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Blog / 12 Jun 2025

विश्व जनसंख्या की स्थिति 2025: वास्तविक प्रजनन संकट

संदर्भ:
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की नवीनतम रिपोर्ट
विश्व जनसंख्या की स्थिति 2025: वास्तविक प्रजनन संकटके अनुसार, भारत, जिसे अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश माना जाता है, एक महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय परिवर्तन देख रहा है। रिपोर्ट में भारत की वर्तमान जनसंख्या 146.39 करोड़ बताई गई है, जो चीन की 141.61 करोड़ से अधिक है।

मुख्य बिंदु:

1. जनसंख्या अनुमान और अनुमान

अप्रैल 2025 तक, भारत की जनसंख्या 146.39 करोड़ (1.4639 बिलियन) होने का अनुमान है, जो चीन (141.61 करोड़) को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा।

अनुमान है कि अगले चार दशकों में भारत की जनसंख्या लगभग 170 करोड़ तक पहुंच जाएगी, जिसके बाद इसमें क्रमिक गिरावट आने की संभावना है।

ये अनुमान मोटे तौर पर भारत के तकनीकी समूह के अनुमानों (2019) के अनुरूप हैं, जिसमें 2025 का आंकड़ा 141.10 करोड़ रखा गया था।

2. प्रजनन दर में गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) घटकर 1.9 हो गई है, जो 2.1 के प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है।
भारत की सैंपल रजिस्ट्रेशन प्रणाली (SRS) 2021 में भी राष्ट्रीय TFR 2.0 दर्ज की गई थी।
• TFR में यह गिरावट कई संरचनात्मक परिवर्तनों को दर्शाती है, जैसे: महिलाओं की शिक्षा में वृद्धि, गर्भनिरोधकों का अधिक उपयोग, विवाह में देरी और शहरीकरण।

3. प्रजनन संकट की नई व्याख्या
रिपोर्ट पारंपरिक अति जनसंख्याकी धारणा को चुनौती देती है और एक नई जनसांख्यिकीय चिंता को रेखांकित करती है: व्यक्तियों और दंपतियों की अधूरी प्रजनन आकांक्षाएं।
  तथाकथित "वास्तविक प्रजनन संकट" लोगों की अपनी इच्छानुसार बच्चे पैदा करने में असमर्थता को संदर्भित करता है, जो अक्सर प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल, सूचना या स्वायत्तता तक पहुँच की कमी के कारण होता है।
रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि प्रजनन निर्णयों पर स्वतंत्र और सूचित विकल्प लेने का अधिकार देना अत्यंत आवश्यक है।

4. युवाओं की अधिकता और कार्यशील जनसंख्या
भारत अभी भी जनसांख्यिकीय रूप से एक युवा देश है:
o 0–14 वर्ष की आयु के लोग: 24%
o 10–19 वर्ष की आयु के लोग: 17%
o 10–24 वर्ष की आयु के लोग: 26%
• 15–64 वर्ष की आयु वर्ग की कार्यशील जनसंख्या 68% है, जो जनसांख्यिकीय लाभांश की संभावना को दर्शाती है।
इस लाभांश का लाभ उठाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और रोजगार सृजन में ठोस निवेश की आवश्यकता है।

5. बुजुर्ग आबादी और जीवन प्रत्याशा
वरिष्ठ नागरिकों (65 वर्ष और उससे अधिक) की संख्या वर्तमान में 7% है, और दीर्घायु बढ़ने के साथ यह संख्या लगातार बढ़ेगी।
• 2025 में जन्म के समय अनुमानित जीवन प्रत्याशा है:
o पुरुषों के लिए: 71 वर्ष
o महिलाओं के लिए: 74 वर्ष
यह जनसांख्यिकीय बदलाव वृद्ध-हितैषी नीतियों की मांग करता है, जैसे पेंशन सुधार, वृद्धावस्था स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था।

World Population 2025

जनगणना में देरी:
भारत ने 2011 के बाद कोई जनगणना नहीं की है, जिससे हर दस साल में जनगणना कराने की परंपरा टूटी है। 2021 की जनगणना स्थगित कर दी गई है और अब इसे मार्च 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
हाल की जनगणना के अभाव में, जनसांख्यिकीय मूल्यांकन मुख्य रूप से निम्नलिखित घरेलू सर्वेक्षणों पर निर्भर हैं:
सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS)
राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS)
जनसांख्यिकीय और स्वास्थ्य सर्वेक्षण (DHS)
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और मॉडल आधारित अनुमान

निष्कर्ष
भारत एक जनसांख्यिकीय मोड़ पर खड़ा है। जनसंख्या वृद्धि धीमी हो रही है, लेकिन अब चुनौती यह है कि जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन किया जाए, प्रजनन अधिकारों को समर्थन दिया जाए और धीरे-धीरे बढ़ती बुजुर्ग आबादी के लिए तैयारी की जाए। आगामी जनगणना 2026–27 (जो 2021 से टली हुई है) भविष्य की योजना बनाने के लिए आवश्यक अद्यतन आंकड़े प्रदान करेगी।