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Blog / 18 Dec 2025

भारतीय प्रधानमंत्री की जॉर्डन यात्रा

संदर्भ:

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15–16 दिसंबर 2025 को जॉर्डन की यात्रा की, जहाँ जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय के साथ बातचीत हुई। यह प्रधानमंत्री मोदी की जॉर्डन की पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा थी। यह यात्रा भारतजॉर्डन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई।

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के प्रमुख परिणाम:

      • दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश, रक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, अवसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन तथा संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई।
      • दोनों नेताओं ने आगामी पाँच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 5 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया तथा जॉर्डन की डिजिटल भुगतान प्रणाली को भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से जोड़ने की संभावना पर विचार किया।
      • दोनों पक्षों ने आतंकवाद से निपटने तथा पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता हेतु मिलकर कार्य करने की साझा प्रतिबद्धता दोहराई।

PM Modi Visit to Jordan : : Vaid ICS Institute

हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoUs):

यात्रा के दौरान नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा में तकनीकी सहयोग, जल संसाधन प्रबंधन एवं विकास, पेट्रा (जॉर्डन) और एलोरा (भारत) के बीच ट्विनिंग समझौता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (2025–2029) का नवीकरण तथा जन-स्तर पर डिजिटल परिवर्तन के लिए डिजिटल समाधानों को साझा करने से संबंधित आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

भारतजॉर्डन संबंध:

भारत और जॉर्डन के बीच दशकों से सौहार्दपूर्ण एवं मित्रतापूर्ण राजनयिक संबंध रहे हैं, जो राजनीतिक सद्भावना, संवाद तथा बढ़ते आर्थिक सहयोग पर आधारित हैं। वर्ष 1950 में स्थापित ये संबंध नियमित उच्चस्तरीय संवाद, संस्थागत तंत्रों तथा क्षेत्र-विशेष सहयोग के माध्यम से परिपक्व हुए हैं।

उच्चस्तरीय राजनीतिक संपर्क:

      • पूर्व में प्रधानमंत्री मोदी की 2018 में जॉर्डन की ट्रांजिट यात्रा तथा उसी वर्ष राजा अब्दुल्ला द्वितीय की भारत की राजकीय यात्रा उल्लेखनीय रही।
      • 2018 की यात्रा के दौरान 12 समझौता ज्ञापनों/समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, C-DAC उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना हुई तथा जॉर्डन को 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की औषधि सहायता प्रदान की गई।

व्यापार एवं आर्थिक सहयोग:

      • भारत जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
      • वित्त वर्ष 2023–24 में द्विपक्षीय व्यापार 2.875 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
      • भारत से जॉर्डन को निर्यात में अनाज, फ्रोजेन मांस, पेट्रोलियम उत्पाद एवं पशु चारा शामिल हैं, जबकि जॉर्डन से भारत को उर्वरक, फॉस्फेट तथा पोटाश की आपूर्ति की जाती है।

प्रमुख पहलें:

      • जॉर्डन इंडिया फर्टिलाइज़र कंपनी (JIFCO) भारत के लिए फॉस्फोरिक एसिड का उत्पादन करती है।
      • जॉर्डन के क्वालिफाइड इंडस्ट्रियल ज़ोन (QIZs) में 15 से अधिक NRI-स्वामित्व वाली परिधान निर्माण इकाइयाँ कार्यरत हैं।
      • वर्ष 2025 में पर्यटन संवर्धन कार्यक्रमों, व्यापार संगोष्ठियों तथा तृतीय अंतरराष्ट्रीय फूड एवं फूड टेक्नोलॉजी एक्सपो में भारतीय कंपनियों की भागीदारी से वाणिज्यिक सहयोग को बल मिला।

रक्षा सहयोग:

      • वर्ष 2018 में हस्ताक्षरित रक्षा सहयोग समझौता भारत-जॉर्डन रक्षा संबंधों का आधार है।
      • सहयोग के अंतर्गत सैन्य प्रतिनिधिमंडलों का आदान-प्रदान, प्रशिक्षण गतिविधियाँ तथा SOFEX जैसे रक्षा प्रदर्शनों में संयुक्त भागीदारी शामिल है।

विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं शिक्षा:

      • अल-हुसैन टेक्निकल यूनिवर्सिटी में स्थित भारतीय-जॉर्डन आईटी उत्कृष्टता केंद्र (IJCOEIT) जॉर्डन के पेशेवरों को साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं बिग डेटा एनालिटिक्स में प्रशिक्षण प्रदान करता है।
      • भारत द्वारा ITEC प्रशिक्षण स्लॉट, ICCR छात्रवृत्तियाँ एवं उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं। अब तक 2,500 से अधिक जॉर्डन के नागरिक भारतीय संस्थानों से स्नातक हो चुके हैं।

सांस्कृतिक एवं जनसंपर्क:

      • सांस्कृतिक सहयोग के अंतर्गत बॉलीवुड फिल्मों, भारतीय नृत्य-संगीत प्रस्तुतियों तथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के नियमित आयोजनों का आयोजन किया जाता है।
      • वीज़ा सुविधा उपायों एवं प्रत्यक्ष हवाई संपर्क से आवागमन में वृद्धि हुई है।
      • जॉर्डन में लगभग 17,500 की भारतीय प्रवासी आबादी वस्त्र, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दर्शाती है कि सतत राजनीतिक संवाद किस प्रकार आर्थिक, रणनीतिक एवं सांस्कृतिक सहयोग को सुदृढ़ कर सकता है। भारतजॉर्डन संबंध आपसी विश्वास, बढ़ते व्यापारिक एकीकरण एवं रणनीतिक समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जो भारत की व्यापक पश्चिम एशिया नीति में जॉर्डन की भूमिका को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में सुदृढ़ करते हैं।