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Video Section / 09 Feb 2022

कोरोनल मास इजेक्शन तथा भू-चुंबकीय तूफ़ान - समसामयिकी लेख

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की वर्ड्स :- कोरोनल मास इजेक्शन, भू-चुंबकीय तूफ़ान, सोलर मैक्सिमा, सोलर मिनिमा, सौर तूफ़ान

चर्चा में क्यों?

स्पेसएक्स कंपनी द्वारा यह कहा गया है कि सौर विकिरण से उत्पन्न एक भू-चुंबकीय तूफान के फलस्वरूप कम्पनी के स्टारलिंक इंटरनेट के संचार नेटवर्क के भाग के रूप में लांच किये गए 49 उपग्रहों में से 40 निष्क्रिय हो चुके हैं।

कोरोनल मास इजेक्शन क्या है?

  • कोरोनल मास इंजेक्शन (सीएमई) अथवा सौर तूफ़ान, सूर्य के कोरोना से सौर वायु में प्लाज्मा के रिलीज होने की घटना है जो चुंबकीय क्षेत्र से भी संबद्ध है। सीएमई सौर फ्लेयर्स और सौर गतिविधि के अन्य रूपों से जुड़े होते हैं, परन्तु इन संबंधों की व्यापक रूप से स्वीकृत या सैद्धांतिक समझ स्थापित नहीं हो सकी है।
  • यदि कोई सीएमई अंतरग्रहीय परिक्षेत्र में प्रवेश करता है तो इसे अंतरग्रहीय (इंटरप्लेनेटरी) कोरोनल मास इजेक्शन (आईसीएमई) कहा जाता है। आईसीएमई पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर तक पहुंचने और टकराने में सक्षम हैं, जहां वे भू-चुंबकीय तूफान, औरोरा तथा कभी-कभी विद्युत पावर ग्रिड को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • सोलर मैक्सिमा की स्थिति में प्रतिदिन 3 सीएमई उत्पन्न होते हैं वहीं सोलर मिनिमा की स्थिति में पांच दिनों में लगभग एक सीएमई उत्पन्न होता है।
  • भू-चुंबकीय तूफ़ान, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को व्यापक रूप से प्रभावित करता है। सौर पवन, पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्ष में ऊर्जा का कुशल संचार करता है। किसी सीएमई के पृथ्वी से टकराने पर भू-चुंबकीय तूफान का जन्म होता है।

क्या सौर तूफ़ान मानव प्रजाति के लिए संकट है?

  • सौर तूफान पृथ्वी की सतह पर मनुष्यों के लिए खतरनाक नहीं हैं। पृथ्वी के वायुमंडल के आवरण के कारण हम सौर तूफानों के प्रभावों से सुरक्षित रहते हैं। ध्यातव्य है कि सूर्य पर तूफान अरबों वर्षों से हो रहे हैं, अतः यह माना जा सकता है कि पृथ्वी पर सारा जीवन इन सौर तूफानों के होने के उपरांत ही विकसित हुआ है। अतः इसे पृथ्वी पर जीवन के विकास में महत्वपूर्ण माना जा सकता है। अतः यह माना जा सकता है कि सौर तूफ़ान हमारे पृथ्वी की सतह के लिए संकट नहीं हैं। पृथ्वी का वायुमंडल और मैग्नेटोस्फीयर हमारे मानव शरीर को सौर ग्लेयर के प्रभाव से बचाते हैं।
  • परन्तु सौर तूफ़ान अंतरिक्ष में मनुष्यों के लिए अत्यंत खतरनाक हैं। सीएमई द्वारा आवेशित उच्च ऊर्जा वाले कण मनुष्यों और अन्य लोगों के लिए विकिरण विषाक्तता पैदा कर सकते हैं। अतः ये सौर तूफ़ान अप्रशिक्षित अंतरिक्ष यात्रियों के लिए संकट हैं। भारी मात्रा में सौर तूफ़ान इन यात्रियों के लिए संकट हो सकता है।

पृथ्वी पर सौर तूफान या सीएमई के प्रभाव :-

  • सभी सौर ज्वालाएं पृथ्वी तक नहीं पहुचतीं परन्तु सौर ज्वालाओं/ तूफ़ान के कारण ऊर्जावान कण (एसईपी), उच्च गति वाली सौर हवाएं, तथा पृथ्वी के अंतरिक्ष क्षेत्र के पास पहुंचने वाली सौर ज्वालाएं/तूफ़ान पृथ्वी के अंतरिक्ष और ऊपरी वातावरण में अंतरिक्ष मौसम को प्रभावित कर सकते हैं।
  • .सौर तूफान वैश्विक पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस), रेडियो और उपग्रह संचार जैसी अंतरिक्ष-निर्भर सेवाओं के संचालन को प्रभावित कर सकते हैं। भू-चुंबकीय तूफान उच्च आवृत्ति वाले रेडियो संचार और जीपीएस नेविगेशन सिस्टम में हस्तक्षेप करते हैं। इस दौरान विमान उड़ानें, पावर ग्रिड और अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम की असुरक्षा बढ़ जाती है । उदाहरणस्वरूप सौर विकिरण से उत्पन्न एक भू-चुंबकीय तूफान के फलस्वरूप स्पेसएक्स कम्पनी के स्टारलिंक इंटरनेट संचार नेटवर्क के भाग के रूप में लांच किये गए 49 उपग्रहों में से 40 निष्क्रिय हो चुके हैं।
  • सीएमई, लाखों मील प्रति घंटे की गति से यात्रा करने वाले इजेक्टाइल के साथ, संभावित रूप से भू-चुंबकीय क्षेत्र (जो पृथ्वी के चारों ओर सुरक्षा कवच है) में दिक्कत उत्पन्न कर सकते हैं। स्पेसवॉक पर अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी के सुरक्षात्मक वातावरण के बाहर सौर विकिरण के संभावित जोखिम से स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है।
  • सीएमई द्वारा जारी ऊर्जावान प्रोटॉन आयनमंडल में विशेष रूप से उच्च अक्षांश ध्रुवीय क्षेत्रों में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या में वृद्धि का कारण बन सकते हैं। मुक्त इलेक्ट्रॉनों में वृद्धि रेडियो तरंग अवशोषण (विशेष रूप से आयनोस्फीयर के डी-क्षेत्र के भीतर) को बढ़ा सकती है, जिससे ध्रुवीय कैप अवशोषण की घटनाएं होती हैं।
  • प्रभावी और उच्च विद्युत धाराएं जो ऑरोरल घटनाओं के समय पृथ्वी की सतह के साथ आती हैं, विद्युत पावर ग्रिड को बाधित करती हैं। उदाहरणस्वरूप एक सीएमई के कारण उत्तरपूर्वी यू.एस. के कुछ हिस्सों में विद्युत् की अनियमितता का सामना करना पड़ा इस मामले में 6 मिलियन से अधिक लोगों की विद्युत् आपूर्ति नौ घंटे के लिए को काट दी गई थी।
  • सौर तूफ़ान के कारण आज तक की सबसे बड़ी भू-चुंबकीय हानि संभवतः 1859 में हुई थी। इसे कैरिंगटन इवेंट के नाम से जाना जाता है। इसने उस समय नव निर्मित संयुक्त राज्य टेलीग्राफ नेटवर्क को निष्क्रिय कर टेलीग्राफ ऑपरेटरों को अचम्भे में दाल दिया था।

आगे की राह :-

  • यह एक प्राकृतिक घटना है जिसे हम रोक नहीं सकते। इन तूफानों के प्रभाव को कम करने के लिए भविष्यवाणी तथा रोकथाम का उपयोग किया जा सकता है।
  • उदाहरणस्वरूप स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर में लगातार पृथ्वी की सतह तथा सौर गतिविधियों की निगरानी की जाती है। इसके द्वारा पृथ्वी को प्रभावित करने वाले सौर तूफानों के बारे में पहले से अलर्ट हुआ जा सकता है।
  • एक सीएमई के कारण कई सेटेलाइटस (पृथ्वी से भेजे गए) को सुरक्षा के लिए कुछ समय के लिए बंद करना पड़ता है। इसी तरह पृथ्वी-आधारित पावर ग्रिड को अग्रिम चेतावनी के साथ अतिरिक्त ग्राउंडिंग प्रदान कर पुन: कॉन्फ़िगर किया जा सकता है।
  • सरकारों तथा वैज्ञानिको को इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिससे प्रभावशाली सौर गतिविधियों के प्रभावों के शमन के लिए उपयुक्त सिस्टम तथा प्रक्रिया बनाई जा सके।

स्रोत :- Livemint

सामान्य अध्ध्य्यन प्रश्नपत्र 1
  • महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय परिघटनाएं

मुख्य परीक्षा प्रश्न:

  • कोरोनल मास इजेक्शन से आप क्या समझते हैं और यह पृथ्वी को कैसे प्रभावित करता है? समालोचनात्मक विश्लेषण करें। [200 शब्द]