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Daily-static-mcqs 10 Jun 2024

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: इतिहास एवं कला–संस्कृति (History & Culture) 10 Jun 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQ क्विज: इतिहास एवं कला–संस्कृति (History & Culture)

Q1:

सोमनाथ मंदिर के संबंध मे निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. इस मंदिर का निर्माण सातवीं सदी मे बल्लभी के मैत्रक राजाओं ने कराया था।

2. महमूद के आक्रमण के बाद चालुक्य शासक भीम ने इसका पुनर्निर्माण कराया था।

उपर्युक्त कथनों मे से कौन सा से सही है / हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

सर्वप्रथम एक मन्दिर ईसा के पूर्व में अस्तित्व में था जिस जगह पर द्वितीय बार मन्दिर का पुनर्निर्माण सातवीं सदी में वल्लभी के मैत्रक राजाओं ने किया। आठवीं सदी में सिन्ध के अरबी गवर्नर जुनायद ने इसे नष्ट करने के लिए अपनी सेना भेजी। गुर्जर प्रतिहार राजा नागभट्ट ने 815 ईस्वी में इसका तीसरी बार पुनर्निर्माण किया। इस मन्दिर की महिमा और कीर्ति दूर-दूर तक फैली थी। इसके बाद गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इसका पुनर्निर्माण कराया। वर्ष 1297 में जब दिल्ली सल्तनत ने गुजरात पर कब्जा किया तो इसे पाँचवीं बार गिराया गया। मुगल बादशाह औरंगजेब ने इसे पुनः वर्ष 1706 में गिरा दिया। इस समय जो मंदिर खड़ा है उसे भारत के गृह मन्त्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया और पहली दिसम्बर 1955 को भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया। अतः कथन 1 और 2 दोनों सही है।


                            

Q2:

निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिए:

1. पाशुपत संप्रदाय की स्थापना लकुलीश ने की थी।

2. कापालिक संप्रदाय के उपासक भैरव को शिव का अवतार मानते हैं।

3. पाशुपत संप्रदाय का उल्लेख मालती माधव मे मिलता था।

उपर्युक्त कथनो मे से कितने सही हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

पाशुपत संप्रदाय की उत्पत्ति ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में हुई थी। पुराणों के अनुसार, इस संप्रदाय की स्थापना लकुलीश अथवा लकुली नामक ब्रह्मचारी ने की थी। इस संप्रदाय के अनुयायी लकुलीश को शिव का अवतार मानते हैं। कापालिक संप्रदाय के उपासक भैरव को शिव का अवतार मानकर उनकी उपासना करते थे। इस मत के अनुयायी सुरा का सेवन करते हैं एवं मांस खाते हैं, शरीर पर श्मशान की भस्म लगाते हैं तथा हाथ में नरमुंड धारण करते हैं। भवभूति के 'मालतीमाधव' नाटक से पता चलता है कि 'श्रीशैल' नामक स्थान कापालिकों का प्रमुख केंद्र था। अतः सभी कथन सही है।


                            

Q3:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. शून्यवाद का प्रवर्तन नागार्जुन ने किया था।

2. नागार्जुन ने प्रतीत्यसमुत्पाद को ही शून्यता कहा है।

3. असंग ने विज्ञानवाद का प्रतिपादन किया था।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

माध्यमिक या शून्यवाद मत के प्रवर्तक नागार्जुन हैं, जिनकी प्रसिद्ध रचना 'माध्यमिककारिका' है। इसे सापेक्षवाद भी कहा जाता है, जिसके अनुसार प्रत्येक वस्तु किसी--किसी कारण से उत्पन्न हुई है और वह उन पर निर्भर है। नागार्जुन ने 'प्रतीत्यसमुत्पाद' को ही शून्यता कहा है।


असंग ने विज्ञानवाद का प्रतिपादन किया था। असंग और उनके सौतेले भाई वसुबंधु को विज्ञानवाद के प्रमुख शास्त्रीय भारतीय संस्कृत प्रतिपादक माना जाता है। विज्ञानवाद को योगाचार या 'चेतना का सिद्धांत' भी कहा जाता है। यह बौद्ध दर्शन और मनोविज्ञान की एक प्रमुख शाखा है। यह भारतीय महायान की उपशाखा है। इस सम्प्रदाय की स्थापना ईसा की तीसरी शताब्दी में मैत्रेय या मैत्रेयनाथ ने की थी। इस दर्शन का विकास असंग और वसुबंधु ने किया।


अतः उपर्युक्त तीनों कथन सही है।


                            

Q4:

जैन धर्म से संबन्धित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. स्थूलभद्र के अनुयायी 'दिगंबर' कहलाए।

2. भद्रबाहु के अनुयायी 'श्वेतांबर' कहलाए।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: D

स्पष्टीकरण:

जैन धर्म दो भागों में बंटा हुआ है: 1. श्वेतांबर, 2. दिगंबर जैन धर्म के श्वेतांबर संप्रदाय के संस्थापक स्थूलभद्र थे। स्थूलभद्र के शिष्य श्वेतांबर कहलाए। वहीं, भद्रबाहु ने जैन धर्म के दिगंबर संप्रदाय की स्थापना की। भद्रबाहु के शिष्य दिगंबर कहलाए। श्वेतांबर साधु सफेद कपड़े पहनते हैं। वहीं, दिगंबर साधु नग्न रहते हैं। अतः उपर्युक्त दोनों कथन सही नहीं है।


                            

Q5:

जैन धर्म से संबन्धित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. सम्भूतविजय तथा भद्रबाहु महावीर द्वारा प्रदत्त चौदह पूर्वो के विषय में जानने वाले अंतिम व्यक्ति थे।

2. चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में पाटलिपुत्र में प्रथम जैन सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें श्वेतांबर आगम का संपादन किया गया।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

'चौदह पूर्व' प्राचीनतम जैन ग्रंथ हैं। अंतिम नंद राजा के समय में सम्भूतविजय तथा भद्रबाहु जैन संघ के अध्यक्ष थे तथा ये ही महावीर द्वारा प्रदत्त चौदह पूर्वी के विषय में जानने वाले अंतिम व्यक्ति थे।


चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में पाटलिपुत्र में प्रथम जैन सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें श्वेतांबर आगम का संपादन किया गया। चूंकि प्राचीन जैन शास्त्र नष्ट हो गए थे, अतः उन्हें पुनः एकत्र करने के लिए चतुर्थ शताब्दी ईसा पूर्व में इस प्रथम जैन महासभा का आयोजन किया गया था, जिसमें भद्रबाहु के अनुयायियों ने भाग नहीं लिया था।


अतः उपर्युक्त दोनों कथन सही है।