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Blog / 29 Apr 2025

पौधों को वायरस से बचाने के लिए आरएनए आधारित तकनीक

संदर्भ:

जर्मनी की मार्टिन लूथर यूनिवर्सिटी हाले-विटेनबर्ग के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक आरएनए-आधारित एंटीवायरल एजेंट विकसित किया है, जो खीरा मोज़ेक वायरस (CMV) से मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है, जो एक घातक पौध रोग है।

  • खीरा मोज़ेक वायरस (CMV) 1,200 से अधिक पौध प्रजातियों को संक्रमित करता है, जिनमें खीरे, कद्दू और अनाज जैसी महत्वपूर्ण फसलें शामिल हैं। यह एफिड्स (aphids) के माध्यम से फैलता है, जिससे इसके प्रकोप को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है। भारत में, खीरा मोज़ेक वायरस (CMV) केले की खेती में 25-30% तक उत्पादन हानि करता है, जबकि खीरे और खरबूजे में संक्रमण दर 70% तक पहुँच सकती है, जिससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है और फल अनुपयोगी हो जाते हैं।

होस्ट-इंड्यूस्ड जीन साइलेंसिंग (HIGS) और स्प्रे-इंड्यूस्ड जीन साइलेंसिंग (SIGS):

यह अध्ययन RNA साइलेंसिंग नामक पौधों की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली का उपयोग करता है। जब कोई वायरस पौधे को संक्रमित करता है, तो वह डबल-स्ट्रैंडेड RNA (dsRNA) प्रवेश कराता है, जिससे पौधे की प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय हो जाती है।
पौधे की एंज़ाइम प्रणाली dsRNA को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटती है, जिन्हें स्मॉल इंटरफेरिंग RNA (siRNA) कहा जाता है। ये siRNA वायरस के RNA को नष्ट करने में मदद करते हैं।
हालांकि, यह प्रक्रिया पूरी तरह प्रभावी नहीं होती, क्योंकि वायरस तेजी से म्यूटेट होकर पौधे की रक्षा प्रणाली से बच निकलते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए वैज्ञानिक RNA-आधारित तकनीकों जैसे कि होस्ट-इंड्यूस्ड जीन साइलेंसिंग (HIGS) और स्प्रे-इंड्यूस्ड जीन साइलेंसिंग (SIGS) का विकास कर रहे हैं।
HIGS में पौधों को जेनेटिक रूप से इस तरह बदला जाता है कि वे वायरस-रोधी dsRNA स्वयं बना सकें। यह निरंतर सुरक्षा देता है, लेकिन इसके उपयोग में नियामकीय चुनौतियाँ और वायरल प्रतिरोध की समस्या आ सकती है।
SIGS में पौधों पर RNA का छिड़काव किया जाता है, जिससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय हो जाती है, और यह पौधे की DNA संरचना में कोई बदलाव नहीं करता। SIGS किफायती और पर्यावरण-अनुकूल है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता सीमित होती है क्योंकि siRNA पर्याप्त मात्रा में नहीं बनते।

RNA-Based Technology for Plant Virus Protection – GKToday

RNA साइलेंसिंग को मज़बूत बनाना

हर साल, पौधों के वायरस लगभग 40% वैश्विक फसल को नष्ट कर देते हैं, जिससे $220 अरब से अधिक की हानि होती है, जिसमें $30 अरब से अधिक केवल वायरस के कारण होता है। वायरस पर नियंत्रण करना बैक्टीरिया या फफूंद की तुलना में कठिन होता है।
वैज्ञानिकों ने RNA-आधारित तकनीकों की ओर रुख किया है जो पौधों की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करती हैं। नई dsRNA तकनीक के तीन मुख्य लाभ हैं:
(i) सटीकता, जिससे वायरस के कमजोर हिस्सों को सीधे निशाना बनाया जा सकता है,
(ii) मजबूत प्रतिरक्षा, जो वायरस की अनेक जीनोमिक क्षेत्रों को लक्ष्य बनाती है,
(iii) लचीलापन, जिससे नई वायरल किस्मों के विरुद्ध dsRNA को एक महीने में फिर से डिज़ाइन किया जा सकता है।

खीरा मोज़ेक वायरस (CMV):

CMV एक सामान्य लेकिन घातक पौध वायरस है, जो खीरे, खरबूजे और टमाटर जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुँचाता है।
यह मुख्य रूप से अफ़ीड़ों द्वारा फैलता है, लेकिन संक्रमित औज़ारों या पौधों की सतह से भी फैल सकता है।
• CMV के लक्षणों में पत्तियों पर मोज़ेक जैसे पैटर्न, पौधों की धीमी वृद्धि और उपज में कमी शामिल हैं।

निष्कर्ष:
शोधकर्ता RNA-आधारित उपचारों को व्यावहारिक और खेतों में उपयोग योग्य बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिसमें छिड़काव आधारित समाधानों का विकास शामिल है। यह तकनीक CMV के विरुद्ध प्रभावशाली सिद्ध हुई है, और इसे टमाटर यलो लीफ कर्ल वायरस और टोबैको मोज़ेक वायरस जैसे अन्य पौध वायरस पर भी लागू किया जा सकता है।
हालाँकि, RNA की बाहरी वातावरण में स्थिरता, लागत, बड़े पैमाने पर उत्पादन और नियामकीय स्वीकृति जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। फिर भी, इस खोज से पौधों को वायरस से बचाने की दिशा में परिवर्तन की संभावना है।