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Blog / 03 Jul 2025

क्रोमियम एंटीमोनाइड (CrSb) में खोजी गई अनोखी विद्युत विशेषता

सन्दर्भ:

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन एक स्वायत्त अनुसंधान संस्था, एस. एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज (SNBNCBS) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में उच्च गुणवत्ता वाले एकल क्रिस्टलीय क्रोमियम एंटीमोनाइड (CrSb) में एक अत्यंत दुर्लभ और उल्लेखनीय भौतिक गुण की खोज की है। इस पदार्थ में दिशा-निर्भर प्रवाहकीय ध्रुवीयता (Direction-Dependent Conduction Polarity - DDCP) देखी गई है, जो ठोस पदार्थों में अत्यंत असामान्य मानी जाती है।

खोज के बारे में:
SNBNCBS की अनुसंधान टीम ने यह पाया कि CrSb की विद्युत प्रवाह क्षमता उस दिशा पर निर्भर करती है, जिसमें विद्युत धारा बहाई जाती है:

·         जब करंट क्रिस्टल की परतों के समानांतर (जैसे किताब के पन्नों के साथ-साथ) प्रवाहित किया जाता है, तो यह इलेक्ट्रॉनों के माध्यम से प्रवाहित होता है, जिसे n-टाइप प्रवाहकीयता कहा जाता है।

·         जबकि, जब करंट क्रिस्टल की परतों के लंबवत दिशा में (जैसे किताब के पन्ने पलटना) बहता है, तो प्रवाह होल्स के माध्यम से होता है, जिसे p-टाइप प्रवाहकीयता कहा जाता है।

एक ही पदार्थ में दिशा के आधार पर दोनों प्रकार की प्रवाहकीयता का पाया जाना अत्यंत दुर्लभ है। यह पहली बार है जब किसी अल्टरमैग्नेटिक पदार्थ में ऐसा अद्वितीय व्यवहार देखा गया है।

इस खोज का महत्व:

यह खोज पारंपरिक दृष्टिकोण को चुनौती देती है, जिसमें किसी भी पदार्थ को आमतौर पर या तो p-टाइप (जहाँ विद्युत प्रवाह धनात्मक होल्स के माध्यम से होता है) या n-टाइप (जहाँ प्रवाह ऋणात्मक इलेक्ट्रॉनों के माध्यम से होता है) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। आमतौर पर कोई एक ही पदार्थ केवल एक प्रकार की प्रवाहकीयता प्रदर्शित करता है। लेकिन CrSb इस धारणा को तोड़ता है, क्योंकि यह प्रवाह की दिशा के अनुसार दोनों प्रकार की प्रवाहकीयताp-टाइप और n-टाइपदिखा सकता है। यह गुण इसे अत्यंत विशिष्ट और उपयोगी बनाता है।

Press Release:Press Information Bureau

अल्टरमैग्नेट्स और CrSb के बारे में:

CrSb चुंबकीय पदार्थों के एक नवविकसित वर्ग से संबंधित है, जिसे अल्टरमैग्नेट्स कहा जाता है।
जहाँ सामान्य फेरोमैग्नेटिक पदार्थ बाहरी रूप से स्पष्ट चुंबकीय गुण (जैसे साधारण मैग्नेट) प्रदर्शित करते हैं, और एंटीफेरोमैग्नेट्स में आंतरिक चुंबकत्व आपस में संतुलित होकर निरस्त हो जाता है, वहीं अल्टरमैग्नेट्स एक अनोखी स्थिति में होते हैं, इनमें कोई शुद्ध बाहरी चुंबकत्व नहीं होता, फिर भी इनका आंतरिक चुंबकीय क्रम व्यवस्थित और सक्रिय रहता है।

CrSb इन अल्टरमैग्नेट्स में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि:

  • यह धात्विक है, यानी विद्युत प्रवाह को अत्यधिक कुशलता से संचालित करता है।
  • यह अपने चुंबकीय क्रम को कमरे के तापमान से दो गुना अधिक तापमान पर भी स्थिर बनाए रखता है।
  • इसमें असाधारण रूप से बड़ा स्पिन-विभाजन (spin-splitting) पाया गया है, जो कमरे के तापमान की तुलना में लगभग 30 गुना अधिक हैजो इसे वास्तविक तकनीकी उपयोग के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाता है।

प्रयोग और संभावनाएँ:

CrSb में खोजी गई यह अनूठी प्रवाहकीय विशेषता अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक और ऊर्जा उपकरणों के विकास के लिए नए अवसरों के द्वार खोलती है। वर्तमान में कई आधुनिक तकनीकों, जैसे कि सोलर सेल, थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर और सेमीकंडक्टर डिवाइस के लिए p-टाइप और n-टाइप दोनों प्रकार के पदार्थों की आवश्यकता होती है। आमतौर पर इसके लिए विभिन्न सामग्रियों को आपस में जोड़ा जाता है या कृत्रिम रूप से डोपिंग की जाती है।

लेकिन CrSb एक ऐसा दुर्लभ पदार्थ है जो प्राकृतिक रूप से ही दोनों प्रकार की प्रवाहकीयता (p-टाइप और n-टाइप) एक ही क्रिस्टल में अलग-अलग दिशाओं में प्रदान करता है। इससे कई लाभ मिल सकते हैं:

  • डिवाइस की संरचना सरल हो सकती है
  • निर्माण प्रक्रिया कम जटिल होगी
  • और ऊर्जा दक्षता में सुधार संभव होगा

इसके अतिरिक्त, CrSb ऐसे तत्वों से बना है जो पृथ्वी में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं और गैर-विषैले भी हैं। इस कारण यह उन सामग्रियों का एक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प बन सकता है, जो दुर्लभ या विषैले तत्वों पर आधारित होती हैं।

स्पिन्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में, जहाँ इलेक्ट्रॉन के चार्ज और स्पिन दोनों पर नियंत्रण आवश्यक होता है, CrSb की अल्टरमैग्नेटिक संरचना और दिशा-निर्भर प्रवाहकीयता मिलकर ऐसे उपकरणों के विकास में मदद कर सकती हैं जो अधिक छोटे, तेज़ और ऊर्जा-कुशल हों।

निष्कर्ष:

CrSb में दिशा-निर्भर प्रवाहकीय ध्रुवीयता (Direction-Dependent Conduction Polarity) की खोज, वस्तु विज्ञान (Material Science) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह पहली बार है जब किसी अल्टरमैग्नेटिक पदार्थ में इस प्रकार की द्वैत प्रवाहकीयता देखी गई है, जिससे यह सिद्ध होता है कि इस नए वर्ग की चुंबकीय सामग्रियों में अभी अनेक अविज्ञात और अप्रयुक्त संभावनाएँ मौजूद हैं। यदि इस दिशा में आगे और अनुसंधान तथा नवाचार किया जाए, तो CrSb जैसे पदार्थ सरल, ऊर्जा-कुशल, पर्यावरण-अनुकूल और अधिक सक्षम उपकरणों के विकास की मजबूत आधारशिला बन सकते हैं, जो अगली पीढ़ी की तकनीकों को आकार देने में सहायक होंगे।