सन्दर्भ:
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने 9 सितंबर, 2025 को दुबई में आयोजित 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में यूपीआई–यूपीयू एकीकरण परियोजना की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और वैश्विक डाक नेटवर्क का उपयोग करके वैश्विक प्रेषण (रेमिटेंस) को तेज, सुरक्षित और किफायती बनाना है।
यूपीआई–यूपीयू एकीकरण के बारे में:
एक संयुक्त पहल:
o भारत का डाक विभाग (DoP)
o एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL)
o यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU)
• उद्देश्य: भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को यूपीयू इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म (IP) से जोड़ना—जिससे डाक सेवाओं के माध्यम से सीमा-पार डिजिटल भुगतान संभव हो सके।
महत्व:
यह पहल डाक नेटवर्क की वैश्विक पहुँच को यूपीआई की गति और किफायतीपन के साथ जोड़ती है और कम लागत वाले अंतरराष्ट्रीय प्रेषणों के लिए एक स्केलेबल समाधान प्रदान करती है।
एकीकरण के निहितार्थ:
वैश्विक वित्तीय समावेशन के लिए:
• विकासशील देशों में सीमाओं के पार रहने वाले लाखों परिवारों को सस्ते और तेज़ मनी ट्रांसफर का लाभ मिलेगा।
• प्रवासी मजदूरों, लघु एवं मध्यम उद्यमों (SMEs) तथा दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए यह एक क्रांतिकारी कदम होगा, जहाँ बैंकों तक पहुँच सीमित है।
भारत की डिजिटल कूटनीति के लिए:
• यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत भारत के वैश्विक डिजिटल नेतृत्व के अनुरूप है और विकसित भारत (विकसित भारत) की परिकल्पना को समर्थन देता है।
• यह दर्शाता है कि नागरिक-केंद्रित डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को वैश्विक हित में कैसे उपयोग में लाया जा सकता है।
यूपीयू कांग्रेस में भारत की प्रतिबद्धता:
वैश्विक डाक नवाचार के लिए 10 मिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता:
भारत ने 1 करोड़ डॉलर (10 मिलियन USD) देने का संकल्प लिया, जिसका उपयोग किया जाएगा:
o ई-कॉमर्स एकीकरण
o डिजिटल भुगतान
o विकासशील देशों में डाक अवसंरचना के आधुनिकीकरण के लिए
नेतृत्व के लिए भारत की दावेदारी:
• भारत ने यूपीयू की दो प्रमुख संस्थाओं के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की:
o प्रशासन परिषद (Council of Administration)
o डाक संचालन परिषद (Postal Operations Council)
• इसका उद्देश्य वैश्विक डाक प्रणाली के सुधार और डिजिटलीकरण में नेतृत्वकारी भूमिका निभाना है।
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के बारे में:
• इसका मुख्यालय बर्न, स्विट्जरलैंड में स्थित है।
• यूपीयू डाक विनिमय के लिए वैश्विक मानक तय करने, डाक लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाने और डाक वित्तीय सेवाओं के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
• यह विकासशील देशों में आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण को समर्थन देने के लिए तकनीकी सहायता भी प्रदान करता है।
• अंतरराष्ट्रीय डाक सहयोग के मुख्य मंच के रूप में, यूपीयू एकीकृत वैश्विक डाक प्रणाली सुनिश्चित करता है, सीमा-पार संचार को सुगम बनाता है और डाक क्षेत्र में दक्षता, सुरक्षा और ग्राहक सेवा को सुधारने के लिए कार्य करता है।
निष्कर्ष:
यूपीआई–यूपीयू एकीकरण परियोजना अंतरराष्ट्रीय प्रेषणों के विकास में एक ऐतिहासिक मोड़ है, जहाँ भारत स्वयं को एक वैश्विक डिजिटल नेता के रूप में स्थापित कर रहा है। यह दर्शाता है कि भारत विश्व को इंटरऑपरेबल, समावेशी और कम लागत वाले डिजिटल समाधान उपलब्ध कराने में सक्षम है।