल को मनाया गया बसव जयंती.....यह जयंती 12वीं शताब्दी के दार्शनिक और समाज सुधारक विश्वगुरु बसवेश्वर के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है.....
- मुंबई-दिल्लीा समेत देश के अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता में हुआ सुधार....संजीवनी बनकर आया लॉकडाउन....प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित 10 क्षेत्रों का घटा प्रदुषण स्तर....
- आईआईटी कानुपर का कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में अहम योगदान .....बनाया कोरोना किलर बॉक्स..फल और सब्जी जैसे बाहरी सामनों को रखने से ...कोरोना वायरस के संक्रमण से हो सकेंगे मुक्त....
- देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी और विद्युत मंत्रालय के एनटीपीसी लिमिटेड ने उठाया कदम.......शुरू की हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित बस, कार परियोजना....
खबरें विस्तार से:
1.
मजदूर को मजबूर समझना हमारी सबसे बड़ी गलती है, वह अपने खून पसीने की खाता है...ये ऐसे स्वाभिमानी लोग होते हैं जो थोड़े में भी खुश रहते हैं और अपनी मेहनत और लगन पर विश्वास रखते हैं....इन्हें किसी के सामने हाथ फैलाना पसंद नहीं होता है......1 मई यानी आज दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (International Labour Day मनाया गया....
जिसे लेबर डे, मई दिवस, श्रमिक दिवस और मजदूर दिवस भी कहा जाता है.....इस दिन देश की लगभग सभी कंपनियों में छुट्टी रहती है...
भारत ही नहीं दुनिया के लगभग 80 देशों में इस दिन राष्ट्रीय छुट्टी रहती है.... अंतराष्ट्रीय तौर पर मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 छियासी ) को हुई थी....अमेरिका के मजदूर संघों ने मिलकर निश्चय किया कि वे 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे, जिसके लिए संगठनों ने हड़ताल की.....1 मई 1886 छियासी) को अमेरिका की सड़कों पर तीन लाख मजदूर उतर आए..
शिकागो में 4 मई 1886 छियासी )में मजदूर आठ घंटे काम की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान शिकागो की हेय मार्केट में बम ब्लास्ट हुआ, प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए.... शिकागो शहर में शहीद मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया...
पेरिस में 1889 नवासी) में अंतराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ऐलान किया गया कि हेय मार्केट नरसंहार में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा। साथ ही साथ मजदूर दिवस पर सभी मजदूरों की छुट्टी होगी। तब से ही भारत समेत दुनिया के 80 देशों में मई दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा....
हेय मार्केट में हुए गोलीकांड के लिए एक ट्रयाल का गठन किया गया। जांच के अंत में चार अराजकतावादियों को सरेआम फांसी दे दी गई.... भारत में मजदूर दिवस कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है.... भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में हुई। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी.... इस मौके पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडे का उपयोग किया गया था। इस पार्टी के लीडर सिंगारा-वेलु चेत्ति-अर ने इस दिन को मनाने के लिए 2 जगह कार्यक्रम आयोजित किए थे..
पहली बैठक ट्रिपली-केन बीच में और दूसरी मद्रास हाईकोर्ट के सामने वाले बीच में आयोजित की गई थी.. सिंगारा-वेलु ने यहां भारत सरकार के सामने दरख्वास्त रखी थी कि 1 मई को मजदूर दिवस घोषित कर दिया जाए, साथ ही इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रखा जाए...
उन्होंने राजनीतिक पार्टियों को अहिंसावादी होने पर बल दिया था...हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था...... भारत में मजदूरों की जंग लड़ने वाले कई बड़े नेता उभरे, इन सबमें सबसे बड़ा नाम दत्तात्रेय नारायण सामंत उर्फ डॉक्टर साहेब का है...
डॉक्टर साहेब के नेतृत्व में ग्रेट बॉम्बे टेक्सटाइल स्ट्राइक हुआ, जिसने पूरे मुंबई के कपड़ा उद्योग को हिला कर रख दिया था। जिसके फलस्वरूप बॉम्बे औद्योगिक कानून 1947 सैंतालिस) का निर्माण हुआ...इसके अलावा जॉर्ज फर्नांडिस भी बड़े मजदूर नेता थे
जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व देश में व्यापक रूप से रेल हड़ताल हुई... इन्हीं आंदोलनों से उभरकर वह राष्ट्रीय राजनीति में आए.. उनका नाम आपातकाल के दौरान क्रांति करने वाले बड़े नेताओं में गिना जाता है.....
संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आने वाली अंतरराष्ट्रीय मजदूर संस्था दुनियाभर में लेबर क्लास के लोगों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में काम करती हैं....पूरी दुनिया में मजूदरों को उनके हितों के बारे में बताने के लिए मार्च और रैलियों का आयोजन कराया जाता है... ये उत्सव पूरे विश्व भर में एक ऐतिहासिक महत्व रखता है और पूरे विश्व भर में लेबर यूनियन के द्वारा मनाया जाता है..
हिंसा को रोकने के लिये सुरक्षा प्रबंधन के तहत कार्यकारी समूह के द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन, भाषण, विद्रोह जुलूस, रैली और परेड आयोजित किए जाते हैं...... अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन (आईएलओ) एक एजेंसी है जो संयुक्त राष्ट्र में उपस्थित है..... विभिन्न वर्गों के बीच में शांति प्रचारित करने के लिए, मजदूरों के मुद्दों को देखने के लिए, राष्ट्र को विकसित बनाने के लिए उन्हें तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए वर्ष 1969 उनहत्तर) में इसे नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.....मजदूर वर्ग के लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन की सभी शिकायतों को ये देखता है.....
2.
दुनियाभर में 28 अप्रैल 2020 को कर्मचारी सुरक्षा एवं स्वास्थ्य दिवस मनाया गया....काम के दौरान होने वाले हादसों और बीमारियों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल 'कर्मचारी सुरक्षा और स्वास्थ्य दिवस' मनाया जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी अभियान में कार्यस्थल पर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों को एकत्रित करने एवं उनके उचित उपयोग के लिए उनकी क्षमता में सुधार हेतु फोकस किया गया है.
यह दिवस क्यों मनाया जाता है?
कार्यस्थल पर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विश्व दिवस मुख्य रूप से कार्यस्थल पर किसी प्रकार की दुर्घटना एवं बीमारियों से बचाव का प्रसार करता है. यह जागरूकता संबंधी कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत लोगों को यह बताया जाता है कि वे कार्यस्थल पर किस तरह विभिन्न बीमारियों एवं दुर्घटनाओं से बच सकते हैं...
एक रिपोर्ट के अनुसार हर रोज़ कार्यस्थल पर होने वाली दुर्घटनाओं अथवा कार्यस्थल पर होने वाली बीमारियों के परिणामस्वरूप 6300 तरेसठ सौ ) लोग मारे जाते हैं....इसका मतलब है हर साल इसी कारण 2.3 मिलियन लोग मारे जाते हैं....और हर साल 317 मिलियन लोग कार्यस्थल पर ही दुर्घटना के कारण मारे जाते हैं....ख़राब व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के कारण वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद मंव चार प्रतिशत का अतिरिक्त बोझ पड़ता है...
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 25 सितंबर 2015 को सतत विकास लक्ष्यों हेतु एजेंडा अपनाया गया था. इसी प्रक्रिया में सतत विकास लक्ष्य 8 भी अपनाया गया....सतत विकास लक्ष्य 8 के अनुसार समावेशी और स्थायी आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोजगार तथा सभी के लिए सभ्य काम शामिल हैं...इसका लक्ष्य श्रम अधिकारों की सुरक्षा और सभी कामगारों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण उपलब्ध कराना है…संयुक्त राष्ट्र के इस लक्ष्य में प्रवासी श्रमिक, महिला प्रवासी और अनिश्चित रोजगार वाले लोग शामिल हैं...
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा इस दिवस की घोषणा की गयी. इसे प्रतिवर्ष 2003 से मनाया जा रहा है, इसका उद्देश्य कार्यस्थल पर कार्यरत कर्मचारियों को सुरक्षा एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है. आईएलओ वर्ष 2003 में ट्रेड यूनियनों के आग्रह पर इसमें शामिल हुआ.
आईएलओ द्वारा यह अभियान दुनिया भर में मजदूरों की परेशानियों एवं उनकी सुरक्षा के लिए बेहतर उपायों एवं सुविधा हेतु सरकारों को जागरूक करना है…..अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन एक त्रिपक्षीय संगठन है, इसमें सरकार, रोज़गार प्रदाता तथा कर्मचारी श्रम मानक निश्चित करने के लिए विचार विमर्श करते हैं। 2019 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 100 वर्ष पूरे हुए....इसकी स्थापना 29 उनतीस अक्टूबर, 1919 को की गयी थी। यह संयुक्त राष्ट्र के विशेषीकृत एजेंसी है। इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के कुल 187 सत्तासी ) सदस्य हैं। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानक निश्चित करता है तथा कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्य करता है ...
3.
सरकार का एहम कदम...कोरोना जांच में तेजी लाने के उद्देश्य से मोबाइल लैब को किया गया तैयार.... हर रोज एक से दो हजार नमूनों की स्क्रीनिंग की क्षमता...... 23 अप्रैल 2020 को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया लैब का उद्घाटन .....
देश में कोरोना का कहर थम नही रहा है....ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सरकार लगातार अपनी और से एहम कदम उठा रही है.....इस बीच कोरोना जांच में तेजी लाने के उद्देश्य से मोबाइल लैब को तैयार किया गया ... इस लैब का नाम है 'मोबाइल वायरोलॉजी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक्स' .....इस लैब का उद्घाटन केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 23 अप्रैल 2020 को किया है..... आपको बता दें इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है......इस मोबाइल लैब की खास बात ये है कि इसमें हर रोज एक से दो हजार नमूनों की स्क्रीनिंग की क्षमता है......
सूत्रों के अनुसार महज 15 दिन में बायो सेफ्टी लेवल 2 और लेवल 3 के लैब की शुरुआत कर दी गई....ऐसी लैब तैयार करने में लगभग छह महीने का समय लगता है लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए इसे 15 दिन में ही बनाया गया...
कोरोना वायरस की जांच के लिए देश में अपनी तरह की ये पहली लैब तैयार की गई है. देश की इस पहली मोबाइल लैब को सिर्फ 15 दिन में तैयार किया गया है.....डीआरडीओ ने कोविड-19 की स्क्रीनिंग और इस पर रिसर्च के लिए यह लैब तैयार की है.....यह ऐसा पहला मोबाइल वायरल अनुसंधान प्रयोगशाला (एमवीआरएल) है, जिससे कोविड-19 की स्क्रीनिंग और इससे संबंधित अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में तेजी आएगी. इसे डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला रिसर्च सेंटर इमारात (आरटीआई) ने ईएसआईसी अस्पताल, हैदराबाद के साथ मिलकर तैयार किया है....इस मोबाइल लैब को आईसीएमआर और विश्व स्वास्थ्य संगठन की बायोसेफ्टी स्टैंडर्ड को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. यह लैब इलेक्ट्रिकल कंट्रोल, टेलीफोन केबल और सीसीटीवी से लैस है. यह लैब कोविड की जांच तो करेगी ही, साथ में ड्रग स्क्रीनिंग के लिए वायरस का कल्चर (जांच) भी किया जा सकेगा. लैब में हर दिन 1 हजार से 2 हजार लोगों की जांच की जा सकेगी. इसे जरूरत के हिसाब से देश में कहीं भी ले जाया जा सकता है.... और साथ ही मरीजों की जांच के अलावा रिसर्च का भी काम चलेगा...कोरोना की जंग में ये एक कारगर कदम साबित हो सकता है.....
4.
हर साल 26 अप्रैल को वैश्विक रूप से बसव जयंती के रूप में मनाया जाता है... बसव जयंती 12वीं शताब्दी के दार्शनिक और समाज सुधारक विश्वगुरु बसवेश्वर के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है....इस साल ये जयंती अनुयायियों ने मिलकर डिजिटल रूप से मनाई....इस उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बसव जयंती (भगवान बसवेश्वर की जयंती) के मौके पर एक वीडियो संदेश में लोगों को शुभकामनाएं दी और भगवान बसवेश्वर को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया....
महात्मा बसवेश्वर बसवेश्वर का परिचय
महात्मा बसवेश्वर(बसव) का जन्म 1134 (चौंतीस )ईसवी में कर्नाटक के बीजापुर जिला स्थित भागेवाड़ी में हुआ था। उन्होंने उपनयन संस्कार (जनेऊ धारण) होने के बाद सिर्फ 8 साल की आयु में ही इस जनेऊ के धागे को तोड़ दिया था।
विश्वगुरु बसवेश्वर बीदर जिले के बसव-कल्याण के राजा बिज्जल के पास मंत्री भी रहे और उस दौरान कई पदों पर अपनी सेवाएं भी दी थीं। उन्होंने गरीब-अमीर और जात-पात के नाम पर समाज में हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज बुलंद की थी।
संत महात्मा बसवेश्वर ने 800 साल पहले नारी प्रताड़ना को खत्म करने की लड़ाई लड़ी। साथ ही वो शिव के उपासक थे और उन्होंने मठों, मंदिरों में फैली कुरीतियों, अंधविश्वासों और अमीरों की सत्ता को चुनौती दी। जिन्हें युग के नाम से जाना जाता है। ब्राह्मण परिवार में जन्मे बसवेश्वर ने ब्राह्मणों की वर्चस्ववादी व्यवस्था का विरोध किया। वे जन्म आधारित व्यवस्था की जगह कर्म आधारित व्यवस्था में विश्वास करते थे। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों को हटाने के लिए इस नए संप्रदाय की स्थापना की, जिसका नाम लिंगायत था।
लिंगायत संप्रदाय का परिचय
संत बसवेश्वर द्वारा स्थापित इस लिंगायत समाज को कर्नाटक की अगड़ी जातियों में गिना जाता है और राज्य की कुल आबादी का 18 फीसदी लिंगायत हैं। महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में भी लिंगायतों की अच्छी खासी आबादी है।
लिंगायत सम्प्रदाय के लोग ना तो वेदों में विश्वास रखते हैं और ना ही मूर्ति पूजा में। लिंगायत हिंदुओं के भगवान शिव की पूजा नहीं करते, लेकिन भगवान को उचित आकार "इष्टलिंग" के रूप में पूजा करने का तरीका प्रदान करता है। लिंगायतों का इष्टलिंग अंडे की गेंदनुमा आकृति होती है जिसे वे धागे से अपने गले में बांधते हैं और उसे आंतरिक चेतना का प्रतीक मानते हैं। निराकार परमात्मा को मानव या प्राणियों के आकार में कल्पित न करके विश्व के आकार में इष्टलिंग की रचना की गई है…..
5.
प्रदूषण पिछले साल देश का सबसे बड़ा मुद्दा था....इस मुद्दे पर जमकर सियासत भी हुई.... किसानों के पराली जलाने से लेकर दिवाली पर आतिशबाजी तक पर रोक लगाई गई, लेकिन दमघोंटू प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका था... दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों की स्थिति काफी खराब थी......लेकिन दिल्ली और मुंबई में प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित 10 क्षेत्रों के लिये लॉकडाउन संजीवनी बनकर आया है.....कोरोना वायरस के चलते देशभर के अधिकतर उद्योग बंद हैं, साथ ही वाहन भी सड़कों से नदारद हैं, ऐसे में दोनों शहरों के इन 10 इलाकों में या तो प्रदूषण बहुत कम हुआ है या फिर खत्म हो गया है...
क्या हुए बदलाव?
दिल्ली के विनोबापुरी, आदर्श नगर, साहिबाबाद, आश्रम रोड, पंजाबी बाग, ओखला और बदरपुर को प्रदूषण का हॉटस्पॉट कहा जाता है... दिल्ली में प्रदूषण के हॉटस्पॉट (अत्यधिक प्रदूषण वाले क्षेत्र) अब हरित क्षेत्र बन गए हैं। वहीं मुंबई के वर्ली और बोरीवली तथा भांडुप भी उन इलाकों में शुमार हैं, जहां मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (एमएमआर) के अन्य क्षेत्रों की तुलना में हवा साफ हुई है। दिल्ली और मुंबई के इन इलाकों में मुख्य रूप से औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की आवाजाही के चलते अत्यधिक प्रदूषण देखा जाता था।
सफर ने लॉकडाउन से पहले 1 मार्च से 25 मार्च तक दिल्ली, मुंबई, पुणे और अहमदाबाद में हवा में पाए गए खतरनाक वायु प्रदूषकों पीएम 2.5, पीएम10 और एनओ2 की तुलना लॉकडाउन के बाद 25 मार्च से 14 अप्रैल के दौरान हवा में मौजूद पीएम 2.5, पीएम10 और एनओ2 के स्तर से की। विश्लेषण में पाया गया कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 36 छतीस प्रतिशत, पीएम10 का स्तर 43 प्रतिशत और एनओ2 का स्तर 52 बावन प्रतिशत तक कम हो गया। वहीं मुंबई में इस अवधि के दौरान पीएम 2.5 का स्तर 39 उनतालीस फीसद, पीएम10 का 43 तैंतालीस फीसद और एनओ2 का 63 तिरेसठ फीसद तक कम हो गया है।
आंकड़ों के अनुसार, पुणे में पीएम 2.5 के स्तर में 25 प्रतिशत, पीएम10 में 26 प्रतिशत और एनओ2 में 57 सत्तावन प्रतिशत तक कमी आई है। वहीं, अहमदबाद में पीएम2.5 का स्तर 39 उनतालीस प्रतिशत, पीएम10 का स्तर 32 प्रतिशत और एनओ2 का स्तर 27 प्रतिशत तक गिर गया है। लॉकडाउन के दौरान न केवल वायु गुणवत्ता, बल्कि नदियों की सेहत में भी जबरदस्त सुधार आया है। कोरोना वायरस के चलते भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक सफर ?
भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) ने वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान हेतु सफर(System of Air Quality Forecasting And Research) प्रणाली की शुरुआत की गई थी.वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली को जून 2015 में दिल्ली और मुंबई के लिये जारी किया गया था।
सफर के जरिये वायु की गुणवत्ता को मापा जाता है जिस पर एक से लेकर 500 अंकों तक हवा की गुणवत्ता का आकलन किया जाता है.वायु गुणवत्ता सूचकांक के 51 से 100 से बीच रहने को संतोषजनक माना जाता है। इसके बाद 101 से 200 को मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है।
एक्यूआई 8 प्रदूषकों (पीएम10, पीएम 2.5, एनओ 2, एसओ 2, सीओ, ओ 3, एनएच 3 तथा पीबी) पर विचार करता है। इसके लिए अल्पकालिक (औसतन 24 घंटे की अवधि के) राष्ट्रीय व्यापक वायु गुणवत्ता मानक तय किये गये हैं।
6.
कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया कराह रही है. अमेरिका जैसे देश में भी 10 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं. विश्व भर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस के संक्रमण से निजात पाने के लिए इसकी वैक्सीन बनाने में लगे हैं. इस वायरस से बचने की अभी तक कोई दवा नहीं बन पाई है लेकिन आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा यूवी चैंबर बनाया है कि जिसमें फल और सब्जी जैसे बाहरी सामनों को रखने से वह कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो जाएंगे.....
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के विशेषज्ञों ने एक ऐसा बॉक्स तैयार किया है, जिसमें उनका दावा है कि सब्जी, फल, चीनी, दूध, दाल की पैकिंग, मोबाइल, रुपये और चाबी, आदि को सैनिटाइज किया जा सकता है। इससे निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेज कुछ ही मिनटों में वस्तुओं को बैक्टीरिया और वायरस मुक्त कर सकती है। सेंसर आधारित बॉक्स में टाइम सेट करने के बाद अलार्म बज उठता है..
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. जे रामकुमार के निर्देशन में जूनियर तकनीशियन शिवम सचान और अशोक प्रजापति ने मॉडल तैयार किया है, जिसको कोरोना किलर बॉक्स नाम दिया गया है। इस बॉक्स में कई अल्ट्रावॉयलेट लाइटें लगाई हैं, जिसकी रेंज 240 से 260 नैनोमीटर के बीच रखी गई है। एक बॉक्स की अनुमानित कीमत करीब पांच हजार रुपये है....
मास्क और पीपीई किट भी होंगे सैनिटाइज : इस बॉक्स में खाद्य पदार्थो के अलावा मास्क और पीपीई किट को भी सैनिटाइज किया जा सकेगा। इसके लिए इन्हें करीब 25 मिनट तक बॉक्स में रखना पड़ेगा..
डीआरडीओ ने पूर्व में ऐसा ही बॉक्स बनाया है। उसकी कीमत नौ हजार रुपये है जबकि आइआइटी में बॉक्स बनाने की लागत पांच हजार रुपये आई है। ज्यादा निर्माण होने पर कीमत और कम होने की उम्मीद है।
7.
नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, भारत का सबसे बड़ा बिजली उत्पादक है और विद्युत् मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। उपक्रम ने लेह और नई दिल्ली के लिए 10 हाइड्रोजन फ्यूल सेल (एफसी) आधारित इलेक्ट्रिक बसों और 10 हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित इलेक्ट्रिक कारों के लिए वैश्विक अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किये हैं। एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन) लिमिटेड द्वारा ईओआई जारी किया गया है…
हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित वाहनों की खरीद, देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें हरित ऊर्जा से लेकर फ्यूल सेल वाहन तक का संपूर्ण समाधान विकसित किया जाएगा..
इस पहल के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का भी समर्थन लिया गया है। लेह और दिल्ली की पायलट परियोजनाओं के हिस्से के रूप में हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग तथा इसके भंडारण और वितरण की सुविधाएं विकसित की जाएँगी। हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को लॉन्च करने का उद्देश्य परिवहन के क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करना भी है।
उपक्रम (पीएसयू) सार्वजनिक परिवहन के संदर्भ में पूर्ण ई-मोबिलिटी समाधान प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकी पहल कर रहा है। इसमें आम लोगों को चार्जिंग सुविधा प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण और राज्य / शहर परिवहन उपक्रमों को इलेक्ट्रिक बसें प्रदान करना शामिल हैं। इस संबंध में, विभिन्न शहरों में 90 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन और फरीदाबाद में ई – थ्री व्हीलर्स के लिए बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग स्टेशन पहले ही चालू किये जा चुके हैं। इसी तरह, अंडमान और निकोबार प्रशासन के लिए ई - बस समाधान योजना लागू की जा रही है....ऐसे में लगता है देश में जल्द ही हाइड्रोजन फ्यूल सेल (Hydrogen fuel cell) वाली और इलेक्ट्रिक कारें चलती दिखाई देंगी....ऐसा माना जा रहा है की इस तकनीक से बसों के चलाए जाने से एक तरफ जहां प्रदूषण में कमी आएगी वहीं जैविक इंधन की भी बचत होगी....
तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...
फटाफट न्यूज़ (India Roundup):
1. 23 अप्रैल को मनाया गया अंग्रेजी भाषा दिवस
दुनियाभर में 23 अप्रैल को अंग्रेजी भाषा दिवस मनाया जाता है. इसी दिन अंग्रेजी के मशहूर विलियम शेक्सपियर का जन्म हुआ था और उनकी मृत्यु भी इसी दिन हुई थी. इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने 23 अप्रैल को अंग्रेजी भाषा दिवस के तौर पर चुना. अंग्रेजी उन 6 भाषाओं में शामिल है जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने दिवस के रूप में घोषित किया है…..अंग्रेजी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, लेकिन बिजनेस और एजुकेशन में ये सबसे ज्यादा प्रचलित है. भाषा बोलने वालों की संख्या के अनुसार मंडरीन और स्पैनिश के बाद अंग्रेजी आती है. अंग्रेजी आज एक ऐसी भाषा बन गई है जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आए लोगों को साथ में जोड़ती है.
2. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने COVID-19 महामारी के दौरान संचार का प्रत्यक्ष चैनल स्थापित करने के लिये COVID इंडिया सेवा प्लेटफॉर्म की शुरुआत की…
इसका उद्देश्य COVID-19 जैसी संकट की स्थिति के दौरान रियल टाइम में पारदर्शी ई-गवर्नेंस सेवाओं को सक्रिय करना और बड़े पैमाने पर नागरिकों के प्रश्नों का उत्तर देना है…..यह (@CovidIndiaSeva) एक डैशबोर्ड के माध्यम से कार्य करता है जो बड़ी मात्रा में ट्वीट् किये गए मैसेजों को संशोधित करने में मदद करता है उन्हें समाधान योग्य बनाता है और फिर उन्हें रियल टाइम समाधान के लिये संबंधित प्राधिकरण को सौंपता है……
3. भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस, इज़रायल का पहला पूर्ण डिजिटल बैंक लॉन्च करेगी
इज़रायली वित्त मंत्रालय ने बैंकिंग सेवा ब्यूरो का निर्माण करने के लिए टीसीएस को चुना है जिसका मकसद उसके बैंकिंग क्षेत्र में बदलाव लाना है. करीब 40 साल में इज़रायल में बैंकिंग लाइसेंस पाने वाला यह पहला बैंक है और इसकी शुरुआत साल 2021 में होगी. इस पहल को वित्तीय सेवा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है.
4. COVID-19 की स्थिति के मद्देनज़र प्रत्येक रक्त समूह के वर्तमान भंडार की रियल टाइम स्थिति की निगरानी के लिये ई-रक्तकोष ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है…..
ई-रक्तकोष की शुरुआत 7 अप्रैल, 2016 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गई थी. यह एक एकीकृत ब्लड बैंक प्रबंधन सूचना प्रणाली है, जिसे सभी हितधारकों के साथ विकसित किया गया है. यह वेब-आधारित तंत्र राज्य के सभी ब्लड बैंकों को एक ही नेटवर्क से एकीकृत करता है. यह एप्लिकेशन न केवल एक मोबाइल पर निकटतम ब्लड बैंक की जानकारी प्रदान करेगा बल्कि किसी दिये गए क्षेत्र में विशेष रक्त समूह की उपलब्धता के बारे में भी बतायेगा.
5. मई 2020 के अंत तक हो सकता है कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए त्वरित परीक्षण किट निर्माण शुरु
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि इसी साल देश में कोरोना संक्रमण की परीक्षण क्षमता एक लाख प्रतिदिन तक पहुंचाने के लक्ष्य की भी पूरा हो जाएगा. मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक डॉ हर्षवर्धन ने इस दिशा में वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश में आगामी मई के अंत तक स्वदेशी तकनीक पर आधारित त्वरित परीक्षण एंटीबॉडी किट और आरटीपीएस किट का निर्माण शुरु हो जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने समीक्षा के दौरान कहा कि स्वदेशी रैपिड टेस्ट और आरटी-पीसीएस डायग्नोस्टिक किट बनाने के मामले में मई 2020 तक हमारा देश आत्मनिर्भर हो जाएगा.
6. मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस ने 2020 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर किय 0.2 फिसद
जबकि मार्च में उसने 2.5 फीसदी वृद्धि दर रहने की उम्मीद जताई थी. हालांकि, मूडीज़ ने 2021 में वृद्धि दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. वहीं, मूडीज़ ने कहा कि साल 2020 में चीन की वृद्धि दर 1 फीसदी रह सकती है..
7. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए भारत को ऋण देने की दी मंज़ूरी
इस लोन का इस्तेमाल संक्रमण पर काबू पाने, इसे फैलने से रोकने के साथ-साथ आर्थिक रूप से पिछड़े तबके के लोगों की सामाजिक सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. एडीबी के प्रेजिडेंट मासत्सुगु असा-कावा ने कहा कि वह इस अप्रत्याशित चुनौती से निपटने में पूरी तरह भारत सरकार के साथ हैं.
8. केंद्र सरकार ने बंदरगाहों पर काम करने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमण होने से मौत होने पर उनके परिजनों को मुवावजा देने की घोषणा की
केंद्र सरकार ने 50 लाख रुपए का मुवावजा ..सरकार ने कहा है कि कोविड- 19 के कारण मृत्यू होने पर मुआवजे की यह घोषणा 30 सितंबर 2020 तक के लिए है. उसके बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी. जहाजरानी मंत्रालय ने इस संबंध में एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा है कि बंदरगाह द्वारा सीधे अनुबंध पर रखे गये और अन्य ठेका कर्मचारी सहित सभी बंदरगाह कर्मचारियों को यह सुविधा उपलब्ध होगी. मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि सभी प्रमुख बंदरगाह कोरोना वायरस संक्रमण से किसी कर्मचारी की मौत होने की स्थिति में उनके कानूनी वारिस को मुआवजा अथवा अनुग्रह राशि उपलब्ध कराएंगे.
9. केंद्र सरकार ने औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों के तहत बैंकिंग उद्योग को 21 अक्टूबर तक के लिये सार्वजनिक उपयोगिता सेवा घोषित किया
केंद्र सरकार द्वारा की गई इस घोषणा का अर्थ है कि अधिनियम लागू रहने की अवधि तक बैंकिंग उद्योग के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा कोई हड़ताल आयोजित नहीं की जाएगी. यह निर्णय श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय द्वारा कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के मद्देनज़र लिया गया है. कोरोनावायरस के कारण लागू किये गए लॉकडाउन के प्रभावस्वरूप, भारत की आर्थिक गतिविधियाँ काफी अधिक प्रभावित हुई हैं. बैंकिंग उद्योग को सार्वजनिक उपयोगिता सेवा घोषित करने का प्रमुख उद्देश्य COVID-19 महामारी के फलस्वरूप आर्थिक संकट का सामना कर रहे ग्राहकों को सुरक्षा एवं बेहतर सेवा प्रदान करना है.
10. हाल ही में मध्य प्रदेश ने ‘जीवन शक्ति योजना’ नामक एक नई योजना की लांच
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ‘जीवन शक्ति योजना’ नामक एक नई योजना लांच की है. इस योजना का उद्देश्य शहरी महिलाओं को मास्क बनाने के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी आजीविका बनाए रखने के लिए उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
11. 29 उनतीस अप्रैल को मनाया गया अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 उनतीस अप्रैल 1982 बयासी से हुई. यूनेस्को के अंतरराष्ट्रीय थिएटर इंस्टिट्यूट की अंतरराष्ट्रीय डांस कमेटी ने 29 उनतीस अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया. एक महान रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है.
12. पीवी सिंधु को विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के 'आई एम बैडमिंटन' जागरुकता अभियान के लिए एबेंस्डर चुना गया है….
विश्व चैंपियन पीवी सिंधू सहित आठ खिलाड़ियों को विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) के आई एम बैडमिंटन जागरूकता अभियान के लिए एबेंस्डर चुना गया है. सिंधू के अलावा कनाडा के मिशेल ली, चीन के झेंग सी वेई और हुआंग या कियोंग, इंग्लैंड के जैक शेपर्ड, जर्मनी के वालेस्का नोब्लाच, हांगकांग के चान हो युएन और जर्मनी के मार्क ज्वेलबर शामिल हैं. इस अभियान में खिलाड़ियों को बैडमिंटन खेल के प्रति अपना लगाव और सम्मान व्यक्त करने का मंच दिया जाता है. इसमें वे ईमानदारी से और साफ सुथरा खेल खेलने की वकालत करते हैं.
13. भारतीय बैडमिंटन संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण ने संयुक्त तौर पर 20 अप्रैल 2020 को पुलेला गोपीचंद के नेतृत्व में ऑनलाइन कोच विकास कार्यक्रम की शुरुआत
यह कार्यक्रम तीन सप्ताह तक हफ्ते में 5 दिन चलेगा और इस दौरान संपूर्ण कोर्स को (उनतालीस) विषयों में बाँटा गया है. इस ऑनलाइन कोच विकास कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षकों को शीर्ष स्तर के कोचों से विस्तार से सीखने का मौका मिलेगा. पहले सत्र में कोच पुलेला गोपीचंद के अतिरिक्त दो विदेशी कोच भी मौज़ूद थे. खेल विशेषज्ञों के अनुसार, यह बेहतरीन मंच है जिसके ज़रिये विदेशी कोचों का अनुभव प्रत्येक स्तर पर भारतीय प्रशिक्षकों तक पहुँच सकेगा और उनके कौशल में वृद्धि होगी. यह कार्यक्रम 8 मई तक चलेगा.
14. भारत ने गवईं पुरुषों की विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप 2021 की मेजबानी
भारत ने पुरुषों की विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप 2021 की मेजबानी गंवा दी. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ मेजबानी की फीस नहीं भर सका था.....लिहाजा, अब वो इस प्रतियोगिता का आयोजन नहीं कर पाएगा. अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ ने साल 2017 में किया गया करार तोड़कर अब सर्बिया को मेजबानी सौंपी है...
तो इस सप्ताह के इण्डिया दिस वीक कर्यक्रम में इतना ही। परीक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी और भी तमाम महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए सब्सक्राइब कीजिए हमारे यूट्यूब चैनल ध्येय IAS को। नमस्कार।