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Blog / 17 May 2025

भारत के वन विकास पर एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट

सन्दर्भ:

एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार भारत, विश्व स्तर पर उन शीर्ष 10 देशों में से एक बन गया है, जिन्होंने हाल के वर्षों में वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:

वन क्षेत्र की स्थिति:

1991 से 2011 तक भारत में वन क्षेत्र लगभग स्थिर रहा। लेकिन 2011 के बाद इसमें वृद्धि देखी गई, जिसका श्रेय शहरी हरियाली, टिकाऊ भूमि उपयोग और वनीकरण प्रयासों को जाता है।

शहरीकरण और वन क्षेत्र:

रिपोर्ट में शहरीकरण और वन क्षेत्र के बीच एक U-आकार के संबंध का ज़िक्र है:

  • प्रारंभिक शहरीकरण से वनों की कटाई होती है।
  • परंतु जब शहरीकरण 40% से अधिक हो जाता है, तो हरित नीतियों और योजनाओं के कारण वन क्षेत्र में बढ़ोतरी होती है।

2011 में भारत की शहरी आबादी 31.1% थी, जो 2024 में बढ़कर अनुमानित 35-37% हो गई है। यह उस स्तर के पास है जहाँ शहरीकरण वन क्षेत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

SBI Research Report on India's Forest Growth

सरकारी पहलें:

भारत ने शहरी विकास को हरित बुनियादी ढाँचे से जोड़ने के लिए कई राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किए हैं, जैसे:

  • स्मार्ट सिटी मिशन
  • AMRUT (अटल मिशन फॉर रीजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन)

इनका उद्देश्य शहरी हरित क्षेत्रों, ग्रीन बेल्ट, पार्कों और टिकाऊ भूमि उपयोग को बढ़ावा देकर शहरी पारिस्थितिकीय लचीलापन बढ़ाना है।

भारतीय महानगरों में वन क्षेत्र:

भारत के महानगरों में कुल 511.81 वर्ग किमी वन क्षेत्र है, जो उनके कुल क्षेत्रफल का 10.26% है।

  • दिल्ली सबसे आगे है, इसके बाद मुंबई और बेंगलुरु का स्थान है।
  • वन क्षेत्र में वृद्धि: अहमदाबाद, बेंगलुरु
  • वन क्षेत्र में कमी: चेन्नई, हैदराबाद

आर्थिक महत्व:

भारत में लगभग 35 अरब पेड़ हैं, लेकिन प्रति पेड़ GVA (सकल मूल्य वर्धन) केवल ₹100 है।
वन क्षेत्र देश के GVA में लगभग 1.3%–1.6% का योगदान देता है और ये निम्नलिखित उद्योगों का समर्थन करता है:

  • फर्नीचर निर्माण
  • निर्माण क्षेत्र
  • कागज और पल्प उद्योग

इससे यह संकेत मिलता है कि बेहतर वन प्रबंधन और वन-आधारित उद्योगों में नवाचार के जरिए इस क्षेत्र में मूल्य संवर्धन की बड़ी संभावना है।

इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2023 के मुख्य बिंदु:

कुल वन और वृक्ष आवरण:

  • कुल: 8,27,357 वर्ग किमी (भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17%)
    • वन आवरण: 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%)
    • वृक्ष आवरण: 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%)

2021 से वृद्धि:

  • कुल वृद्धि: 1,445 वर्ग किमी
    • वन आवरण में वृद्धि: 156 वर्ग किमी
    • वृक्ष आवरण में वृद्धि: 1,289 वर्ग किमी

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य:

  • छत्तीसगढ़ (+684 वर्ग किमी), उत्तर प्रदेश (+559), ओडिशा (+559), राजस्थान (+394)
  • मिजोरम ने +242 वर्ग किमी के साथ वन क्षेत्र वृद्धि में अग्रणी स्थान प्राप्त किया

सबसे अधिक वन क्षेत्र वाले राज्य:

  • मध्य प्रदेश (85,724 वर्ग किमी), अरुणाचल प्रदेश (67,083), महाराष्ट्र (65,383)
  • लक्षद्वीप में सबसे अधिक वन आवरण प्रतिशत (91.33%)

अन्य मुख्य तथ्य (2021 से 2023 तक):

  • मैंग्रोव क्षेत्र: 4,992 वर्ग किमी
  • कार्बन स्टॉक: 81.5 मिलियन टन की वृद्धि, अब कुल 7,285.5 मिलियन टन, जो भारत के NDC कार्बन सिंक लक्ष्य को पूरा करने में मदद करता है।
  • बाँस क्षेत्र: 5,227 वर्ग किमी की वृद्धि, अब कुल 1,54,670 वर्ग किमी
  • वनों के बाहर के पेड़ों से संभावित लकड़ी उत्पादन: 91.51 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रतिवर्ष

आगे की राह:

SBI रिपोर्ट वनों की स्थिरता बढ़ाने के लिए कई उपाय सुझाती है:

  • जैव विविधता वाले क्षेत्रों का विस्तार
  • वनरोपण में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना
  • संरक्षण वित्तपोषण के लिए सीएसआर और कार्बन क्रेडिट बाज़ारों का लाभ उठाना
  • वन अतिक्रमण को रोकने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी और डिजिटल डेटाबेस का उपयोग
  • निगरानी और प्रवर्तन के लिए संस्थागत क्षमता को मजबूत करना

ये सभी कदम भारत के पेरिस समझौते और उसकी राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (NDCs) के तहत जलवायु लक्ष्यों की दिशा में सहायक हैं।