संदर्भ:
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया है कि वैश्विक तापमान में वृद्धि स्लीप एप्निया (नींद के दौरान सांस रुकने की स्थिति) को और गंभीर बना सकती है। शोध के अनुसार, जैसे-जैसे धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इस बीमारी की गंभीरता और प्रसार में भी वृद्धि हो रही है, जो न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य और मानसिक भलाई को प्रभावित करती है, बल्कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (OSA) क्या है?
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया एक नींद से जुड़ा विकार है, जिसमें व्यक्ति की नींद के दौरान सांस बार-बार रुक जाती है। यह रुकावट आमतौर पर ऊपरी श्वास नली के संकुचित या बंद हो जाने के कारण होती है।
• इससे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है, नींद बार-बार टूटती है, तेज खर्राटे आते हैं और दिनभर थकान, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी महसूस होती है।
• यह विकार दिल की बीमारी, स्ट्रोक, मधुमेह, डिप्रेशन, और पार्किंसन तथा डिमेंशिया जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का जोखिम भी बढ़ा सकता है।
अध्ययन में क्या पाया गया:
• अध्ययन में पाया गया कि गर्म दिनों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (OSA) होने की संभावना वैश्विक स्तर पर लगभग 45% तक बढ़ जाती है।
• यह खतरा विशेष रूप से यूरोपीय देशों में अधिक देखा गया, लेकिन भारत, इज़राइल और ब्राज़ील जैसे निम्न GDP वाले देशों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, क्योंकि वहां एयर कंडीशनिंग, ठंडक पहुंचाने की सुविधाएँ और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सीमित है।
• शोध का अनुमान है कि यदि औसत वैश्विक तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.8°C तक बढ़ गया, तो वर्ष 2100 तक स्लीप एप्निया का बोझ दोगुना हो सकता है अर्थात न सिर्फ अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित होंगे, बल्कि पहले से पीड़ित लोगों की स्थिति भी और गंभीर हो सकती है।
• अकेले 2023 में, अध्ययन ने अनुमान लगाया कि जलवायु-जनित स्लीप एपनिया इसके लिए जिम्मेदार था:
· 780,000 स्वस्थ जीवन वर्षों की हानि
· 29 देशों में 105 मिलियन कार्यदिवसों का नुकसान
· 98 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान , जिसमें शामिल हैं:
o स्वास्थ्य-संबंधी नुकसान 68 बिलियन अमेरिकी डॉलर
o कार्यस्थल पर उत्पादकता में 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर की हानि
एक उभरती हुई सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती:
अच्छी नींद को अक्सर हल्के में लिया जाता है, जबकि यह हमारे शारीरिक, मानसिक और मस्तिष्कीय स्वास्थ्य के लिए बुनियादी आवश्यकता है।
• हृदय स्वास्थ्य: स्लीप एप्निया से हृदय रोगों, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
• मानसिक स्वास्थ्य: यह विकार चिंता, अवसाद (डिप्रेशन), डिमेंशिया और पार्किंसन जैसी गंभीर मानसिक और तंत्रिका संबंधी बीमारियों से भी जुड़ा होता है।
आगे की राह:
• जलवायु अनुकूलन उपाय: विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में एयर कंडीशनिंग जैसी शीतलन सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना, ताकि गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जा सके।
• जनस्वास्थ्य अभियान: स्लीप एप्निया को लेकर जागरूकता बढ़ाना, नियमित जांच की व्यवस्था करना और समय पर उपचार को प्रोत्साहित करना।
• स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश: निम्न और मध्यम आय वाले देशों में नींद संबंधी रोगों के निदान और उपचार के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना और विशेषज्ञों की संख्या बढ़ाना।
• जलवायु कार्रवाई: वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करने के लिए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना, जिससे जलवायु-जनित स्वास्थ्य जोखिमों को कम किया जा सके।