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Blog / 05 May 2025

विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह

सन्दर्भ:

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में स्थित विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया। इसे भारत का पहला गहरे पानी वाला कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट माना जा रहा है। यह बंदरगाह केरल को वैश्विक समुद्री मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम है।

विझिंजम बंदरगाह का रणनीतिक महत्व:

  • यह बंदरगाह केरल के तिरुवनंतपुरम ज़िले के विझिंजम नामक तटीय नगर में स्थित है। इसका भौगोलिक स्थान इसकी सबसे बड़ी विशेषता है।
  • यह बंदरगाह महत्वपूर्ण पूर्व-पश्चिम अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग से मात्र 10 नॉटिकल मील (लगभग 18.5 किलोमीटर) की दूरी पर स्थित है, जो यूरोप, फारस की खाड़ी और पूर्वी एशिया को जोड़ता है।
  • इसकी स्थिति भारत को विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता कम करने और वैश्विक व्यापार में अपनी भूमिका सशक्त करने का एक रणनीतिक अवसर प्रदान करती है।

बंदरगाह का विकास मॉडल:

  • यह परियोजना लैंडलॉर्ड मॉडल के अंतर्गत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से विकसित की गई है।
  • इसका क्रियान्वयन डिज़ाइन, निर्माण, वित्त, संचालन एवं हस्तांतरण (DBFOT) ढांचे के अनुसार किया जा रहा है।
  • परियोजना का संचालन अडाणी विझिंजम पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जो अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
  • यह सहयोगात्मक मॉडल दर्शाता है कि भिन्न राज्यों में भी निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी से भारत के आधारभूत ढांचे में परिवर्तन संभव है।

बंदरगाह की प्रमुख विशेषताएँ:

  • समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट: इस बंदरगाह का मुख्य उद्देश्य कंटेनर ट्रांसशिपमेंट को बढ़ावा देना है, जिससे भारत की कोलंबो और सिंगापुर जैसे विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आएगी।
  • हरित ऊर्जा केंद्र: यह बंदरगाह भविष्य में एक वैश्विक बंकरिंग हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहाँ हाइड्रोजन और अमोनिया जैसे स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति की जाएगी, जो भारत की हरित ऊर्जा नेतृत्व की दिशा में एक बड़ा कदम है।
  • उच्च क्षमता: परियोजना के पूर्ण रूप से विकसित होने पर इसमें लगभग 30 बर्थ स्थापित होंगे, जिनमें से अधिकांश पर विश्व के सबसे बड़े कार्गो जहाज़ मदर वेसल्ससुगमता से आवाजाही कर सकेंगे।
  • प्राकृतिक गहराई: इस बंदरगाह की प्राकृतिक गहराई लगभग 20 मीटर है, जो इसे भारत के कुछ चुनिंदा गहरे पानी वाले बंदरगाहों में शामिल करती है और विशाल जहाजों के सीधे आगमन की सुविधा प्रदान करती है।

बंदरगाह के प्रभाव:

  •  वर्तमान में भारत का लगभग 75% कंटेनर ट्रांसशिपमेंट कार्य विदेशी बंदरगाहों के माध्यम से संपन्न होता है। विझिंजम बंदरगाह इस निर्भरता को कम कर, विदेशी मुद्रा की उल्लेखनीय बचत और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की मजबूती में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
  • यह परियोजना केरल की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम देगी, इसके माध्यम से हज़ारों प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे, साथ ही लॉजिस्टिक्स, जहाज मरम्मत, और समुद्री सेवाओं जैसे सहायक उद्योग भी तीव्र गति से विकसित होंगे।
  • वर्तमान में भारत के दो बंदरगाह विश्व के शीर्ष 30 बंदरगाहों में शामिल हो चुके हैं और देश का लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) भी निरंतर बेहतर हो रहा है। ऐसे परिप्रेक्ष्य में, विझिंजम बंदरगाह का उद्घाटन भारत की 21वीं सदी की व्यापारिक और समुद्री नवाचार में अग्रणी भूमिका को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

निष्कर्ष:

विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह केवल एक रणनीतिक संपत्ति ही नहीं है, बल्कि यह एक हरित ऊर्जा केंद्र, सहकारी संघवाद तथा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) की उत्कृष्ट मिसाल भी है। जब जहाज़ इस बंदरगाह पर आकर लगेंगे, तो वे केवल वाणिज्यिक माल ही नहीं लाएँगे, बल्कि भारत के उभरते समुद्री विज़न, नवाचार और वैश्विक नेतृत्व की आकांक्षा को भी साथ लाएँगे।