सन्दर्भ:
हाल ही में भारत ने SEEDS (Supply of Equipment for Efficient Development of SMEs) पहल के तहत सुरिनाम में पैशन फ्रूट प्रसंस्करण इकाई की स्थापना हेतु मशीनरी की दूसरी और अंतिम खेप रवाना की है।
SEEDS पहल क्या है?
SEEDS पहल भारत के विकास सहयोग कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों में समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देना है। इस पहल के अंतर्गत भारत साझेदार देशों में छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को सशक्त बनाने के लिए अनुदान और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत:
• भारत ने सुरिनाम में पैशन फ्रूट प्रसंस्करण और पैकेजिंग इकाई की स्थापना के लिए 10 लाख डॉलर का अनुदान प्रदान किया है।
• इस परियोजना का कार्यान्वयन NABARD की सहायक संस्था NABARD कंसल्टेंसी सर्विसेज (NABCONS) की तकनीकी सहायता से किया जा रहा है।
• यह पहल सुरिनाम में छोटे और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाकर कृषि उत्पादों में मूल्यवर्धन, रोजगार सृजन और स्थानीय क्षमताओं के विकास को प्रोत्साहित करती है।
पैशन फ्रूट क्यों चुना गया?
- पैशन फ्रूट (Passiflora edulis) एक पोषक तत्वों से भरपूर उष्णकटिबंधीय फल है, जो अपने स्वाद, स्वास्थ्य लाभ और उच्च निर्यात संभावनाओं के लिए जाना जाता है। यह फल मूल रूप से दक्षिण अमेरिका का है और इसमें निम्नलिखित प्रमुख पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं:
- विटामिन ए और सी
- फाइबर आहार
- एंटीऑक्सीडेंट
SEEDS पहल के लाभ:
• द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करना: विकास सहयोग के माध्यम से भारत और सुरिनाम के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को और अधिक मजबूत बनाना।
• सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: सुरिनाम में कृषि और लघु व मध्यम उद्यमों (SMEs) के विकास को प्रोत्साहन देना।
• क्षमता निर्माण: सुरिनाम के उद्यमियों और किसानों को तकनीकी सहायता एवं प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी दक्षताओं को विकसित करना।
• रोजगार सृजन: स्थानीय स्तर पर नौकरियों और आय के नए अवसर पैदा करना, जिससे सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिले।
यह पहल भारत की विदेश नीति के लिए क्या मायने रखती है?
• दक्षिण-दक्षिण सहयोग: विकासशील देशों के बीच पारस्परिक सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देना।
• आर्थिक कूटनीति: भारतीय तकनीक, सेवाएं और विशेषज्ञता को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करना और भारतीय उद्योगों के लिए नए अवसरों का सृजन करना।
• सॉफ्ट पावर और विकास कूटनीति: भारत की छवि को एक उत्तरदायी, संवेदनशील और विश्वसनीय विकास साझेदार के रूप में सशक्त बनाना।
• प्रवासी भारतीयों से संबंध सुदृढ़ करना: सुरिनाम जैसे देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना जहाँ भारतीय मूल की बड़ी आबादी निवास करती है।
सुरिनाम के बारे में:
• स्थान: दक्षिण अमेरिका के उत्तरी तट पर स्थित
• सीमाएँ: उत्तर में अटलांटिक महासागर, पूर्व में फ्रेंच गयाना, दक्षिण में ब्राज़ील, पश्चिम में गुयाना
• राजधानी: परमारिबो
• आधिकारिक भाषा: डच
• प्राकृतिक विशेषताएँ: सुरिनाम का 90% से अधिक भू-भाग घने उष्णकटिबंधीय वर्षावनों से आच्छादित है, जिससे यह विश्व के सर्वाधिक वनाच्छादित देशों में शामिल है।
निष्कर्ष:
सुरिनाम के लिए पैशन फ्रूट प्रसंस्करण परियोजना के तहत भारत द्वारा मशीनों की अंतिम खेप भेजना विकास कूटनीति का एक ठोस उदाहरण है। यह भारत की उस वैश्विक सोच को दर्शाता है जो साझेदारी, टिकाऊपन और साझा प्रगति पर आधारित है। जैसे-जैसे भारत लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों से अपने संबंधों को गहराता है, इस तरह की पहलें कूटनीति को ठोस विकास परिणामों में बदलने में अहम भूमिका निभाती हैं।