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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQs क्विज़ : भारत एवं विश्व का भूगोल "Geography of India and the World" 24 Apr 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQs क्विज़ : भारत एवं विश्व का भूगोल "Geography of India and the World"

Q1:

निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

(हिमालय श्रेणियां)

(दर्रे)

1. बृहत हिमालय

फोटुला

2. पीर पंजाल

जोजीला

3. जास्कर

खर्दुगला

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?

A: केवल एक युग्म

B: केवल दो युग्म

C: सभी तीन युग्म

D: कोई भी नहीं

उत्तर: D

स्पष्टीकरण:

कश्मीर हिमालय में अनेक पर्वत श्रेणियाँ हैं, जैसे- बृहत हिमालय, कराकोरम, लद्दाख, जास्कर और पीरपंजाल। बृहत हिमालय में जोजीला, पीर पंजाल में बानिहाल, जास्कर श्रेणी में फोटुला और लद्दाख श्रेणी में खर्दुगला जैसे महत्त्वपूर्ण दरें स्थित हैं। महत्त्वपूर्ण अलवणजल की झीलें, जैसे- डल और वुलर तथा लवणजल झीलें, जैसे- पाँगाँग सो और सोमुरीरी भी इसी क्षेत्र में पाई जाती हैं। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।


Q2:

निम्नलिखित में से कौन-सा वह कारक नहीं है जो किसी विशेष क्षेत्र में होने वाली वर्षा की मात्रा को प्रभावित करता है?

A: अक्षांश

B: ऊंचाई

C: महासागरीय धाराएँ

D: पृथ्वी का घूर्णन

उत्तर: D

स्पष्टीकरण:

पृथ्वी के घूमने से किसी विशेष क्षेत्र में होने वाली वर्षा की मात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। अन्य तीन विकल्प वे सभी कारक हैं जो किसी विशेष क्षेत्र में होने वाली वर्षा की मात्रा को प्रभावित करते हैं। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।


Q3:

निम्नलिखित अपवाह प्रतिरूपों पर विचार कीजिए:

1. वृक्षाकार

2. जालिकावत्

3. आयताकार

उपर्युक्त प्रतिरूपों में से कौन-सा/से भारतीय अपवाह तंत्र  शामिल है?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

वृक्षाकार अपवाह पैटर्न सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र सहित भारत के उत्तरी मैदानी इलाकों की नदियों में पाया जाता है। ये नदियाँ भूभाग के ढलान का अनुसरण करती हैं और उनकी सहायक नदियाँ तीव्र कोणों पर मिलती हैं। जालिकावत अपवाह पैटर्न हिमालय क्षेत्र के ऊपरी हिस्से की नदियों, जैसे सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र में देखा जाता है। यह एक दूसरे के समानांतर कठोर और नरम चट्टानों के साथ मुड़ी हुई स्थलाकृति में विकसित होता है। आयताकार अपवाह पैटर्न: यह पैटर्न उन क्षेत्रों में दिखाई देता है जहां खराबी हुई है। यह ऊबड़-खाबड़ ठोस भूभाग पर बनता है जहां धाराएं सबसे आसान रास्ते का अनुसरण करती हैं, अक्सर कमजोर चट्टानी रेखाओं के साथ सहायक नदियाँ तीव्र कोणों पर मुख्य धारा से जुड़ती हैं। उदाहरण के लिए, विंध्य पर्वत श्रृंखला में चंबल, बेतवा और केन जैसी नदियाँ इस पैटर्न को प्रदर्शित करती हैं। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।


Q4:

निम्नलिखित हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं पर विचार कीजिए:

1. बृहत हिमालय

2. लघु हिमालय

3. शिवालिक श्रेणी

उपर्युक्त में से किन पर्वत श्रृंखलाओं को हिमाचल में धौलाधर और उत्तराखण्ड में नागतीभा कहा जाता है?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

हिमाचल हिमालय का सुदूर उत्तरी भाग लद्दाख के ठंडे मरुस्थल का विस्तार है और लाहौल एवं स्पिति जिले के स्पिति उपमंडल में है। हिमालय की तीनों मुख्य पर्वत श्रृंखलाएँ, बृहत हिमालय, लघु हिमालय (जिन्हें हिमाचल में धौलाधर और उत्तराखण्ड में नागतीभा कहा जाता है) और उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली शिवालिक श्रेणी, इस हिमालय खंड में स्थित हैं। लघु हिमालय में 1000 से 2000 मीटर ऊँचाई वाले पर्वत ब्रिटिश प्रशासन के लिए मुख्य आकर्षण केंद्र रहे हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण पर्वत नगर, जैसे - धर्मशाला, मसूरी, कासौली, अलमोड़ा, लैंसडाउन और रानीखेत इसी क्षेत्र में स्थित हैं। अतः विकल्प  (b) सही उत्तर है।


Q5:

अरुणाचल हिमालय के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह भूटान हिमालय से लेकर पश्चिम में डिफू दरें तक फैला है।

2. कामेंग, सुबनसरी, दिहांग, दिबांग और लोहित यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं।

3. यहाँ मोनपा, मिशमी और नागा जनजातियाँ निवास करती हैं।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

अरुणाचल हिमालय, भूटान हिमालय से लेकर पूर्व में डिफू दरें तक फैला है। इस पर्वत श्रेणी की सामान्य दिशा दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पूर्व है। इस क्षेत्र की मुख्य चोटियों में काँगतु और नमचा बरवा शामिल है। ये पर्वत श्रेणियाँ उत्तर से दक्षिण दिशा में तेज बहती हुई और गहरे गॉर्ज बनाने वाली नदियों द्वारा विच्छेदित होती हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है।


नामचा बरुआ को पार करने के बाद बह्मपुत्र नदी एक गहरी गॉर्ज बनाती है। कामेंग, सुबनसरी, दिहांग, दिबांग और लोहित यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं। ये बारहमासी नदियाँ हैं और बहुत से जल-प्रपात बनाती हैं। इसलिए, यहाँ जल विद्युत उत्पादन की क्षमता काफी है। अतः कथन 2 सही है।


अरुणाचल हिमालय की एक मुख्य विशेषता यह है कि यहाँ बहुत-सी जनजातियाँ निवास करती हैं। इस क्षेत्र में पश्चिम से पूर्व में बसी कुछ जनजातियाँ इस प्रकार हैं- मोनपा, अबोर, मिशमी, निशी और नागा। इनमें से ज़्यादातर जनजातियाँ झूम खेती करती हैं, जिसे स्थानांतरी कृषि या स्लैश और बर्न कृषि भी कहा जाता है। अतः कथन 3 सही है।


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