संदर्भ:
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) की घोषणा की। यह योजना औपचारिक रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक रणनीतिक पहल है, जिसका लक्ष्य अगले दो वर्षों में पूरे भारत में 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजित करना है।
योजना के उद्देश्य और लक्ष्य:
· आगामी दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना।
· पहली बार औपचारिक क्षेत्र में प्रवेश करने वाले युवाओं को प्रोत्साहन प्रदान कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना।
· स्थायी रोजगार सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना।
· ईपीएफओ (EPFO) पंजीकरण और सामाजिक सुरक्षा कवरेज के माध्यम से कार्यबल के औपचारिकीकरण को बढ़ावा देना।
मुख्य विशेषताएँ:
भाग 'अ' – पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए सहायता
- पात्रता:
- ऐसे कर्मचारी जो पहली बार ईपीएफओ में पंजीकृत हो रहे हैं।
- जिनकी मासिक आय 1 लाख तक है।
- प्रोत्साहन:
- पहली किश्त: 6 माह की निरंतर सेवा के बाद
- दूसरी किश्त: 12 माह की सेवा पूर्ण करने और एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम में भाग लेने के बाद
- पहली किश्त: 6 माह की निरंतर सेवा के बाद
- एक महीने के ईपीएफ वेतन के बराबर राशि (अधिकतम 15,000)
- दो किश्तों में वितरित किया जाएगा:
- बचत घटक:
- प्रोत्साहन की एक निर्धारित राशि बचत खाते में जमा की जाएगी ताकि बचत की आदत को बढ़ावा दिया जा सके।
भाग ब: नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन:
1 लाख/माह तक आय वाले नए कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाले नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना।
प्रोत्साहन राशि:
- प्रति अतिरिक्त कर्मचारी ₹3,000 तक प्रति माह दिया जायेगा।
- यह प्रोत्साहन 2 वर्षों तक प्रदान किया जाएगा।
विशेष प्रावधान:
- विनिर्माण क्षेत्र के नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन की अवधि को तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जा सकता है।
प्रोत्साहन भुगतान प्रणाली:
कर्मचारियों के लिए (भाग A):
भुगतान आधार ब्रिज भुगतान प्रणाली (ABPS) के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) द्वारा किया जाएगा।
नियोक्ताओं के लिए (भाग B):
प्रोत्साहन की राशि सीधे पैन-लिंक्ड बैंक खातों में जमा की जाएगी।
योजना के लाभ:
युवाओं के लिए:
- यह योजना युवाओं को औपचारिक नौकरी क्षेत्र में प्रवेश के लिए प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- इससे कर्मचारियों को EPF और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभों तक सहज पहुंच प्राप्त होती है।
- यह वित्तीय साक्षरता को प्रोत्साहित करती है तथा युवाओं में बचत की आदतों को विकसित करने में सहायक है।
नियोक्ताओं के लिए:
- यह योजना नियोक्ताओं की नियुक्ति लागत को कम करके उन्हें अधिक रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करती है।
- यह कर्मचारियों को बनाए रखने हेतु दीर्घकालिक प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिससे श्रमिक स्थायित्व सुनिश्चित होता है।
- विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है, जिससे इस क्षेत्र में दीर्घकालिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलता है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना एक दूरदर्शी और क्रांतिकारी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के रोजगार परिदृश्य में संरचनात्मक परिवर्तन लाना है। यह योजना कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को प्रोत्साहित करके एक मजबूत, कुशल और वित्तीय रूप से सुरक्षित कार्यबल के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करती है, जो विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने में सहायक सिद्ध होगी।