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Blog / 08 Aug 2025

हेपेटाइटिस डी वायरस को कैंसरकारी घोषित

संदर्भ:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हेपेटाइटिस डी वायरस (HDV) को कैंसरकारी (Carcinogenic) के रूप में वर्गीकृत किया है, अर्थात् इसमें विशेष रूप से यकृत कैंसर (Liver Cancer) उत्पन्न करने की क्षमता पाई गई है।

·        यह घोषणा इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) द्वारा HDV को कैंसरकारी घोषित किए जाने के बाद की गई है। इस वर्गीकरण की पुष्टिद लैंसेट ऑन्कोलॉजीमें प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन के आंकड़ों से होती है।

हेपेटाइटिस डी के विषय में :

·        हेपेटाइटिस डी एक गंभीर यकृत संक्रमण है, जो हेपेटाइटिस डी वायरस (HDV) के कारण होता है। यह वायरस अकेले संक्रमण नहीं फैला सकता, क्योंकि इसे सक्रिय होने और बढ़ने के लिए हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) की आवश्यकता होती है। इस कारण, हेपेटाइटिस डी केवल उन्हीं लोगों को प्रभावित करता है, जो पहले से ही हेपेटाइटिस बी से संक्रमित होते हैं।

यह कितना खतरनाक हैं?

·        हेपेटाइटिस डी और बी का सह-संक्रमण अत्यधिक खतरनाक माना जाता है।

·        HDV का संचरण हेपेटाइटिस बी और सी की तरह ही होता हैजैसे कि संक्रमित रक्त आधान, असुरक्षित इंजेक्शन, यौन संपर्क, और माँ से शिशु में प्रसव के दौरान संचरण के माध्यम से।

·        HDV का निदान एचडीवी-आरएनए रक्त परीक्षणों द्वारा किया जाता है, जो वायरस के विरुद्ध बनी विशिष्ट एंटीबॉडी का पता लगाते हैं।

·        अध्ययनों के अनुसार, HBV और HDV दोनों से संक्रमित रोगियों में यकृत कैंसर होने की संभावना, केवल HBV से संक्रमित रोगियों की तुलना में 2 से 6 गुना अधिक होती है।

·        इसके अतिरिक्त, HDV से संक्रमित लगभग 75% रोगियों में 15 वर्षों के भीतर यकृत सिरोसिस (लिवर स्कारिंग) विकसित हो सकता है।

 

WHO Classifies Hepatitis D as Carcinogenic

हेपेटाइटिस बी का टीका क्यों महत्वपूर्ण है:

·        चूँकि एचडीवी (HDV) को प्रतिकृति के लिए हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) की आवश्यकता होती है, इसलिए HBV के खिलाफ टीकाकरण एचडीवी संक्रमण से परोक्ष रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। भारत के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल हेपेटाइटिस बी का टीका इस दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

·        हालाँकि, देश में टीकाकरण कवरेज अभी भी लगभग 50% के आसपास है, जिससे बड़ी आबादी अब भी असंरक्षित बनी हुई है। यह टीका तीन खुराकों में दिया जाता हैजन्म के समय, 1 माह की आयु में और 6 माह की आयु में।

·        इसके अतिरिक्त, वयस्कों, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समूहों (जैसे स्वास्थ्यकर्मी, संक्रमित रोगियों के परिजन आदि) के लिए कैच-अप टीकाकरण भी संभव है।

वायरल हेपेटाइटिस के बारे में:

वायरल हेपेटाइटिस एक संक्रामक यकृत रोग है, जो विभिन्न प्रकार के वायरसों के कारण यकृत में सूजन उत्पन्न करता है। इसके पाँच प्रमुख प्रकार हैंहेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई।

·        हेपेटाइटिस ए और ई मल-मौखिक मार्ग से, आमतौर पर दूषित भोजन या पानी के माध्यम से फैलते हैं, और आमतौर पर तीव्र संक्रमण होते हैं।

·        हेपेटाइटिस बी और सी का संचरण संक्रमित रक्त, सुई, या शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से होता है। ये संक्रमण जीर्ण (chronic) रूप ले सकते हैं, जिससे यकृत सिरोसिस या यकृत कैंसर जैसी गंभीर स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

हेपेटाइटिस ए और बी के लिए टीके उपलब्ध हैं, और बी का टीकाकरण हेपेटाइटिस डी से भी बचाव करता है। हेपेटाइटिस सी का कोई टीका नहीं है, लेकिन इसके प्रभावी उपचार हैं। हेपेटाइटिस ई की रोकथाम स्वच्छता पर निर्भर करती है।

निष्कर्ष:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हेपेटाइटिस डी वायरस (HDV) को कैंसरकारी (Carcinogenic) के रूप में वर्गीकृत किया जाना, विशेष रूप से संवेदनशील आबादी में हेपेटाइटिस बी (HBV) के टीकाकरण कवरेज को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।
यह निर्णय संभवतः वैश्विक निगरानी, अनुसंधान निधि, और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा, जिनका उद्देश्य रोकथाम, शीघ्र पहचान, और सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं के माध्यम से HBV-HDV सह-संक्रमण से होने वाले यकृत कैंसर के मामलों को प्रभावी ढंग से कम करना है।