परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स 2.0
सन्दर्भ-
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) 2.0 जारी किया है, जो 2022–23 और 2023–24 के लिए एक संयुक्त मूल्यांकन रिपोर्ट है।
• यह सूचकांक स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के प्रदर्शन का मूल्यांकन छह प्रमुख क्षेत्रों में करता है:
· सीखने के परिणाम और गुणवत्ता
· पहुंच (Access)
· आधारभूत संरचना और सुविधाएं
· समानता (Equity)
· शासन प्रक्रिया
· शिक्षक शिक्षा और प्रशिक्षण
प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को 1,000 अंकों के पैमाने पर ग्रेड दिया जाता है।
मुख्य निष्कर्ष
• कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश 760 से अधिक अंक प्राप्त नहीं कर पाया, यानी कोई भी पहले चार स्तरों (Level 1 से Level 4) में नहीं आया। सबसे उच्च स्तर जो प्राप्त हुआ वह था स्तर 5, जिसे "प्रचेष्टा-1" कहा गया है, जिसमें अंक सीमा 701–760 है।
• चंडीगढ़ ने 703 अंकों के साथ कुल रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया और "प्रचेष्टा-1" समूह में रखा गया। इससे पहले (2021–22 की रिपोर्ट) यह "प्रचेष्टा-2" में था। यह शिक्षा सेवा वितरण में सुधार को दर्शाता है।
• चंडीगढ़ के बाद, दस राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सातवें स्तर (Level 7) में रखे गए, जिनके अंक 581 से 640 के बीच थे। ये हैं:
o पंजाब
o दिल्ली
o गुजरात
o ओडिशा
o केरल
o दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव
o हरियाणा
o गोवा
o महाराष्ट्र
o राजस्थान
• चौदह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आठवें स्तर (521–580) में और दस नौवें स्तर (461–520) में रहे।
• मेघालय एकमात्र राज्य रहा जिसे दसवें और सबसे निचले स्तर (आकांक्षी-3) में रखा गया, इसका स्कोर 2023–24 में 417.9 रहा। हालांकि, यह पिछले वर्ष के 401.6 से थोड़ा बेहतर हुआ है।
• कुल मिलाकर 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 2023–24 में अपने स्कोर में सुधार किया, जबकि 11 क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई, जिनमें शामिल हैं:
o बिहार
o अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह
o छत्तीसगढ़
o झारखंड
o कर्नाटक
o लद्दाख
o लक्षद्वीप
o मिज़ोरम
o तमिलनाडु
o उत्तराखंड
o पश्चिम बंगाल
विषय-वार मुख्य बातें
• सीखने के परिणाम और गुणवत्ता: यह सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। चंडीगढ़, पंजाब और पुडुचेरी को छठे स्तर (प्रचेष्टा-2) में रखा गया। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सातवें स्तर (प्रचेष्टा-3) में रहे। अन्य सभी राज्यों की रैंकिंग इससे नीचे रही, जो यह दर्शाता है कि देशभर में सीखने के परिणामों में सुधार की आवश्यकता है।
• पहुंच (Access): ओडिशा ने इस क्षेत्र में शीर्ष स्तर (दक्ष) प्राप्त किया, जिसमें स्कोर 941–1,000 रहा। दस अन्य राज्य, जिनमें चंडीगढ़, गोवा, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना शामिल हैं, दूसरे स्तर (उत्कर्ष) में रहे। विशेष रूप से बिहार और झारखंड ने इस क्षेत्र में अपने स्कोर में उल्लेखनीय सुधार किया।
• आधारभूत संरचना और सुविधाएं: चंडीगढ़ एकमात्र क्षेत्र रहा जिसे तीसरे स्तर (अति उत्तम, 821–880) में रखा गया। दिल्ली और दादरा एवं नगर हवेली और दमन और दीव को दूसरे स्तर (उत्तम) में स्थान मिला।
• समानता (Equity): सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश समानता के क्षेत्र में शीर्ष तीन स्तरों में रहे, जो दर्शाता है कि पूरे भारत में स्कूल शिक्षा में अपेक्षाकृत संतुलित और समावेशी दृष्टिकोण अपनाया गया है।
निष्कर्ष:
PGI 2.0 पूरे देश में स्कूल शिक्षा के प्रदर्शन की एक विस्तृत तस्वीर प्रदान करता है। जहां चंडीगढ़, ओडिशा और पंजाब जैसे कुछ क्षेत्रों ने उल्लेखनीय प्रगति की है, वहीं समग्र रूप से यह स्पष्ट है कि अभी कोई भी राज्य उच्चतम स्तर तक नहीं पहुंच पाया है। यह रिपोर्ट सीखने के परिणामों, शिक्षक प्रशिक्षण और आधारभूत संरचना विकास पर निरंतर निवेश और नीति ध्यान देने की आवश्यकता को उजागर करती है।