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Blog / 10 Jul 2025

यूएई की नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा योजना

सन्दर्भ:
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत और बांग्लादेश के निवासियों के लिए नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा योजना शुरू की है, जिसके तहत आजीवन निवास की सुविधा मिलेगी। इस नई नीति के अंतर्गत, भारतीय नागरिक बिना किसी प्रॉपर्टी या व्यापार में निवेश किए सिर्फ AED 1,00,000 (लगभग ₹23.3 लाख) का शुल्क देकर गोल्डन वीजा प्राप्त कर सकते हैं।

गोल्डन वीजा क्या है?

गोल्डन वीजा एक ऐसा निवास वीजा है, जिसे कई देश उन विदेशी नागरिकों को प्रदान करते हैं जो किसी देश में अच्छा आर्थिक योगदान देते हैं जैसे रियल एस्टेट, व्यवसाय, या सरकारी बॉन्ड में निवेश।

यह वीजा पारंपरिक इमीग्रेशन प्रक्रियाओं से अलग है, क्योंकि इसमें योग्यता, नौकरी या प्रायोजक की आवश्यकता नहीं होती बल्कि धन, प्रतिभा या नवाचार को महत्व दिया जाता है।

यूएई ने 2019 में गोल्डन वीजा प्रणाली शुरू की थी ताकि शीर्ष प्रतिभाओं और निवेश को आकर्षित किया जा सके। यह वीजा आम तौर पर 5 या 10 साल का दीर्घकालिक निवास प्रदान करता है।

ये वीजा निम्न लोगों को दिया जाता है:

  • रियल एस्टेट या व्यवसाय में निवेश करने वाले
  • उद्यमी (Entrepreneurs)
  • डॉक्टर, वैज्ञानिक, कलाकार, आविष्कारक जैसे विशिष्ट पेशेवर
  • उत्कृष्ट छात्र व शैक्षणिक उपलब्धि रखने वाले

नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा की मुख्य विशेषताएँ:

  • आजीवन निवास: यह वीजा अब पाँच या दस साल के बजाय आजीवन निवास की सुविधा देगा।
  • निवेश की अनिवार्यता नहीं: इस योजना के तहत किसी को प्रॉपर्टी या व्यापार में निवेश करने की आवश्यकता नहीं है, जिससे यह अधिक पेशेवरों के लिए सुलभ हो जाता है।
  • पृष्ठभूमि जांच: आवेदन प्रक्रिया में कठोर जांच शामिल है, जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक रिकॉर्ड और सोशल मीडिया व्यवहार की समीक्षा।
  • परिवार सहित वीजा: वीजा धारक अपने परिवार को साथ ला सकते हैं, घरेलू कर्मचारी रख सकते हैं और यूएई में स्वतंत्र रूप से व्यवसाय या पेशेवर गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।

इस योजना का महत्व:

1.        भारत-यूएई संबंधों को मजबूती:
भारत को इस नामांकन मॉडल में पहला देश चुना गया है, जो दोनों देशों के बीच गहरे आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को दर्शाता है। यह 2022 में हस्ताक्षरित Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA) के बाद एक और अहम कदम है।

2.      वैश्विक प्रतिभा को आकर्षित करना:
बिना किसी स्थानीय स्पॉन्सर या निवेश की शर्त के यह योजना पेशेवरों, नवप्रवर्तकों और उद्यमियों को आकर्षित करने का एक प्रयास है, जिससे यूएई एक वैश्विक व्यापार और नवाचार केंद्र बन सके।

3.      राजस्व सृजन का साधन:
AED 1,00,000 का आवेदन शुल्क इस योजना को राजस्व अर्जन का एक प्रभावी तरीका भी बनाता है। बड़े पैमाने पर लागू होने पर यह एक कम-जोखिम वाला और स्थायी मॉडल बन सकता है।

4.     समावेशी दृष्टिकोण:
पहले की गोल्डन वीजा योजनाएं धनाढ्य निवेशकों या असाधारण प्रतिभाओं तक सीमित थीं, लेकिन यह नामांकन मॉडल व्यापक वर्ग को अवसर देता है बशर्ते कि उनकी पृष्ठभूमि और सामाजिक योगदान संतोषजनक हो।

निष्कर्ष:

यूएई की यह नामांकन-आधारित गोल्डन वीजा योजना प्रवासन नीतियों में एक नई दिशा की ओर संकेत करती है। यह भारत और बांग्लादेश के नागरिकों के लिए यूएई में रहने और काम करने का एक स्थायी और सम्मानजनक विकल्प प्रदान करती है। आने वाले समय में यह योजना खाड़ी देशों की वीज़ा नीतियों को प्रभावित कर सकती है और इसकी सफलता या चुनौतियाँ भविष्य की दिशा तय करेंगी।