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Blog / 03 Dec 2025

केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025

सन्दर्भ:

हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा 1 दिसंबर 2025 को केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 को लोकसभा में प्रस्तुत किया। यह विधेयक केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 में संशोधन करते हुए तंबाकू तथा तंबाकू-आधारित उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि का प्रावधान करता है

पृष्ठभूमि:

वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद वर्ष 2017 में अधिकांश वस्तुओं पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क समाप्त कर दिया गया था। किंतु तंबाकू और उससे जुड़े उत्पाद इसके दायरे में बने रहे। GST के साथ सरकार ने एक क्षतिपूर्ति उपकर (Compensation Cess) भी लगाया, ताकि राज्यों को GST लागू होने से हुए संभावित राजस्व घाटे की भरपाई की जा सके।

वर्तमान में तंबाकू उत्पाद तीन प्रकार के करों के अंतर्गत आते हैं:

1.        वस्तु एवं सेवा कर (GST)

2.      क्षतिपूर्ति उपकर

3.      केंद्रीय उत्पाद शुल्क

सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त कर दिया जाएगा। ऐसे में कुल कर संग्रह में कमी न आए, इसलिए उत्पाद शुल्क संरचना में संशोधन आवश्यक हो गया है।

Centre Proposes Pan Masala Cess, Higher Tobacco Duties

विधेयक का उद्देश्य:

    • यह विधेयक केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 में संशोधन कर यह प्रावधान करता है कि GST क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद भी तंबाकू एवं उससे संबंधित उत्पादों पर नए या संशोधित केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाए जा सकें। इसका उद्देश्य कुल कर संग्रह को राजस्व-तटस्थ बनाए रखना है।
    • इसके अतिरिक्त, सरकार ने एक पूरक विधेयक, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025, भी प्रस्तुत किया है। इसका लक्ष्य पान मसाला तथा अन्य संभावित अस्वास्थ्यकरउत्पादों पर एक नए उपकर का प्रावधान कर राजस्व स्रोतों को और अधिक सुदृढ़ करना है।

विधेयक की प्रमुख प्रावधान:

1. तंबाकू पर उत्पाद शुल्क वृद्धि

      • अनिर्मित (कच्चे) तंबाकू जैसे सूर्य-सूखे तंबाकू पत्तों, पर शुल्क 64% से बढ़ाकर 70% किया जाएगा।

2. सिगरेट पर शुल्क वृद्धि

      • वर्तमान में सिगरेटों पर उत्पाद शुल्क ₹200 से ₹735 प्रति हजार है, जिसे बढ़ाकर ₹2,700–₹11,000 प्रति हजार कर दिया जाएगा।

3. अन्य तंबाकू उत्पादों पर वृद्धि

      • चबाने वाले तंबाकू पर शुल्क 25% से बढ़ाकर 100%
      • हुक्का एवं गुड़ाकू तंबाकू पर शुल्क 25% से बढ़ाकर 40%
      • पाइप व सिगरेट के लिए प्रयुक्त धूम्रपान मिश्रण (smoking mixtures) पर शुल्क 60% से बढ़ाकर 325% किया जायेगा।

इन प्रावधानों से यह सुनिश्चित होगा कि क्षतिपूर्ति उपकर हटने के बाद भी प्रभावी कर संग्रह में कोई कमी न आए।

प्रभाव एवं निहितार्थ:

1. राजस्व सुदृढ़ीकरण: उत्पाद शुल्क में वृद्धि से केंद्र सरकार के राजस्व की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, विशेषकर उस स्थिति में जब GST क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त हो जाएगा।

2. स्वास्थ्य नीति के अनुरूप कदम: तंबाकू पर उच्च कराधान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिशों तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियों के अनुरूप है, क्योंकि इससे तंबाकू उपभोग में कमी आने की संभावना रहती है।

3. राज्य सरकारों का राजस्व संरक्षण: GST की वसूली जारी रहने से राज्यों को अपने हिस्से का राजस्व मिलता रहेगा, जिससे सहकारी संघवाद (fiscal federalism) को मजबूती मिलेगी।

4. बाजार प्रभाव: उत्पाद शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धिविशेषकर सिगरेट और धूम्रपान मिश्रण परसे बाज़ार भाव बढ़ेंगे, जिससे उपभोग पैटर्न पर असर पड़ेगा। हालाँकि, यह भी आशंका है कि यदि प्रवर्तन कमजोर रहा, तो अवैध व्यापार (illicit trade) और तस्करी बढ़ सकती है।

निष्कर्ष:

केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025, GST क्षतिपूर्ति उपकर की समाप्ति के बाद राजस्व तटस्थता सुनिश्चित करने की दिशा में एक रणनीतिक पहल है। तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर सरकार न केवल अपने राजस्व हितों की रक्षा कर रही है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य लक्ष्यों को भी आगे बढ़ा रही है। हालाँकि, इस नीति के अपेक्षित आर्थिक एवं स्वास्थ्य-सम्बंधी लाभ तभी प्राप्त होंगे जब प्रवर्तन तंत्र मजबूत हो, कर अपवंचन पर रोक लगे और अवैध व्यापार पर कड़ाई से निगरानी रखी जाए।