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Blog / 02 Dec 2019

(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (23rd - 29th November 2019)

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(India This Week) Weekly Current Affairs for UPSC, IAS, Civil Service, State PCS, SSC, IBPS, SBI, RRB & All Competitive Exams (23rd - 29th November 2019)



इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम का मक़सद आपको हफ्ते भर की उन अहम ख़बरों से रूबरू करना हैं जो आपकी परीक्षा के लिहाज़ से बेहद ही ज़रूरी है। तो आइये इस सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरों के साथ शुरू करते हैं इस हफ़्ते का इण्डिया दिस वीक कार्यक्रम...

न्यूज़ हाईलाइट (News Highlight):

  • अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने हासिल की एक और बड़ी कामयाबी। अमेरिका की 13 नैनो सैटेलाइटों के साथ थर्ड जनरेशन के कार्टोसैट-3 उपग्रह का किया इसरों ने किया सफलतापूर्वक प्रक्षेपण।
  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम UNEP ने जारी की उत्सर्जन गैप रिपोर्ट 2019 । पिछले 10 सालों में वैश्विक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में हर साल 1.5 डिग्री सेल्सियस की हुई है वृद्धि
  • केंद्र सरकार ने लोकसभा में पेश किया दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव का विलय कराने सम्बंधित एक विधेयक। बेहतर सुविधाओं और कुशल प्रशासन के मद्देनज़र हो रहा है इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का आपस में विलय
  • राज्य सभा से भी पारित हुआ ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकारों की सुरक्षा विधेयक 2019 । ट्रांसजेंडरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उनके सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक महत्व को बढ़ाने के मक़सद से किए गए हैं इस विधेयक में कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान
  • पाँच साल के लिये और बढ़ा उग्रवादी समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड पर लगा प्रतिबंध। जबरन वसूली और हत्या जैसी कई हिंसक गतिविधियों में लिप्त होने के अलावा भारत विरोधी ताकतों की मदद करने के चलते केंद्र सरकार ने लगाया है बोडोलैंड पर प्रतिबन्ध
  • जारी हुआ लोकपाल का लोगो और आदर्श वाक्‍य। प्रयागराज के प्रशांत मिश्र ने बनाया है लोकपाल का लोगो और ईशोपनिषत से लिया गया है लोकपाल का आदर्श वाक्‍य
  • जैव-प्रौद्योगिकी की तकनीक से बने गोल्डन राइस को उगाने की मंज़ूरी दे सकता है बांग्लादेश। गोल्डन राइस में मौजूद विटामिन-ए के चलते ये कई संक्रामक रोगों से लड़ने में है सक्षम।
  • आयोजित हुआ भारत का पहला और सबसे बड़ा जैव-प्रौद्योगिकी सम्मेलन ग्लोबल बायो-इंडिया समिट 2019 । जैव-प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से आयोजित इस सम्मलेन को हर साल आयोजित किए जाने की बनाई जा रही है योजना

खबरें विस्तार से:

1.

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की। बीते दिनों भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान परिषद् इसरो ने थर्ड जनरेशन के कार्टोसैट-3 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। इस उपग्रह को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV - C47 के ज़रिए लॉन्‍च किया गया। कार्टोसैट-3 उपग्रह के साथ ही अमेरिका के भी 13 नैनो सैटेलाइटों को लंच किया गया है। इस मिशन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि कार्टोसेट 3 को आसमान में भारत की आंख कहा जा रहा है।

कार्टोसैट-3 उपग्रह को धरती से 509 किलोमीटर की ऊँचाई पर सूर्य तुल्यकालिक कक्षा यानी Sun Synchronous Orbit में स्थापित किया गया। इसरो के मुताबिक़ ये उपग्रह रिमोट सेंसिंग के मामले में दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ होगा। कार्टोसेट-3 के हर कैमरे में 25 सेंटीमीटर के ग्राउंड रेज़ोल्यूशन की क्षमता होगी। इसका मतलब ये है कि कार्टोसेट-3 पृथ्वी पर मौजूद किसी भी वस्तु के छोटे हिस्से की भी 509 किमी की ऊंचाई से यह बेहद साफ तस्वीरें ले सकेगा। भारत के पास अब तक जितने ऑब्जरवेटरी सैटेलाइट्स मौजूद हैं उनमें कार्टोसेट 3 सबसे उन्नत किस्म का है। कार्टोसेट 3 पहली ऐसी सैटेलाइट है जो पेनक्रोमैटिक मोड में 16 किमी दूरी की स्पेशियल रेंज कवर कर सकता है। इसके अलावा यह मल्टी-स्पेक्ट्रम और हाइपर स्पेक्ट्रम को भी आसानी से कैप्चर कर सकता है। साथ ही कार्टोसैट - 3 से मिलने वाली हाई रेज़ोल्यूशन तस्वीरों का इस्तेमाल कई अन्य अनुप्रयोगों में भी किया जा सकता है। इनमें कार्टोग्राफी, अवसंरचना योजना निर्माण, शहरी एवं ग्रामीण विकास, उपयोगिता प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधन इवेंट्री एवं प्रबंधन और आपदा प्रबंधन जैसे काम शामिल हैं। कार्टोसैट-3 की इन्हीं सब खासियतों की वजह से इसे शार्पेस्ट आई या आसमान में भारत की आंख भी कहा जा रहा है। आपको बता दें कि कार्टोसैट-3 उपग्रह कार्टोसेट श्रृंखला का 9 वां उपग्रह है। इस शृंखला का पहला उपग्रह साल 2005 में प्रक्षेपित किया गया था। कार्टोसैट-3 उपग्रह का वज़न 1625 किलोग्राम है जो कि इस वर्ग के पहले के सभी उपग्रहों के भार से दोगुना है। PSLV - C47 से प्रक्षेपित होने के बाद कार्टोसेट-3 बंगलौर में मौजूद इसरो के टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क के नियंत्रण में है। कार्टोसेट 3 के बाद इसरो दो और सर्विलांस सैटलाइट लॉन्च करेगा जिनमें रीसैट-2 बीआर 1 और रीसैट2बीआर2 शामिल हैं। इसरो इन्हें पीएसएलवीसी 48 और सी49 की मदद से दिसंबर में श्रीहरिकोटा से लॉन्च करेगा।

2.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम UNEP ने बीते दिनों उत्सर्जन गैप रिपोर्ट 2019 जारी की है। UNEP की इस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के संभावित खतरों को लेकर चिंता जाहिर की गई है। रिपोर्ट में इस बात का भी ज़िक्र है कि यदि वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में 2020-30 के दौरान प्रतिवर्ष 7.6 प्रतिशत की कमी नहीं की गई तो पेरिस समझौते के तहत किये गए 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को हासिल कर पाना संभव नहीं होगा। रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले 10 सालों में वैश्विक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में हर साल 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी हुई है और इसके चलते मौजूदा वक़्त में कुल वैश्विक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन 55 दशमलव 3 गीगाटन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर हो गया है।

उत्सर्जन गैप रिपोर्ट 2019 के मुताबिक पेरिस समझौते के तहत तय सभी लक्ष्यों का पालन किए बग़ैर जलवायु परिवर्तन के संभावित खतरों से बचा नहीं जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि मौजूदा वक़्त में पेरिस समझौते के तहत तय सभी लक्ष्यों का पालन किया भी जाता है, तो भी 2030 तक वैश्विक तापमान में 3.2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होगी और इसका जलवायु पर बेहद ही गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। उत्सर्जन गैप रिपोर्ट 2019 में बताया गया है कि दुनिया का 78 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन G20 देशों द्वारा होता है। जबकि G20 देशों में शामिल चीन, अमेरिका, भारत और यूरोपियन यूनियन जैसे देश मिलकर कुल 55 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं। पेरिस समझौते के तहत क़रीब 65 देशों ने 2050 तक अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को शून्य तक लाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन इसके लिए फिलहाल सिर्फ कुछ ही देशों ने रणनीति बनाई है।

दरअसल संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम UNEP द्वारा जारी की जाने वाली उत्सर्जन गैप रिपोर्ट के ज़रिए ये आकंड़े इकठ्ठा किए जाते हैं कि जलवायु परिवर्तन पर क़ाबू पाने के लिये हमें क्या करना चाहिये और हक़ीक़त में हम क्या कर रहे हैं। उत्सर्जन गैप रिपोर्ट के ज़रिए कार्बन उत्सर्जन को निर्धारित लक्ष्यों तक कम करने के लिये ज़रूरी स्तर और मौजूदा वक़्त के कार्बन उत्सर्जन स्तर का अंतर निकाला जाता है।

3.

हाल ही में केंद्र सरकार ने दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव का विलय कराने सम्बंधित एक विधेयक लोकसभा में पेश किया है। केंद्र शासित प्रदेशों का विलय विधेयक, 2019 के तहत सरकार इन दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों का आपस में विलय कराके एक नया केंद्रशासित प्रदेश बनाना चाहती है। दरअसल इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के विलय के पीछे सरकार के कुछ ख़ास मक़सद शुमार हैं। इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि दोनों केंद्रशासित प्रदेशों के विलय से सेवा दक्षता में सुधार और कागज़ी कामकाज को कम होगा जिससे यहां के नागरिकों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने अपनी न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन की नीति को ध्यान में रखते हुए भी ये फैसला लिया है।

ये दोंनों ही केंद्रशासित प्रदेश गुजरात के नज़दीक पश्चिमी तट पर मौजूद हैं। इन दोंनों केंद्रशासित प्रदेशों पर लंबे वक़्त तक पुर्तगालियों का शासन रहा। भारत को आज़ादी मिलने के करीब एक दशक से अधिक समय के बाद दिसंबर 1961 में दोंनों को पुर्तगाली शासन से आज़ादी मिली। गौर करने वाली बात ये है कि 1961 से 1987 तक दमन-दीव, गोवा केंद्रशासित प्रदेश का हिस्सा था। लेकिन 1987 में जब गोवा केंद्रशासित प्रदेश से राज्य बना तो दमन-दीव को भी अलग केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया। मौजूदा वक़्त में इन दोंनों ही केंद्रशासित प्रदेशों के अलग-अलग सचिवालय हैं। इसके अलावा एक ओर जहां दमन एवं दीव में दो ज़िले हैं तो वहीं दादरा नगर हवेली में सिर्फ एक ही ज़िला है। इस विधेयक से अब मौजूदा 9 केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या भी घटकर अब आठ हो जाएगी। इससे पहले जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के प्रभावी होने के बाद केंद्र शासित प्रदेशों के संख्या बढ़ कर 9 हो गई थी।

4.

राज्यसभा से ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकारों की सुरक्षा विधेयक 2019 ध्वनिमत से पारित हो गया है। राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद अब ये विधेयक क़ानून का रूप ले लेगा। इससे पहले 5 अगस्त 2019 को लोकसभा ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। दरअसल विधेयक में ट्रांसजेंडरों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उनके सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए कुछ ज़रूरी प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा ये विधेयक ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को अधिकार देगा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों को भी रोकेगा। इन अपराधों में यौन हिंसा, शारीरिक हिंसा, वर्क प्लेस में ट्रांसजेंडर होने के चलते होने वाला भेदभाव या नौकरी देने में होने वाला भेदभाव भी शामिल होगा।

ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकारों की सुरक्षा विधेयक 2019 के मुताबिक़ ट्रांसजेंडर व्यक्ति वो है, जिसका लिंग उसके जन्म के समय निर्धारित हुए जेंडर से मेल नहीं खाता हैं। इनमें ट्रांस-मेन, ट्रांस-विमन, इंटरसेक्स या जेंडर-क्वियर और सोशियो-कल्चर आइडेंटिट से संबंध रखने वाले लोग भी शामिल हैं। ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकारों की सुरक्षा विधेयक 2019 के पारित होने से ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के हितों की रक्षा होगी। साथ ही विधेयक में ट्रांसजेंडर के ख़िलाफ़ अपराध करने लोगों के लिए दंड का भी प्रावधान किया गए हैं। इन कृत्यों में भीख मंगवाना, बंधुआ मज़दूरी करवाना और सार्वजानिक स्थानों का प्रयोग करने से रोकने जैसे कार्य शामिल है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर समुदाय को परिवार या गांव में निवास से रोकना, शारीरिक, यौन, मानसिक, और आर्थिक उत्पीङन करने वाले लोगों के लिए 6 महीने से 2 साल तक की सज़ा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक राष्ट्रीय परिषद की भी व्यवस्था की गई है। नेशनल काउंसिल फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन के नाम से बनने वाला ये परिषद केंद्र सरकार को सलाह देगा। इसके अलावा ये इस कानून का ट्रांसजेंडर्स पर क्या असर हो रहा है उसके बारे में भी जानकारी उपलब्ध करायेगा। हालाँकि कुछ ऐसे मुश्किलें भी हैं जिनको लेकर ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। दरअसल इस विधेयक में प्रावधान है कि आईडी कार्ड के लिए ट्रांसजेंडरों को मजिस्ट्रेट के पास जाना होगा जहां मेडिकल ऑफिसर उनके शरीर की जांच करेगा। ऐसे में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों का कहना है कि ये विधेयक उन्हें सेल्फ-आइडेंटिफिकेशन का राइट नहीं देता। इसके अलावा 15 अप्रैल 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने जब ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता प्रदान की थी तो इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को ओबीसी का दर्जा दिए जाने की बात कही थी। जबकि मौजूदा विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

5.

बीते दिनों केंद्र सरकार ने उग्रवादी समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड पर लगे प्रतिबंध को पाँच साल के लिये और बढ़ा दिया है। सरकार ने ये फैसला NDFB पर जबरन वसूली और हत्या जैसी कई हिंसक गतिविधियों में लिप्त होने के कारण लिया गया है। इसके अलावा उग्रवादी समूह बोडोलैंड पर भारत विरोधी ताकतों की मदद करने के भी आरोप हैं। केंद्र सरकार ने अपने इस फैसले के दौरान इस संगठन द्वारा की गई घटनाओं की संख्या का भी ज़िक्र किया है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ इस संगठन ने जनवरी 2015 से अब तक क़रीब 62 हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया है। इन घटनाओं में क़रीब 19 लोगों की हत्या की गई है। इसके अलावा इस दौरान लगभग 55 चरमपंथी मारे गए हैं और 450 चरमपंथियों को गिरफ्तार भी किया गया है। साथ ही इस उग्रवादी समूह के पास से 400 से अधिक हथियार बरामद किये गए हैं।

बोडो असम का सबसे बड़ा जनजातीय समूह है। भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत बोडो समुदाय के लोग भारत की एक महत्त्वपूर्ण जनजाति में शुमार है। असम में बोडो जनजातीय समूह कुल जनसँख्या का क़रीब 5- 6 फीसदी से अधिक है। असम के 4 जिले कोकराझार बक्सा, उदालगुरी और चिरांग मिलकर बोडोलैंड प्रांतीय क्षेत्रीय जिले का निर्माण करते है । बोडो जनजातीय समूह के लोगों का सशस्त्र संघर्ष और अलगाववादी मांगों का एक लंबा इतिहास रहा है। ये उग्रवादी संगठन अपने अस्तित्व से ही भारत से अलग एक स्वतंत्र और संप्रभु बोडोलैंड देश की स्थापना करने की कोशिशें करता रहा है। क़रीब 28 साल पहले 1986 में बना ये संगठन सामूहिक नरसंहार के लिए कुख्यात है और ऐसे हमलों में वो अब तक हजार से भी ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। इस संगठन की हरकतों के चलते भारत सरकार ने इस ग्रुप को आतंकी गुट की श्रेणी में डाल रखा है। इस ग्रुप में फिलहाल 1200 के करीब आतंकी हैं, जो अक्सर सुरक्षा बलों और गैर बोडो समुदाय पर हमला करते रहते हैं। इस गुट का शीर्ष नेतृत्व बांग्लादेश से चलता है। जिसे म्यांमार और भूटान के रास्ते मदद मिलती है। इसके अलावा एनडीएफबी को अघोषित तौर पर चीनी मूल के संगठनों से भी मदद मिलती है। साल 2006 में एनडीएफबी और भारत सरकार के बीच संघर्ष विराम का समझौता भी हुआ था, लेकिन ये 6 महीने तक ही चला था क्योंकि एनडीएफबी ने लोगों पर हमले करने की नीति नहीं छोड़ी थी और न ही अपने हथियार डाले थे।

6.

बीते दिनों लोकपाल के अध्‍यक्ष न्‍यायमूर्ति पिनाकी चन्‍द्र घोष ने लोकपाल के लोगो और आदर्श वाक्‍य की घोषणा की। लोकपाल के इस लोगो का शाब्दिक अर्थ लोक और पाल के रूप में परिभाषित किया गया है। यहां लोक का अर्थ जहां जनता से है तो वहीं पाल को जनता की देखभाल करने वाला बताया गया है। इस मौके पर लोकपाल के आदर्श वाक्‍य “मा गृधः कस्यस्विद्धनम्” को भी अपनाया गया। ईशोपनिषत से अपनाए गए संस्कृत भाषा के इस वाक्य का अर्थ है कि - हमें दूसरों के धन के प्रति लालची नहीं होना चाहिए। ईशोपनिषत को ईशावास्य उपनिषद भी कहा जाता है।

कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक लोगो का चयन त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया के आधार पर उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद के रहने वाले प्रशांत मिश्र की डिजाइन को लोकपाल के लोगो के लिए चुना गया है। लोकपाल का ये लोगो इस बात की और इशारा करता है कि किस तरह से लोकपाल विधि के मुताबिक़ न्‍याय स्‍थापित करके भारत की जनता की रक्षा और देखभाल करता है। इसके अलावा लोगों में जजों की बेंच, तीन मानव आकृति, अशोक चक्र, कानून की किताब और न्यायपालिका को दर्शाया गया है। दरअसल एक लंबे प्रयास और तमाम आंदोलनों के बाद 23 मार्च को भारत के पहले लोकपाल की घोषणा की गई थी। इस मौके पर राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पीसी घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया गया। भारत में सबसे पहले केएम मुंशी ने बजट के दौरान संसद में लोकपाल के मुद्दे को उठाया था। इसके बाद प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग की 1966 की सिफारिश पर साल 1968 में लोकपाल विधेयक पहली बार संसद में पेश किया गया। लेकिन उस समय ये पास नहीं हो सका। बाद में, लोकपाल विधेयक को साल 1971, 1977, 1985, 1989, 1996, 1998, 2001, 2005, 2008 और 2011 में पेश किया गया। लेकिन हर बार ये विधयेक किसी न किसी बाधा के चलते पारित नहीं हो सका। इस तरह तमाम नाकाम कोशिशों के बाद साल 2013 में दोनों सदनों से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने इस बिल को मंजूरी प्रदान कर दी थी । लोकपाल क़ानून 2013 के मुताबिक़ कोई भी व्यक्ति लोकसेवकों के भ्रष्टाचार को लेकर लोकपाल से शिकायत कर सकता है। गौर करने वाली बात ये है कि प्रधानमंत्री को भी लोकपाल के दायरे में लाया गया है, लेकिन इसके लिए कुछ सुरक्षा उपाय भी किये गए हैं।

7.

बीते दिनों बांग्लादेश ने कहा कि वो अपने यहां गोल्डन राइस किस्म के चावल को उगाने की मंजूरी दे सकता है। दरअसल गोल्डन राइस की ख़ासियत ये है कि इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन-ए मौजूद है जो कई संक्रामक रोगों से लड़ने में सक्षम है। एक शोध के मुताबिक़ बांग्लादेश में क़रीब 21 प्रतिशत से अधिक बच्चों में विटामिन ए की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में बांग्लादेश इस समस्या से निजात पाने के लिए ये क़दम उठा रहा है। आपको बता दें कि बांग्लादेश में जिस गोल्डन राइस को उगाने की बात की जा रही है, वो फिलीपींस स्थित अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई है। संस्थान के मुताबिक़ यह चावल की किस्म पारंपरिक किस्म से ज़्यादा महंगी नहीं होगी।

वैज्ञानिक बहुत सालों तक धान की ऐसी किस्म की खोज में लगे रहे जिसके चावल में बीटा कैरोटिन पाया जाता हो। हालाँकि उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली। ऐसे में सिर्फ ब्रीडिंग के जरिए ही धान की एक ऐसी किस्म तैयार नहीं की जा सकती थी जो बीटा कैरोटिन से भरपूर हो। 1990 के दशक में जैव-तकनीकी की सहायता से बीटा कैरोटिन युक्त चावल को विकसित करने का प्रोजेक्ट शुरू किया गया और 2000 तक आते आते जैव-प्रौद्योगिकी की तकनीक से जी॰एम॰ धान की गोल्डन राइस वैरायटी बनाई गई। इस किस्म के एक किलोग्राम चावलों में ~8 मिलीग्राम बीटा कैरोटिन पाया जाता है जिससे इनका रंग पीला- सुनहरा दिखता है। यदि मनुष्य इस धान को खाए तो उनके शरीर के भीतर बीटा कैरोटिन से विटामिन-ए बन जाता है।

दरअसल एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देशों में रहने वाले गरीब लोग अपना पेट चावल खाकर ही भरते हैं। ऐसे में उनके आहार में पर्याप्त फल-सब्जी, दूध और मांसाहार का अभाव रहता है। इसका असर ये होता है कि उनके शरीर में विटामिन-ए की भारी कमी हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वे के मुताबिक़ चावल पर गुजारा करने वाले 26 देशों के लगभग 40 करोड़ से ज्यादा लोगों में विटामिन-ए की कमी है और इसके कारण हर साल 5 लाख बच्चे रतौंधी या अंधेपन का शिकार हो जाते हैं। साथ ही विटामिन-ए की कमी के चलते लाखों बच्चों की मौत भी हो जाती है। दरअसल विटामिन-ए मनुष्य व अन्य प्राणियों के समुचित विकास के लिए बेहद ही ज़रूरी है। यह आंखों की रोशनी, हड्डियों की वृद्धि, मांसपेशियों की मजबूती और रक्त में कैल्सियम का स्तर सही बनाये रखने के साथ-साथ हमें अलग - अलग रोगाणुओं से लड़ने की भी ताकत भी देता है। मनुष्य और दूसरे स्तनधारी जीव खुद से विटामिन-ए का निर्माण नहीं कर सकते। इसके लिए उन्हें दूध, मांसाहार, सब्जियों और फलों का सहारा लेना पड़ता है जिसमें मौजूद बीटा कैरोटिन को विटामिन-ए में तब्दील होकर इस कमी को पूरा करते हैं।

8.

बीते दिनों भारत के पहले और सबसे बड़े जैव-प्रौद्योगिकी सम्मेलन ग्लोबल बायो-इंडिया समिट 2019 का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में जैव-औषधि, जैव-कृषि, जैव-औद्योगिक, जैव-ऊर्जा और जैव-सेवाएं से जुड़े क्षेत्रों की प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा हुई। इसके अलावा इस मौके पर भारत के जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र की क्षमता को प्रदर्शित करने, पहचान बनाने, अवसरों का सृजन करने और विचार-विमर्श करने का भी अवसर मिला।

तीन दिवसीय ग्लोबल बायो-इंडिया समिट 2019 का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग DBT ने अपने सार्वजनिक उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद BIRAC के साथ मिलकर किया था। इस आयोजन के लिए अन्य भागीदारों में भारतीय उद्योग परिसंघ CII, एसोसिएशन ऑफ बायोटेक्नोलॉजी लेड एंटरप्राइजेज ABLE और इन्वेस्ट इंडिया शामिल थे। इस मौके पर जैव-प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने कहा कि इस मेगा इवेंट की जबरदस्त सफलता से उत्‍साहित होकर विभाग सभी हितधारकों के समर्थन से ग्लोबल बायो-इंडिया समिट को एक वार्षिक कार्यक्रम में बदलने की योजना बना रहा है। दरअसल जैव-प्रौद्योगिकी को तेजी से उभरने वाला क्षेत्र माना गया है जो 2025 तक भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को 5 ट्रिलियन के लक्ष्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

9.

बीते दिनों फ्यूल सेल में प्रयोग होने वाले महंगे प्लैटिनम कैटेलिस्ट की जगह वैज्ञानिकों ने एक किफायती विकल्प की खोज की है। IIT मद्रास और ब्रिटेन व चीन के वैज्ञानिकों ने जिरकोनियम नाइट्राइड नैनोपार्टिकल्स के रूप में ऐसा विकल्प विकसित किया है जो फ्यूल सेल में इस्तेमाल होने वाले प्लैटिनम कैटेलिस्ट से किफायती होगा। दरअसल फ्यूल सेल में इस्तेमाल होने वाले प्लैटिनम कैटेलिस्ट की लागत काफी अधिक होती है। देखा जाए फ्यूल सेल में लगने वाले प्लैटिनम उत्प्रेरक की लागत सेल के कुल मूल्य की करीब 20 प्रतिशत होती है।

प्लैटिनम एक ऐसी दुर्लभ धातु है जिसकी प्रति ग्राम कीमत करीब तीन हजार रुपये तक होती है। जबकि वैज्ञानिकों ने फ्यूल सेल के लिए जिस जिरकोनियम नाइट्राइड नैनोपार्टिकल्स की खोज की है वो पृथ्वी पर भरपूर मात्र में मौजूद है। साथ ही जिरकोनियम प्लैटिनम के मुक़ाबले 700 गुना तक सस्ता भी है। शोधकर्ताओं के मुताबिक़ जिरकोनियम नाइट्राइड, न सिर्फ प्लैटिनम आधारित कामों को कुशलता से पूरा करता है, बल्कि कई मायनों में जिरकोनियम नाइट्राइड को प्लैटिनम कैटेलिस्ट के मुकाबले ज़्यादा बेहतर पाया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर फ्यूल सेल के लिए इन नैनोपार्टिकल्स का इस्तेमाल किया गया तो आने वाले वक़्त में सस्ते और बेहतर फ्यूल सेल देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा तेजी से बदलती डिजिटल दुनिया में फ्यूल सेल और मेटल-एयर बैटरियां आने वाले वक़्त में ऊर्जा के क्षेत्र में नए परिवर्तनों को जन्म दे सकती हैं। आपको बता दें कि फ्यूल सेल रसायनिक प्रक्रिया द्वारा बिजली उत्पन्न करने वाला एक साधन है। सकारात्मक कैथोड और नकारात्मक एनोड फ्यूल सेल के दो इलेक्ट्रोड होते हैं। रासायनिक प्रक्रियाएं इन्हीं दो इलेक्ट्रोडों में होती है क्योंकि इसमें ईंधन की आपूर्ति बाहर से की जाती है, और सेल के अंदर ईंधन समाहित नहीं होता, इस प्रकार से यह सूखी सेल से अलग होती है। जब तक ईंधन सेल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति मिलती रहती है, ये बिजली पैदा करती रहती है।

10.

बीते दिनों लोकसभा ने राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान संशोधन विधेयक-2019 पारित हो गया। इस विधेयक में प्रावधान है कि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम और हरियाणा में मौजूद चार राष्ट्रीय डिजाइन संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के रूप में घोषित किया जाएगा। ये संस्थान मौजूदा वक़्त में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम-1860 के तहत सोसायटी के रूप में पंजीकृत हैं और डिग्री या डिप्लोमा देने की शक्ति नहीं रखते हैं।

संस्थान संशोधन विधेयक-2019 विधेयक राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अधिनियम-2014 में संशोधन के लिए लाया गया है। ये विधेयक इन चारों राष्ट्रीय डिजाइन संस्थानों को सामाजिक रूप से समावेशी बनने में मदद करेगा। साथ ही कृषि, स्वास्थ्य देखभाल व परिवहन सहित अलग - अलग क्षेत्रों में डिजाइन की जरूरतों को भी पूरा करेगा। इसके अलावा राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान संशोधन विधेयक-2019 के तहत ये संस्थान अब डिग्री और डिप्लोमा की डिग्री प्रदान कर सकते हैं। हालाँकि राष्ट्रीय डिजाइन विधेयक को अब अधिनियम बनने से पहले राष्ट्रपति की सहमति की ज़रूरत होगी। इससे पहले ये अगस्त में मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा द्वारा भी पारित किया जा चुका है।

11.

संसद में सवाल-जवाब के दौरान सरकार ने बताया है कि देश की निचली और जिला अदालतों में क़रीब तीन करोड़ चौदह लाख मामले लंबित हैं। इनमें से लगभग चौदह फीसद मामले दस साल या इससे भी ज्यादा पुराने हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा और गुजरात ऐसे राज्य है जहां 10 साल से अधिक पुराने मामले अदालतों में लंबित हैं। विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से पेश किए गए राष्ट्रीय न्यायिक डाटा के आंकड़ों के मुताबिक़ एक ओर जहां मौजूदा वक़्त में सुप्रीमकोर्ट में कुल 59 हज़ार आठ सौ सड़सठ मामले लंबित हैं। तो वहीं हाईकोर्टों में इससे भी ज़्यादा 44 लाख 76 हज़ार छ सौ 25 मामले अटकें हुए हैं। इसके अलावा जिला एवं निचली अदालतों में तो ऐसे मामलों का अम्बार लगा हुआ है। यहां क़रीब 3 करोड़ से भी ज़्यादा मामले लंबित हैं।

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ग्लोबल माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 के मुताबिक़ भारत दुनिया में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का सबसे बड़ा देश है। इस रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत के क़रीब 1 करोड़ 75 लाख प्रवासी अलग - अलग देशों में रह रहे हैं। इतनी बड़ी तादात में अलग - अलग दशों में रहने वाले इन प्रवासी भारतीयों के द्वारा भारत शीर्ष धन प्रेषण प्राप्त करने वालों देशों की सूची में पहले पायदान पर है। ग्लोबल माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 के मुताबिक अलग - अलग देशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों द्वारा सबसे अधिक 78.6 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि भेजी गई है।

संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रवासी एजेंसी द इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ने अपने 2020 की ग्लोबल माइग्रेशन रिपोर्ट में कहा है कि 2019 में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या अब क़रीब 27 करोड़ होने का अनुमान है। अमेरिका को प्रवासियों ने सबसे बेहतर जगह माना है जहां लगभग 5.1 करोड़ प्रवासी रह रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया भर में भारत के क़रीब 1 करोड़ 75 लाख प्रवासी अलग - अलग देशों में रह रहे हैं, जोकि अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का सबसे बड़ा देश है। ग्लोबल माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 मुताबिक़ 2018 में अंतरराष्ट्रीय धन प्रेषण भी बढ़कर 689 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। जिनमें तीन शीर्ष धन प्रेषण प्राप्त करने वालों में भारत 78.6 अरब अमेरिकी डॉलर, चीन 67.4 अरब अमेरिकी डॉलर और मेक्सिको 35.7 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ शीर्ष पर बना हुआ हैं। इसके अलावा अमेरिका शीर्ष धन प्रेषित करने वाला देशों की सूची में टॉप पर है जहां से क़रीब 68 अरब अमेरिकी डॉलर भेजे जाते हैं। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अर्ब का नंबर आता है जहाँ से क्रमश: 44.4 और 36.1 अरब अमेरिकी डॉलर भेजे जाते हैं।

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क्यूएस वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी एशिया रैंकिंग 2020 में ज़्यादातर भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट दर्ज़ की गई है। क्यूएस वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी एशिया रैंकिंग 2020 के मुताबिक़ देश का कोई भी संस्थान अन्य एशियाई संस्थानों की तुलना में शीर्ष 30 में जगह नहीं बना सका है। पिछले साल सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान IIT मुंबई भी पिछले साल के मुकाबले एक पायदान फिसलकर 34वें स्थान पर आ गया। इसके अलावा IIT दिल्ली की भी रैंकिंग में भी तीन पायदान की गिरावट आई है और वो 43वें स्थान पर बना हुआ है।

क्यूएस 2020 रैंकिंग में भारत के कुल 96 विश्वविद्यालय शामिल हैं। हालाँकि भारत की कोई भी यूनिवर्सिटी शीर्ष 30 में जगह नहीं बना पाईं। इन 96 विश्वविद्यालयों में से कुल 20 विश्वविद्यालयों ने पहली इस रैंकिंग में जगह बनाई है। इसके अलावा इस रैंकिंग में चीन का वर्चस्व क़ायम है। क्यूएस वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी एशिया रैंकिंग 2020 में चीन के कुल संस्थानों की संख्या 118 है। साथ ही चीन के चार संस्थान शीर्ष 10 में भी शामिल हैं। गौर करने वाली बात ये है कि करीब पांच साल पहले चीन का केवल एक संस्थान शीर्ष विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल था।

तो ये थी पिछली सप्ताह की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरें...आइये अब आपको लिए चलते हैं इस कार्यक्रम के बेहद ही ख़ास सेगमेंट यानी इंडिया राउंडअप में.... जहां आपको मिलेंगी हफ्ते भर की कुछ और ज़रूरी ख़बरें, वो भी फटाफट अंदाज़ में...

फटाफट न्यूज़ (India Roundup):

1. स्टार पहलवान बजरंग पुनिया को मिला देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड। 25 साल के बजरंग को इस साल पद्मश्री सम्मान से किया गया था सम्मानित।

2. 25वें कान्‍फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ का स्‍पेन के मैड्रिड में होगा 2 से 13 दिसम्‍बर के बीच आयोजन। चिली की अध्‍यक्षता में हो रहा है इस सम्मलेन का आयोजन भारतीय की और से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर इस सम्मलेन में शिरकत करेंगे। बता दें कि इस सम्मलेन का मुख्य मकसद 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौतों को लेकर उभरे राजनैतिक मतभेदों को दूर करना और इस सहमति के नियमों को ज़्यादा मज़बूती प्रदान करना है।

3. भारत-श्रीलंका के बीच 1 - 14 दिसंबर के बीच आयोजित होगा मित्रशक्ति सैन्य अभ्यास का सातवां संस्करण। विदेशी प्रशिक्षण नोड पुणे में आयोजित किया जाएगा ये अभ्यास । हर साल भारत और श्रीलंका में बारी-बारी से इस अभ्यास का आयोजन करते हैं। इस संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास का मक़सद भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच बेहतर समबन्धों को विकसित करना है।

4. शौधकर्त्ताओं ने की अरुणाचल प्रदेश में साँप की एक नई प्रजाति की खोज। ट्रेकिसियम आप्टे रखा गया है साँप की इस नई प्रजाति का नाम . इस नए प्रजाति के सांप को ये नाम बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के मशहूर समुद्री जीवविज्ञानी और निदेशक दीपक आप्टे के सम्मान में दिया गया है। बता दें कि ये नई प्रजाति का सांप विषहीन बिल खोदने वाला साँप है जो अरुणाचल प्रदेश के ज़ीरो कस्बे में मौजूद टैली घाटी वन्यजीव अभ्यारण्य में पाया गया है। दरअसल ट्रेकिसियम प्रजाति के साँप आमतौर पर पतले होते है और मौजूदा वक़्त में इसकी सात प्रजातियाँ हैं। ये सातों प्रजातियां हिमालय, इंडो-बर्मा तथा भारत-चीन क्षेत्रों में पाई जाती हैं।

5. असमिया गमोसा बनाने वाले एक गैर-सरकारी संस्थान को सौंपा गया दुर्लभ असम रूफ्ड टर्टल के संरक्षण का काम। पूर्वोत्तर भारत और पूर्वोत्तर व दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश के पहाड़ी इलाकों में ताज़े पानी में पाए जाते हैं असम रूफ्ड टर्टल। इसके अलावा असम रूफ्ड टर्टल प्रकृति के संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों की श्रेणी में भी शामिल है।

6. पाकिस्तान बना टाइफाइड से निपटने के लिए टीका बनाने वाला दुनिया का पहला देश। टाइफाइड कंजुगेट वैक्सीन TCV नाम से विकसित किया है पकिस्तान ने टाइफाइड के लिए ये टीका

7. चिट फंड संशोधन विधेयक 2019 को मिली संसद से मंजूरी । इसके ज़रिए पहले से चले आ रहे चिट फंड अधिनियम 1982 में किए गए हैं कुछ महत्त्वपूर्ण बदलाव।

8. 10 लाख करोड़ का मार्केट कैप छूने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी रिलायंस इंडस्ट्रीज। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के मुताबिक़, रिलायंस इंडस्ट्रीज आने वाले दो सालों में बन सकती है 200 अरब डॉलर के मार्केट कैप को छूने वाली पहली भारतीय कंपनी

9. दिल्ली में आयोजित हुआ कृषि सांख्यिकी पर 8वाँ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था ये कार्यक्रम। इस कार्यक्रम की थी सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु कृषि परिवर्तन के आँकड़े रहा है। ये देश में कृषि सांख्यिकी से संबंधित इस तरह का पहला सम्मेलन है।

10. केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने किया लोकप्रिय लेखिका डॉ. अनीता भटनागर जैन द्वारा बच्चों के लिए लिखित तीन पुस्तकों – कुम्भ, गरम पहाड़ और दिल्ली की बुलबुल का विमोचन। ये तीनों पुस्तकें बच्चों के लिए कहानी संग्रह हैं और इसमें पर्यावरण तथा सामाजिक, सांस्कृतिक, एकता और सांस्कृतिक विरासत जैसे विषयों को सहज और दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

11. 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले को लेकर जोरो पर चल रही हैं तैयारियां। ग्रीन कुंभ की थीम पर हरिद्वार कुंभ-2021 का आयोजन। इस बार के कुम्ब मेले में गंगा की शुद्धता और पर्यावरण की रक्षा पर होगा विशेष फोकस।

12. मणिपुर की राजधानी इम्‍फाल में आयोजित हुआ 23 से 25 नवंबर के बीच आठवां अंतरराष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट-2019 । 19 देशों के 34 विदेशी प्रतिनिधि देश के घरेलू पर्यटन उद्योग के 49 प्र‍तिनिधियों ने की शिरकत ।

13. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने साइबर अपराध से निपटने के लिए ख़रीदे तीन नए सॉफ्टवेयर। नष्ट किए गए ऑनलाइन साक्ष्यों का पता लगाने में सक्षम होंगे ये सॉफ्टवेयर। दिल्ली पुलिस ने जिन तीनों सॉफ्टवेयरों को साइबर अपराध को कम करने में ख़रीदा है उनमें क्लाउड फॉरेंसिक सिस्टम, मोबाइल फॉरेंसिक सिस्टम और नेटवर्क फॉरेंसिक सिस्टम शामिल हैं।

14. केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम पर लगे बैन को पांच साल के लिए और बढ़ाया । गृह मंत्रालय मुताबिक़ उल्फा हिंसक गतिविधियों, हत्याएं, अपहरण और रंगदारी जैसी गतिविधियों में रहा है शामिल। इस उग्रवादी संगठन का मक़सद असम को भारत से मुक्त कराना है साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाना है।

15. भारत और नेपाल के बीच 3 से 16 दिसंबर के बीच आयोजित होगा संयुक्त सैन्य अभ्यास 'सूर्य-किरण- XIV नेपाल में आयोजित होगा ये अभ्यास। बता दें की सैन्य अभ्‍यास सूर्य किरण एक वार्षिक आयोजन है। ये अभ्यास हर साल नेपाल और भारत में बीच होता रहता है।

16. 26 नवंबर को मनाया गया राष्ट्रीय दुग्ध दिवस। श्‍वेत क्रांति के जनक डॉ0 वर्गीज़ कुरियन के जन्‍मदिवस के उपलक्ष में मनाया जाता है भारत में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस। अंतराष्ट्रीय स्तर पर विश्व दुग्ध दिवस एक जून को जबकि भारत में यह 26 नवंबर को मनाया जाता है।

17. ट्रांसपेरेंसी इंटरनैशनल सर्वे के मुताबिक, भारत में रिश्वतखोरी की घटनाओं में आई है 10 प्रतिशत की कमी । इंडिया करप्शन सर्वे 2019 के लिए 20 राज्यों में किया गया था सर्वेक्षण। सर्वेक्षण में करीब 2 लाख लोग थे शामिल ।

18. सर्वे के मुताबिक, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरला, गोवा और ओडिशा में भ्रष्टाचार के मामले सबसे कम पाए गए, जबकि राजस्थान, बिहार, यूपी, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब में सबसे अधिक मामले सामने आए। भारत ने भ्रष्टाचार अनुमान की सूची में पिछले साल के मुताबिक तीन रैंक का सुधार किया है। अब यह 180 देशों की सूची में 78वें स्थान पर है।

19. पूर्वोत्तर राज्यों की सांस्कृतिक विरासत से सीधा अनुभव कराने के मक़सद से वाराणसी में आयोजित हुआ “डेस्टीनेशन नार्थ ईस्ट” सम्मलेन। पहली बार वाराणसी में आयोजित हुआ है ये कार्यक्रम

20. वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया की मदद से फलों एवं दुग्ध उत्पादों से बनाई टैगाटोज नाम की चीनी। सामान्य चीनी के मुकाबले सिर्फ 38 फीसद है इस चीन में कैलोरी । टैगाटोज नाम की इस चीनी को अमेरिका के खाद्य नियामक एफडीए से मंजूरी मिल चुकी है।

21. स्पेन बना टेनिस का नया वर्ल्ड चैंपियन। डेविस कप के फाइनल में कनाडा को 2-0 से हरा कर स्पेन बना टेनिस का नया वर्ल्ड चैंपियन

22. महशूर कार्टूनिस्ट सुधीर धर का कार्डिक अरेस्ट के कारण निधन। द स्टेटसमैन से शुरुआत करने वाले सुधीर धर ने कई भारतीय अखबारों के अलावा विदेशी अखबारों में किया है काम।

23. देश के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी शो न्यू जेन मोबिलिटी समिट 2019 का इंटरनेशनल सेंटर ऑफ ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी मानेसर में हुआ आयोजन। भारत समेत दुनिया के 15 देशों के ऑटोमोटिव क्षेत्र के दिग्गजों ने की शिरकत। बता दें कि समिट में ऑटोमोटिव क्षेत्र के सभी नीति निर्धारक, उत्पादक, ट्रेडर्स एवं इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड वाहन उत्पादकों को आमंत्रित किया गया था।

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