सन्दर्भ-
हाल ही में संसद द्वारा पारित ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 का उद्देश्य ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाकर एक संरचित नियामक ढाँचा स्थापित करना है। यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स एवं सोशल गेमिंग को प्रोत्साहित करते हुए, देश में तेज़ी से उभरते डिजिटल गेमिंग परिदृश्य को सुव्यवस्थित करने का प्रयास करता है।
विधेयक का उद्देश्य:
यह विधेयक एक सुरक्षित, जिम्मेदार और नवोन्मेषी ऑनलाइन गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। इसका मुख्य उद्देश्य शोषणकारी मनी गेम्स पर रोक लगाना और ई-स्पोर्ट्स व सोशल गेमिंग जैसी वैध गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। यह भारत को एक नियंत्रित और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी डिजिटल गेमिंग क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान:
1. ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध:
· यह विधेयक उन ऑनलाइन गेम्स पर सख्त प्रतिबंध लगाता है जिनमें उपयोगकर्ता पैसों या अन्य दांव (जैसे सिक्के, क्रेडिट या टोकन) के बदले खेलने के लिए भाग लेते हैं और जिनका उद्देश्य मौद्रिक लाभ प्राप्त करना होता है। यह प्रतिबंध इस बात की परवाह किए बिना लागू होता है कि गेम कौशल पर आधारित है, संयोग पर या दोनों पर।
· यह विधेयक ऐसे गेम्स के विज्ञापन, वित्तीय लेन-देन और उन्हें संचालित करने वाली सेवाओं पर भी रोक लगाता है। केंद्र सरकार को इनसे जुड़ी सामग्री या सेवाओं की ऑनलाइन पहुँच को अवरुद्ध करने का अधिकार भी प्रदान किया गया है।
2. ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स के लिए समर्थन:
इसके विपरीत, यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देता है।
· ई-स्पोर्ट्स को ऐसे प्रतिस्पर्धी और कौशल-आधारित खेलों के रूप में परिभाषित किया गया है, जो बहु-खेल आयोजनों का हिस्सा होते हैं, जिन्हें राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम, 2025 के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है। इन खेलों में सट्टेबाजी या दांव लगाने की कोई अनुमति नहीं होती।
· ऑनलाइन सोशल गेम्स वे खेल हैं जो मनोरंजन, सामाजिक सहभागिता या कौशल विकास के उद्देश्य से खेले जाते हैं। इनमें सदस्यता शुल्क या एकमुश्त प्रवेश शुल्क लिया जा सकता है, लेकिन इनमें जुए से जुड़े किसी भी प्रकार के तत्व शामिल नहीं होने चाहिए।
3. गेमिंग प्राधिकरण का गठन:
यह विधेयक केंद्र सरकार को ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक विनियामक प्राधिकरण स्थापित करने का अधिकार देता है। यह प्राधिकरण निम्नलिखित कार्यों के लिए उत्तरदायी होगा:
· यह तय करेगा कि कोई गेम ऑनलाइन मनी गेम की श्रेणी में आता है या नहीं।
· ऑनलाइन गेम्स का पंजीकरण और वर्गीकरण करेगा।
· निर्धारित नियमों और सुरक्षा मानकों के अनुपालन की निगरानी करेगा।
4. बिना वारंट के तलाशी, ज़ब्ती और गिरफ़्तारी:
विधेयक के तहत अधिकृत अधिकारियों को बिना वारंट के प्रवेश, तलाशी और गिरफ़्तारी की अनुमति दी गई है। यह अधिकार ईमेल और सोशल मीडिया जैसे डिजिटल माध्यमों तक विस्तृत है। इसके अलावा, यह शक्तियाँ इमारतों, वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तक भी लागू होती हैं। इन सभी कार्यवाहियों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्रावधानों का पालन अनिवार्य होगा।
कठोर अपराध और दंड:
विधेयक के अंतर्गत उल्लंघन पर कठोर दंड निर्धारित किए गए हैं:
· ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश करने पर अधिकतम 3 वर्ष की कारावास, ₹1 करोड़ तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
· ऐसे गेम्स का विज्ञापन करने पर अधिकतम 2 वर्ष की कारावास, ₹50 लाख तक का जुर्माना, या दोनों।
· लेन-देन की सुविधा प्रदान करने पर अधिकतम 3 वर्ष की कारावास, ₹1 करोड़ तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।
ये सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। इसके अतिरिक्त, यदि कोई संस्था या व्यक्ति सरकार या प्राधिकरण के निर्देशों का पालन नहीं करता, तो उस पर नागरिक दंड, पंजीकरण निलंबन, या संचालन पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
उद्योग पर प्रभाव:
· राजस्व हानि:
ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध से राजस्व में भारी नुकसान होने की आशंका है, अनुमान है कि इससे सालाना 20,000 करोड़ का नुकसान होगा।
· नौकरी का नुकसान:
उद्योग जगत के नेताओं ने चेतावनी दी है कि इस प्रतिबंध से बड़े पैमाने पर नौकरियों में कटौती और व्यवसाय बंद हो सकते हैं, जिससे 2 लाख से ज़्यादा नौकरियाँ और 25,000 करोड़ का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) ख़तरे में पड़ सकता है।
· विदेशी प्लेटफ़ॉर्म की ओर रुख़: यह प्रतिबंध उपयोगकर्ताओं को विदेशी गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म की ओर ले जा सकता है, जिससे सरकार को हर साल लगभग 20,000 करोड़ का राजस्व नुकसान हो सकता है।
निष्कर्ष:
ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025, एक महत्वपूर्ण कानून है जिसका उद्देश्य नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन स्थापित करना है। यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को प्रोत्साहित करता है, साथ ही ऑनलाइन मनी गेम्स के खिलाफ कड़ा रुख़ अपनाता है। इसका मुख्य फोकस जनकल्याण और सुरक्षा पर है। यह विधेयक भारत के गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र और डिजिटल मनोरंजन एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की महत्वाकांक्षा को सशक्त करेगा।