संदर्भ:
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ की शुरुआत की। यह एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसका उद्देश्य देशभर में महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के लिए स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं को मज़बूत करना है। यह अभियान 2 अक्टूबर 2025 तक चलेगा, जो गांधी जयंती के अवसर पर समाप्त होगा।
स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान (SNSPA) के बारे में:
स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान (SNSPA) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख स्वास्थ्य पहल है।
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- इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करना, महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना, पोषण जागरूकता फैलाना और रोकथाम आधारित स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना।
- इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करना, महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना, पोषण जागरूकता फैलाना और रोकथाम आधारित स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना।
प्रमुख विशेषताएँ:
· व्यापक स्वास्थ्य जाँच: एनीमिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर, क्षय रोग (टीबी) और सिकल सेल रोग (SCD) जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग।
· स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन: देशभर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 1 लाख से अधिक शिविर लगाए जाएंगे।
· डिजिटल निगरानी व्यवस्था: अभियान की वास्तविक समय पर प्रगति और आँकड़ों की ट्रैकिंग के लिए विशेष डिजिटल पोर्टल ‘सशक्त’ तैयार किया गया है।
· अन्य योजनाओं से समन्वय: इस अभियान को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA) और पोषण 2.0 जैसी योजनाओं से जोड़ा गया है।
उद्देश्य:
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- महिलाओं का स्वास्थ्य सुधारना: विशेषकर जनजातीय और वंचित क्षेत्रों में व्यापक जाँच और विशेष देखभाल।
- परिवार की भलाई को बढ़ावा: मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड (MCP), गर्भावस्था पूर्व देखभाल, टीकाकरण सेवाएँ और मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण व जीवनशैली पर शिक्षा।
- समुदाय की भागीदारी: समुदाय स्तर पर जागरूकता और व्यवहार में स्थायी बदलाव लाना।
- महिलाओं का स्वास्थ्य सुधारना: विशेषकर जनजातीय और वंचित क्षेत्रों में व्यापक जाँच और विशेष देखभाल।
अन्य संबंधित योजनाएँ:
1. जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम:प्रसवपूर्व, प्रसवोत्तर और नवजात शिशु की देखभाल पूरी तरह मुफ्त। इसमें परिवहन, जांच और दवाइयाँ भी शामिल हैं। 2014 से अब तक 16.6 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मदद मिली, जिससे परिवारों का खर्च कम हुआ।
2. जननी सुरक्षा योजना: गरीब गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करने वाली योजना। मार्च 2025 तक 11 करोड़ से अधिक महिलाओं को इसका लाभ मिला।
3. सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (SUMAN): गर्भवती महिलाओं, बीमार नवजात शिशुओं और प्रसव के 6 महीने तक माताओं को मुफ्त और सम्मानजनक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराता है।
4. मिशन इंद्रधनुष: 2014 में शुरू की गई योजना, जिसका उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण बढ़ाना है। दिसंबर 2024 तक 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ महिलाओं को टीका लगाया गया।
5. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA): गर्भावस्था की पहली तिमाही में 4 प्रसवपूर्व जांच सुनिश्चित करता है, ताकि उच्च जोखिम वाले मामलों की समय रहते पहचान हो सके।
6. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY): पहले बच्चे और दूसरे (यदि बेटी हो) के लिए ₹5,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है, जिससे मातृ स्वास्थ्य सुधरे और बेटी के जन्म को बढ़ावा मिले।
7. सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान: देश की 1,000 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को सम्मानित और प्रोत्साहित किया जाता है, जिन्होंने मातृ और शिशु पोषण सुधार में उल्लेखनीय कार्य किया।
निष्कर्ष:
स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान से भारत के स्वास्थ्य सूचकांकों में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है। विशेषकर गर्भावस्था पूर्व देखभाल, नियमित स्वास्थ्य जाँच और टीकाकरण सेवाओं के ज़रिए मातृ मृत्यु दर में कमी लाई जा सकेगी। यह अभियान रोकथाम आधारित स्वास्थ्य सेवाओं, डिजिटल निगरानी और व्यापक जन-जागरूकता पर ज़ोर देता है। इसके परिणामस्वरूप परिवार न केवल स्वस्थ और मज़बूत बनेंगे, बल्कि यह पहल विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान भी साबित होगी।