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Blog / 20 Sep 2025

विश्व व्यापार रिपोर्ट 2025

संदर्भ:

हाल ही में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने अपनी विश्व व्यापार रिपोर्ट 2025 जारी की, जिसका शीर्षक व्यापार और एआई को सभी के लाभ के लिए एक साथ काम करनाहै। यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की बदलने वाली क्षमता को उजागर करती है, साथ ही यह चेतावनी भी देती है कि अगर इसके लाभ समान रूप से साझा नहीं किए गए तो इससे असमानताएँ बढ़ सकती हैं।

मुख्य निष्कर्ष:

1.        व्यापार और जीडीपी वृद्धि की संभावनाएँ

o    वैश्विक वस्तु और सेवा व्यापार 2040 तक विभिन्न परिदृश्यों में 34–37% तक बढ़ सकता है।

o    वैश्विक जीडीपी भी इसी अवधि में 12–13% बढ़ने की संभावना है, बशर्ते सहायक नीतियाँ अपनाई जाएँ और डिजिटल अंतर को कम किया जाए।

2.      कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए लाभ

o    यदि ये देश उच्च आय वाले देशों के डिजिटल ढांचे के अंतर को 50% तक घटा सकें और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को व्यापक रूप से अपनाएँ, तो उनकी आय 2040 तक 14–15% तक बढ़ सकती है।

o    कम आय वाले देशों का निर्यात 11% तक बढ़ सकता है, विशेष रूप से एआई-संचालित सेवाओं और डिजिटल रूप से उपलब्ध सेवाओं के माध्यम से।

3.      मुख्य चालक और कार्यप्रणालियाँ

o    एआई ऑटोमेशन के कारण व्यापार लागत (लॉजिस्टिक्स, अनुपालन, संचार) में कमी।

o    व्यापार योग्य क्षेत्रों, विशेषकर डिजिटल सेवाओं में उत्पादकता में सुधार।

o    एआई आधारित वस्तुओं (जैसे सेमीकंडक्टर और मध्यवर्ती इनपुट) का व्यापार 2023 में 2.3 ट्रिलियन USD तक पहुंचा।

4.     जोखिम और चिंताएँ

o    यदि समावेशी नीतियाँ न हों, तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आर्थिक और सामाजिक असमानता बढ़ा सकती है।

o    डिजिटल ढांचा, कौशल और नियामक ढांचे तक असमान पहुँच कुछ देशों या कंपनियों को लाभ उठाने से रोक सकती है।

o    एआई संबंधित वस्तुओं पर गैर-शुल्क बाधाएँ और मात्रात्मक प्रतिबंध बढ़ गए हैं; उदाहरण के लिए, एआई वस्तुओं पर लागू उपाय 2012 में लगभग 130 थे, जो 2024 तक लगभग 500 हो गए।

नीति संबंधी सुझाव:

·         डिजिटल अंतर को कम करना: ब्रॉडबैंड, कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर और कनेक्टिविटी में निवेश करना आवश्यक है ताकि सभी देशों और समुदायों को डिजिटल तकनीक तक समान पहुँच मिल सके।

·         कौशल, शिक्षा और पुनःप्रशिक्षण: श्रम बाजार में बदलाव और संभावित व्यवधानों से निपटने के लिए अपस्किलिंग और रिस्किलिंग जरूरी है। इससे बेरोजगारी और अधूरी नौकरी की समस्या कम होगी।

·         व्यापार नीति सुधार: खुले और पूर्वानुमेय व्यापार नियम सुनिश्चित करना, एआई के महत्वपूर्ण इनपुट पर शुल्क कम करना, सीमा-पार डेटा प्रवाह की सुविधा देना और बौद्धिक संपदा (IP) तथा नियामक प्रणालियों को अपडेट करना।

·         समावेशी ढांचे और सामाजिक सुरक्षा जाल: ऐसी नीतियाँ अपनाना ताकि पीछे रह गए लोग प्रभावित न हों और छोटे एवं मध्यम उद्यम और कम आय वाले देश असमान स्थिति में न जाएँ।

चुनौतियाँ और सीमाएँ:

·         नीति और नियामक विभाजन: अलग-अलग देशों के मानक, डेटा नियम, गोपनीयता मानदंड निर्बाध (seamless) अपनाने में बाधा डाल सकते हैं।

·         क्षमता का केंद्रीकरण: उच्च आय वाले देश एआई हार्डवेयर, अनुसंधान और कंप्यूटेशनल पावर में प्रभुत्व रखते हैं, जिससे मोनोपॉली का खतरा।

·         इन्फ्रास्ट्रक्चर बाधाएँ: कई देशों में मजबूत इंटरनेट, बिजली और हार्डवेयर की कमी; इससे लाभ मिलने की गति धीमी होगी।

·         नैतिक और सामाजिक चिंताएँ: नौकरी छंटनी, एआई सिस्टम में पक्षपात, गोपनीयता; शासन और जवाबदेही की जरूरत।

निष्कर्ष:

विश्व व्यापार संगठन रिपोर्ट यह रेखांकित करती है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सहायक नीतियाँ और तकनीक तक निष्पक्ष पहुंच आवश्यक है ताकि एआई के लाभ समान रूप से साझा किए जा सकें। एआई इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करके, डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देकर और वैश्विक मानक स्थापित करके, देश आर्थिक विकास और प्रगति को गति दे सकते हैं। जैसे-जैसे एआई विकसित हो रहा है, नीति निर्माताओं के लिए संक्रमण का सावधानीपूर्वक प्रबंधन, शिक्षा, कौशल, पुनःप्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा जाल में निवेश करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।