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Blog / 16 Aug 2025

थायुमनवर थिट्टम योजना

सन्दर्भ:

हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) योजना के तहत 21.7 लाख से अधिक वृद्धों और दिव्यांगजनों के घर तक राशन पहुँचाने के लिए 'थायुमनवर थिट्टम' योजना शुरू की। इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को राशन प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करना और सुविधा एवं सुगम्यता को बढ़ावा देना है।

'थायुमनवर थिट्टम' योजना की मुख्य विशेषताएँ:

        यह योजना लाभार्थियों के घरों तक चावल, चीनी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का प्रावधान करती है।

        इस योजना से राज्य भर में लगभग 20.4 लाख वरिष्ठ नागरिकों और 1.3 लाख दिव्यांगजनों को लाभ मिलने की संभावना है।

        यह योजना सहकारिता, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा क्रियान्वित की जाएगी, जिसके अंतर्गत राशन वितरण वाहन प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार और रविवार को लाभार्थियों के घर जाएँगे।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बारे में:

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की शुरुआत 1947 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान और उसके बाद खाद्यान्न की कमी को प्रबंधित करने हेतु एक राशन प्रणाली के रूप में की गई थी। 1997 में, यह लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के रूप में विकसित हुई, जिसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों पर खाद्य सब्सिडी केंद्रित करना था।

        केंद्र सरकार, भारतीय खाद्य निगम (FCI) के माध्यम से, खरीद और भंडारण का प्रबंधन करती है।

        राज्य सरकारें वितरण, लाभार्थियों की पहचान और उचित मूल्य की दुकानों का संचालन करती हैं।

        PDS आर्थिक रूप से कमजोर आबादी को रियायती दरों पर आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराकर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

        इसका उद्देश्य कीमतों को स्थिर करना, न्यूनतम पोषण मानकों को सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं को मुद्रास्फीति से बचाना है।

        वर्ष 2000 में अंत्योदय अन्न योजना (AAY) शुरू की गई थी, जिसके तहत सबसे कमजोर परिवारों को अत्यधिक रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है।

        राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 ने भारत की दो-तिहाई आबादी को रियायती दर पर खाद्यान्न प्राप्त करने का कानूनी अधिकार प्रदान किया।

तमिलनाडु की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बारे में:

        तमिलनाडु की PDS एक सार्वभौमिक योजना है जो अन्य राज्यों की लक्षित प्रणालियों के विपरीत, सभी परिवारों को रियायती दर पर खाद्यान्न प्रदान करती है।

        प्रत्येक परिवार को मासिक 20 किलोग्राम चावल मिलता है, जबकि AAY के तहत परिवारों को 35 किलोग्राम चावल दिया जाता है।

        अन्नपूर्णा योजना पेंशनविहीन वृद्ध व्यक्तियों की सहायता करती है।

        गेहूँ, चीनी और मिट्टी के तेल जैसी आवश्यक वस्तुएँ भी वितरित की जाती हैं।

        तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम (TNCYCS) खरीद, भंडारण और वितरण का प्रबंधन करता है।

निष्कर्ष:

'थायुमनवर थिट्टम', भोजन की पहुँच को और अधिक समावेशी और सम्मानजनक बनाने के तमिलनाडु के निरंतर प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के घरों तक सीधे राशन पहुँचाकर, राज्य अपने सार्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली मॉडल को करुणा और दक्षता के साथ मज़बूत करता है।