संदर्भ:
खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने फ्रांस के नीस शहर में आयोजित तीसरे संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (UNOC3) में विश्व के समुद्री मत्स्य संसाधनों की स्थिति की समीक्षा पर आधारित अपनी 2025 की रिपोर्ट जारी की है।
· यह द्विवार्षिक रिपोर्ट समुद्री मछलियों के भंडारों की स्थिति और स्थिरता पर एक व्यापक वैश्विक विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें 600 से अधिक विशेषज्ञों, 200 संस्थानों और 90 देशों का योगदान है।
मुख्य निष्कर्ष:
वैश्विक मत्स्य भंडार की स्थिति
• वैश्विक मत्स्य भंडारों में से 64.5% जैविक रूप से स्थायी स्तरों पर हैं।
• 35.5% का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है, यानी इनका दोहन इतनी तेज़ी से हो रहा है कि इनकी जनसंख्या के समाप्त होने का खतरा है।
• खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार किसी भंडार को “अत्यधिक दोहनयुक्त” तब माना जाता है जब उसका बायोमास अधिकतम सतत उपज (MSY) का 80% से कम हो जाता है अर्थात वह अधिकतम मात्रा जिसे समय के साथ बनाए रखा जा सके।
गहरे समुद्र की प्रजातियाँ:
• केवल 29% गहरे समुद्र की मछलियों का दोहन स्थायी रूप से किया जा रहा है।
इन प्रजातियों को कुछ विशिष्ट जैविक चुनौतियाँ होती हैं:
o देर से परिपक्वता
o धीमी वृद्धि
o लंबी आयु
o कम प्राकृतिक मृत्यु दर
o कम बार प्रजनन
ये विशेषताएँ इन प्रजातियों को अत्यधिक दोहन के प्रति बहुत संवेदनशील बनाती हैं और इनकी पुनर्प्राप्ति धीमी होती है।
शार्क मछलियों के लिए खतरा
• अत्यधिक गतिशील (लंबी दूरी की) शार्क प्रजातियों में से आधे से अधिक का दोहन अस्थायी रूप से किया जा रहा है।
• सात प्रजातियों की 23 शार्क जनसंख्या में से:
o 43.5% अत्यधिक दोहनयुक्त हैं।
• शार्क अकसर ट्यूना मछलियों के शिकार में “उप-शिकार” (bycatch) के रूप में फंस जाती हैं।
• शार्क का सबसे अधिक वार्षिक शिकार इन क्षेत्रों में होता है:
o पश्चिमी मध्य प्रशांत
o पूर्वी हिन्द महासागर
o पश्चिमी हिन्द महासागर
• शार्क और किरणें (rays) अत्यधिक दोहन के प्रति जैविक रूप से संवेदनशील होती हैं और इनमें प्रतिरोध क्षमता कम होती है।
क्षेत्रीय स्थिरता की प्रवृत्तियाँ
• उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत: मजबूत मत्स्य प्रबंधन प्रणाली के कारण उच्च स्थिरता।
• भूमध्यसागर और काला सागर: केवल 35.1% भंडारों का दोहन स्थायी रूप से किया जा रहा है।
• दक्षिण-पूर्वी प्रशांत: स्थिरता 46.4% है।
• पूर्वी हिन्द महासागर: अनुमानित 72.7% भंडार स्थायी हैं, लेकिन आंकड़े सीमित हैं और इनमें कुछ संवेदनशील प्रजातियाँ शामिल नहीं हो सकतीं।
प्रबंधन प्रणाली की भूमिका:
• जिन क्षेत्रों में मजबूत प्रबंधन ढाँचा है, वहाँ भंडारों की स्थिरता बेहतर पाई गई है।
• खुले समुद्र में ट्यूना भंडार बेहतर स्थिति में हैं — आकलित भंडारों में से 87% को स्थायी माना गया है।
• इस सफलता का श्रेय क्षेत्रीय मत्स्य प्रबंधन संगठनों (RFMOs) को दिया गया है जो सुनिश्चित करते हैं:
o मजबूत आंकड़ा संग्रह
o जहाजों पर निगरानी प्रणाली
o सटीक उतराई रिकॉर्ड
o पालन-प्रवर्तन तंत्र
खुले समुद्र और राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे क्षेत्र (ABNJ)
• खुले समुद्र वे क्षेत्र होते हैं जो विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) और महाद्वीपीय शेल्फ़ से बाहर होते हैं।
• इन क्षेत्रों का प्रबंधन या तो सीधे राष्ट्र करते हैं या RFMOs के माध्यम से किया जाता है।
• RFMOs सीमाओं के पार प्रवासी और साझे भंडारों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आंकड़े और शासन का महत्व
• कुछ क्षेत्र अभी भी आंकड़ों की कमी से जूझ रहे हैं, जिससे मत्स्य संसाधनों की स्थिति का सही मूल्यांकन करना कठिन हो जाता है।
• रिपोर्ट उन क्षेत्रों में एहतियाती दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत पर बल देती है जहाँ आंकड़े सीमित हैं।
• प्रभावी प्रबंधन समुद्री संसाधनों के संरक्षण का सबसे शक्तिशाली उपकरण है।
निष्कर्ष
FAO की 2025 रिपोर्ट समुद्री मत्स्य भंडारों की वैश्विक स्थिति का एक महत्वपूर्ण मापदंड प्रस्तुत करती है। यह जहां एक ओर प्रगति को दर्शाती है, वहीं लगातार बनी हुई चुनौतियों को भी उजागर करती है। कुछ क्षेत्र जहाँ वैज्ञानिक और सहयोगात्मक प्रबंधन के ज़रिये आगे बढ़ रहे हैं, वहीं अन्य क्षेत्र जैविक संवेदनशीलता, अत्यधिक दोहन और आंकड़ों की कमी के कारण संघर्ष कर रहे हैं। दीर्घकालिक समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक और क्षेत्रीय मत्स्य शासन को मजबूत करना आवश्यक है।