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Blog / 04 Sep 2025

अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) का अध्ययन

संदर्भ:

एनवायर्नमेंटल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) — जो एक प्रमुख महासागरीय धाराप्रणाली है का भविष्य में पतन हो सकता है। इस प्रणाली में गल्फ स्ट्रीम जैसी धाराएँ शामिल हैं, जो वैश्विक स्तर पर गर्म समुद्री जल के प्रवाह में सहायक होती हैं। यह विशेष रूप से यूरोप और उत्तर अमेरिका की जलवायु को स्थिर और संतुलित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) के विषय में:

अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) अटलांटिक महासागर में महासागरीय धाराओं की एक प्रमुख प्रणाली है।

·         यह एक विशाल "कन्वेयर बेल्ट" की भांति कार्य करती है, जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से गर्म जल को उत्तर की ओर ले जाती है और ठंडे जल को समुद्र की गहराई में दक्षिण की ओर वापस प्रवाहित करती है।

·         यह प्रणाली मुख्यतः जल के तापमान और लवणता के अंतर के कारण संचालित होती है।

·         AMOC वैश्विक स्तर पर गर्मी, पोषक तत्वों और कार्बन के वितरण में सहायक है, जिससे यह वैश्विक जलवायु को संतुलित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, विशेष रूप से यूरोप और उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र में।

·         इसके अलावा, यह समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और समुद्री जीवन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

AMOC के  कमज़ोर पड़ने के प्रभाव:

विभिन्न शोधों के अनुसार, AMOC के पतन से वैश्विक जलवायु पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। मुख्य संभावित परिणाम इस प्रकार हैं:

·         उत्तरी यूरोप और पूर्वी उत्तरी अमेरिका में अत्यधिक ठंड में वृद्धि।

·         उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र में समुद्री बर्फ का विस्तार।

·         अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कुछ भागों में लंबे समय तक सूखा।

·         दक्षिण एशिया सहित एशियाई क्षेत्रों में मानसून चक्र में गंभीर व्यवधान।

·         अल नीनो घटनाओं की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि।

साइंस एडवांसेज़ (2016) में प्रकाशित एक अध्ययन में चेतावनी दी गई थी कि AMOC के पतन से वैश्विक स्तर पर भिन्न-भिन्न जलवायु प्रतिक्रियाएँउत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय वर्षा पट्टियों का दक्षिण की ओर स्थानांतरित होना शामिल है।

एएमओसी की गति धीमी क्यों हो रही है?

    • ग्रीनलैंड और आर्कटिक क्षेत्र की बर्फ का तेज़ी से पिघलना: इससे उत्तरी अटलांटिक महासागर में भारी मात्रा में ताज़ा जल प्रवेश कर रहा है। चूंकि ताज़ा पानी नमकीन पानी की तुलना में कम घनत्व वाला होता है, यह उस "थर्मोहेलाइन सर्कुलेशन" को बाधित करता है, जोकि AMOC के संचालन के लिए आवश्यक है।
    • हिंद महासागर का गर्म होना: इससे वर्षा के वैश्विक पैटर्न में बदलाव आ रहा है। 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, हिंद महासागर में वर्षा में वृद्धि और अटलांटिक क्षेत्र में वर्षा में कमी से अटलांटिक में लवणता में वृद्धि होती है।  यह स्थिति अस्थायी रूप से AMOC को मज़बूत कर सकती है, किंतु जैसे ही यह असंतुलन चरम पर पहुँचता है, प्रणाली के अस्थिर होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

निष्कर्ष:

यह अध्ययन वैश्विक जलवायु कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। हालाँकि एएमओसी का वास्तविक पतन अभी कई दशकों दूर हो सकता है, लेकिन इसके लिए ज़िम्मेदार प्रक्रियाओं को बहुत पहले ही पहचाना जा सकता है। वैश्विक मौसम, समुद्र के स्तर, कृषि और जैव विविधता पर संभावित विनाशकारी परिणामों को देखते हुए, वैज्ञानिकों का तर्क है कि जलवायु परिवर्तन को कम करना एक सर्वोच्च वैश्विक प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।