संदर्भ-
हाल ही में फ्रांस के नीस शहर में तीसरा संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (UNOC) संपन्न हुआ, जिसमें वैश्विक महासागर शासन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति देखने को मिली। यह सम्मेलन समुद्री जैव विविधता की रक्षा और महासागरों के सतत उपयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित था, और इसमें “बायोडायवर्सिटी बियॉन्ड नेशनल जूरिडिक्शन (BBNJ)” समझौते या “हाई सीज़ संधि” को लागू करने की दिशा में ठोस प्रगति हुई।
BBNJ संधि क्या है?
हाई सीज़ संधि का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्रों अर्थात् ऐसे समुद्री क्षेत्रों जो किसी एक देश के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते, में मानवीय गतिविधियों को नियंत्रित करना है। इन क्षेत्रों को अक्सर “वैश्विक साझा संसाधन” कहा जाता है, जो अत्यधिक मछली पकड़ने, अनियमित खनन और समुद्री आनुवंशिक संसाधनों के दोहन के कारण संकट में हैं। यह समझौता जैव विविधता सम्मेलन (CBD) के तहत वर्ष 2030 तक 30% समुद्री और तटीय क्षेत्रों की रक्षा करने के वैश्विक लक्ष्य का समर्थन करता है।
यह संधि चार मुख्य क्षेत्रों को कवर करती है:
1. राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे समुद्री संरक्षित क्षेत्रों (MPAs) का निर्माण
2. हाई सीज़ में गतिविधियों के लिए पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (EIA)
3. समुद्री आनुवंशिक संसाधनों तक पहुंच और उनसे प्राप्त लाभों का साझा करना
4. विकासशील देशों के लिए क्षमता निर्माण और समुद्री प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण
जून 2025 तक, 56 देशों ने इस संधि की पुष्टि (ratify) कर दी है। इसके कानूनी रूप से लागू होने के लिए 60 पुष्टि आवश्यक हैं, जिसके बाद 120 दिनों की उलटी गिनती शुरू होगी। 160 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन पुष्टि के लिए घरेलू कानूनों में समायोजन जरूरी है। अमेरिका और भारत ने अब तक इसे पुष्टि नहीं की है, हालांकि भारत ने कहा है कि यह “प्रक्रिया में है।” संयुक्त राष्ट्र को उम्मीद है कि सितंबर तक यह संख्या 70 तक पहुंच जाएगी और 2026 में पहला BBNJ पार्टियों का सम्मेलन (COP) आयोजित होगा।
कार्यान्वयन में चुनौतियाँ
सबसे बड़ी चुनौती समुद्री आनुवंशिक संसाधनों से प्राप्त लाभों को न्यायसंगत तरीके से साझा करने की है, जो अक्सर गहरे समुद्री क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इनका उपयोग दवा, जैव प्रौद्योगिकी और कृषि में हो सकता है, लेकिन ये राष्ट्रीय नियंत्रण से बाहर होते हैं, जिससे लाभ साझा करने को लेकर विवाद उत्पन्न होते हैं।
पर्यावरण समूहों ने यह भी कहा है कि संधि में स्पष्ट रूप से निष्कर्षण (extraction) पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जिससे महासागर शोषण के लिए अब भी असुरक्षित रह सकते हैं।
UNOC 2025 में प्रमुख घोषणाएँ
• यूरोपीय आयोग: महासागर संरक्षण और सतत मत्स्य पालन के लिए €1 बिलियन
• फ्रेंच पोलिनेशिया: विश्व का सबसे बड़ा समुद्री संरक्षित क्षेत्र (पूरा EEZ, ~50 लाख वर्ग किमी)
• न्यूज़ीलैंड: प्रशांत क्षेत्र में महासागर शासन के लिए $52 मिलियन
• जर्मनी: बाल्टिक और उत्तरी समुद्रों में पुराने गोला-बारूद को हटाने के लिए €100 मिलियन
• 37 देशों का हाई एम्बिशन कोएलिशन फॉर ए क्वायट ओशन: पनामा और कनाडा के नेतृत्व में समुद्री ध्वनि प्रदूषण से लड़ने हेतु
• इटली: समुद्री निगरानी को बढ़ाने के लिए €6.5 मिलियन
• कनाडा: छोटे द्वीपीय विकासशील देशों में जलवायु लचीलापन के लिए $9 मिलियन
• स्पेन: अपने समुद्री क्षेत्र का 25% कवर करने के लिए पाँच नए संरक्षित क्षेत्र
• संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ: “वन ओशन फाइनेंस” की शुरुआत – ब्लू इकोनॉमी क्षेत्रों में निवेश जुटाने की वैश्विक पहल
निष्कर्ष:
जैसे-जैसे BBNJ संधि कानूनी रूप से लागू होने के करीब पहुँच रही है, अब ध्यान इसके प्रभावी कार्यान्वयन और देशों के बीच सच्चे सहयोग पर केंद्रित हो गया है ताकि उच्च समुद्री क्षेत्रों जो कि पृथ्वी के अंतिम अप्रशासित सीमांतों में से हैं, की रक्षा की जा सके।