सन्दर्भ:
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में 17 अक्टूबर 2025 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नासिक परिसर में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk1A की तीसरी उत्पादन लाइन और हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 (HTT-40) की दूसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन किया।
तेजस Mk1A के बारे में:
तेजस Mk1A भारत में विकसित स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft) का उन्नत संस्करण है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित और निर्मित किया गया है।
मुख्य विशेषताएँ और सुधार:
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- Mk1A संस्करण में मूल तेजस Mk1 की तुलना में कई प्रमुख सुधार किए गए हैं, जिनमें नया एवियोनिक्स सिस्टम, एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार, सुधारित इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) सिस्टम, और एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग क्षमता शामिल हैं।
- यह विमान GE F404-IN20 इंजन द्वारा संचालित है, जो अधिक थ्रस्ट प्रदान करता है और विमान को लगभग मैक 1.8 की गति तक पहुँचने और लगभग 1,700 किलोमीटर की फेरी रेंज तय करने में सक्षम बनाता है।
- यह एक बहुउद्देश्यीय (Multirole) विमान है, जो हवाई श्रेष्ठता, जमीनी हमला, टोही (reconnaissance) और समुद्री अभियानों में सक्षम है। यह बियॉन्ड-विजुअल-रेंज (BVR) मिसाइलों और प्रेसिजन-गाइडेड म्यूनिशन (PGMs) सहित कई प्रकार के हथियारों का उपयोग कर सकता है।
- Mk1A संस्करण में मूल तेजस Mk1 की तुलना में कई प्रमुख सुधार किए गए हैं, जिनमें नया एवियोनिक्स सिस्टम, एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार, सुधारित इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) सिस्टम, और एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग क्षमता शामिल हैं।
HTT-40 के बारे में:
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- HTT-40 एक दो सीटों वाला टर्बोप्रॉप बेसिक ट्रेनर विमान है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिज़ाइन सेंटर (ARDC) द्वारा पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
- यह विमान भारतीय वायुसेना (IAF) और अन्य सशस्त्र बलों के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण (ab-initio training) हेतु बनाया गया है, जिससे आयातित ट्रेनर विमानों पर निर्भरता कम हो सके।
मुख्य विशेषताएँ:
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- इंजन: इसमें हनीवेल TPE331-12B टर्बोप्रॉप इंजन (या समकक्ष) लगाया गया है, जो लगभग 1,100 हॉर्सपावर की शक्ति प्रदान करता है (प्रशिक्षण संस्करण में लगभग 950 हॉर्सपावर तक सीमित)।
- प्रदर्शन: अधिकतम गति लगभग 450 किमी/घं., और प्रशिक्षण भूमिका में सेवा ऊँचाई (Service Ceiling) लगभग 6,000 मीटर (6 किमी) है।
- स्वदेशी सामग्री: प्रारंभ में लगभग 56% स्वदेशी घटक शामिल हैं, जिसे आगे 60% से अधिक तक बढ़ाने की योजना है, ताकि अधिक पुर्ज़े और उप-प्रणालियाँ देश में ही निर्मित की जा सकें।
- इंजन: इसमें हनीवेल TPE331-12B टर्बोप्रॉप इंजन (या समकक्ष) लगाया गया है, जो लगभग 1,100 हॉर्सपावर की शक्ति प्रदान करता है (प्रशिक्षण संस्करण में लगभग 950 हॉर्सपावर तक सीमित)।
रणनीतिक महत्व:
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- उत्पादन क्षमता में वृद्धि: तेजस की तीसरी और HTT-40 की दूसरी उत्पादन लाइन शुरू होने से HAL की नासिक इकाई अब भारतीय वायुसेना की फाइटर और ट्रेनर विमानों की मांग को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करने में सक्षम होगी।
- निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करना: नई उत्पादन लाइनों के माध्यम से रक्षा-विमानन क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर, असेंबली सिस्टम, मॉड्यूल्स और डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग में निवेश को बढ़ावा मिला है।
- रोजगार और औद्योगिक साझेदारी: नासिक विस्तार से HAL ने लगभग 1,000 नए रोजगार सृजित किए हैं और क्षेत्र में 40 से अधिक औद्योगिक साझेदारों का विकास किया है।
- स्वदेशी प्रगति का प्रतीक: तेजस Mk1A और HTT-40 दोनों ही भारत की उस महत्वाकांक्षा के प्रतीक हैं, जिसके तहत देश आधुनिक एयरोस्पेस प्लेटफॉर्म्स के डिजाइन, विकास और उत्पादन में आत्मनिर्भर बन रहा है अर्थात आयात पर निर्भरता से मुक्ति।
- उत्पादन क्षमता में वृद्धि: तेजस की तीसरी और HTT-40 की दूसरी उत्पादन लाइन शुरू होने से HAL की नासिक इकाई अब भारतीय वायुसेना की फाइटर और ट्रेनर विमानों की मांग को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करने में सक्षम होगी।
निष्कर्ष:
LCA Mk1A की तीसरी और HTT-40 की दूसरी उत्पादन लाइन का HAL नासिक में उद्घाटन, भारत की रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस विकास के साथ, भारत अब अपनी रक्षा निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने, विदेशी आयात पर निर्भरता घटाने, और वैश्विक रक्षा उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने की दिशा में अग्रसर है।
