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Daily-static-mcqs 17 Apr 2024

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQs क्विज़ : भारत एवं विश्व का भूगोल "Geography of India and the World" 17 Apr 2024

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली स्टेटिक MCQs क्विज़ : भारत एवं विश्व का भूगोल "Geography of India and the World"

Q1:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

कथन-I: पश्चिमी तट पत्तनों एवं बंदरगाहों के विकास के लिये प्राकृतिक परिस्थितियाँ प्रदान करता है।

कथन-II: पश्चिमी तटीय मैदान एक जलमग्न संकीर्ण पट्टी है।

उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?

A: कथन-1 और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है

B: कथन-1 और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है

C: कथन-1 सही है किन्तु कथन-II गलत है

D: कथन-I गलत है किन्तु कथन-II सही है

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

पश्चिमी तटीय मैदान जलमग्न तटीय मैदानों के उदाहरण हैं। जलमग्न होने के कारण पश्चिमी तटीय मैदान एक संकीर्ण पट्टी मात्र है और पत्तनों एवं बंदरगाहों के विकास के लिये प्राकृतिक परिस्थितियाँ प्रदान करता है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।


Q2:

कोसी नदी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. इस नदी को बिहार का शोक कहते है।

2.  इस नदी द्वारा पर्वतों से भारी मात्रा में अवसाद लाकर मैदानी भाग में निक्षेपित होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

कोसी एक पूर्ववर्ती नदी है जिसका स्रोत तिब्बत में माऊंट एवरेस्ट के उत्तर में है, जहाँ से इसकी मुख्य धारा अरुण निकलती है। इसे बिहार का शोक कहते है। यह अपना मार्ग बदलने के लिए कुख्यात रही है। अतः कथन 1 सही है।


नेपाल में, मध्य हिमालय को पार करने के बाद इसमें पश्चिम से सोन, कोसी और पूर्व से तमुर कोसी मिलती है। अरुण नदी से मिलकर यह सप्तकोसी बनाती है। यह नदी पर्वतों के ऊपरी क्षेत्रों से भारी मात्रा में अवसाद लाकर मैदानी भाग में जमा करती है। इससे नदी का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है परिणामस्वरूप नदी अपना मार्ग बदल लेती है। अतः कथन 2 सही है।


Q3:

 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. भारत का दक्षिणी भाग उष्ण कटिबंध में और उत्तरी भाग उपोष्ण कटिबंध में स्थित है।

2. भारत का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार लगभग 30º है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

कर्क रेखा भारत के मध्य से पूर्व-पश्चिम तक चलती है। देश का दक्षिणी भाग, जो कर्क रेखा के दक्षिण में है, उष्णकटिबंधीय है। देश का उत्तरी भाग, जो कर्क रेखा के उत्तर में है, उपोष्णकटिबंधीय है, यही कारण है कि भारत में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय दोनों जलवायु का अनुभव होता है। अतः कथन 1 सही है।


भारत का अक्षांशीय विस्तार लगभग 8º4'N से 37º6'N तक है, देशांतरीय विस्तार लगभग 68º7'E से 97º25'E तक है, जो उत्तर से दक्षिण और पश्चिम से पूर्व तक लगभग 30 डिग्री है। अतः कथन 2 सही है।


Q4:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. भारतीय अपवाह द्रोणियों को चार भागों में बाँटा गया है।

2. प्रमुख नदी द्रोणी में कालिंदी, पेरियार, मेघना आदि नदियाँ शामिल है।

3. न्यून वर्षा के क्षेत्रों में बहने वाली नदियाँ लघु नदी द्रोणी शामिल है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही नहीं हैं?

A: केवल एक

B: केवल दो

C: सभी तीन

D: कोई भी नहीं

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

एक अपवाह द्रोणी को दुसरे से अलग करने वाली सीमा को जल विभाजक या जल-सांभर कहते है। जल-संभर क्षेत्र के आकार के आधार पर भारतीय अपवाह द्रोणियों को तीन भागों में बाँटा गया है- प्रमुख नदी द्रोणी, मध्यम नदी द्रोणी और लघु नदी द्रोणी। अतः कथन 1 सही नहीं है।


प्रमुख नदी द्रोणी, जिनका अपवाह क्षेत्र 20,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक है। इसमें 14 नदी द्रोणियाँ शामिल हैं, जैसे - गंगा, बह्मपुत्र, कृष्णा, तापी, नर्मदा, माही, पेन्नार, साबरमती, बराक आदि। मध्यम नदी द्रोणी जिनका अपवाह क्षेत्र 2,000 से 20,000 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 44 नदी द्रोणियाँ हैं, जैसे - कालिंदी, पेरियार, मेघना आदि। लघु नदी द्रोणी, जिनका अपवाह क्षेत्र 2,000 वर्ग किलोमीटर से कम है। इसमें न्यून वर्षा के क्षेत्रों में बहने वाली बहुत-सी नदियाँ शामिल हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है तथा कथन 3 सही है।


Q5:

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. शिवालिक, हिमालय की समानांतर पर्वत श्रृंखलाओं में से एक हैं।

2. बृहत हिमालय श्रृंखला को केंद्रीय अक्षीय श्रेणी कहा जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 और 2 दोनों

D: न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी पर्वतमाला में हिमालय पर्वत और उत्तरी-पूर्वी पहाड़ियाँ शामिल हैं। हिमालय में कई समानांतर पर्वत श्रृंखलाएँ हैं। इसमें बृहत हिमालय, पार हिमालय श्रृंखलाएँ, मध्य हिमालय और शिवालिक प्रमुख श्रेणियाँ हैं। भारत के उत्तरी-पश्चिमी भाग में हिमालय की ये श्रेणियाँ उत्तर-पश्चिम दिशा से दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर फैली हैं। अतः कथन 1 सही है।


दार्जिलिंग और सिक्किम क्षेत्रों में ये श्रेणियाँ पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली हैं जबकि अरुणाचल प्रदेश में ये दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पश्चिम की ओर घूम जाती हैं। नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर में ये पहाड़ियाँ उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली हैं। बृहत हिमालय श्रृंखला, जिसे केंद्रीय अक्षीय श्रेणी भी कहा जाता है, की पूर्व-पश्चिम लंबाई लगभग 2,500 किलोमीटर तथा उत्तर से दक्षिण इसकी चौड़ाई 160 से 400 किलोमीटर है। अतः कथन 2 सही है।


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