सन्दर्भ:
9 मई 2025 को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान को तत्काल 1 अरब डॉलर (लगभग ₹8,500 करोड़) की राशि जारी करने की मंजूरी दी। यह राशि 37 महीनों की अवधि वाले एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) कार्यक्रम के अंतर्गत दी गई है, जिसे 25 सितंबर 2024 को स्वीकृति मिली थी। कुल $7 अरब के इस पैकेज में से अब तक पाकिस्तान को $2.1 अरब प्राप्त हो चुके हैं।
एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) क्या है?
एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) IMF का एक ऋण कार्यक्रम है, जो उन देशों को मदद देता है जो मध्यम अवधि की गंभीर आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे होते हैं। ये समस्याएँ अक्सर ढांचे से जुड़ी कमजोरियों के कारण होती हैं, जैसे कि:
• कमजोर बुनियादी ढांचा
• शिक्षा में कम निवेश
• बैंकिंग व्यवस्था की खराब हालत
• सरकार की अत्यधिक उधारी
एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी कोई अनुदान नहीं है, बल्कि एक ऋण होता है जिसे चुकाना पड़ता है। “एक्सटेंडेड” का मतलब है कि इन लोन को चुकाने और सुधार लागू करने के लिए देशों को लंबा समय दिया जाता है। IMF यह सुविधा उन देशों को देता है जो दीर्घकालिक आर्थिक सुधार लागू करने के प्रयास कर रहे होते हैं।
यह ऋण पाकिस्तान को क्यों मिला?
पाकिस्तान पिछले कई दशकों से लगातार आर्थिक गिरावट का सामना कर रहा है, जबकि वह क्षेत्रीय सैन्य ताकत बनने की कोशिश करता रहा है। 1980 के दशक से अब तक उसकी कोई भी सरकार टिकाऊ आर्थिक विकास नहीं ला सकी।
मुख्य आर्थिक स्थिति:
• पाकिस्तान की GDP 2023 में $338 अरब रही, जो 2017 से भी कम है।
• महंगाई 2020 में 10.7% थी, जो 2023 में बढ़कर 29.1% हो गई और 2024 में 23.4% पर रही।
• पिछले 5 सालों में आम उपभोक्ता की चीजों की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गईं।
मुख्य कारण:
• सरकारों की गलत नीतियाँ और कुप्रबंधन
• तेज़ जनसंख्या वृद्धि
• कम बचत दर
• बुनियादी ढांचे में कमजोर निवेश
• महिलाओं की कम भागीदारी
अपनी अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए पाकिस्तान ने केवल IMF से ही नहीं, बल्कि चीन, यूएई, सऊदी अरब, पेरिस क्लब, इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक, एशियाई विकास बैंक और नॉर्डिक डेवलपमेंट फंड से भी भारी कर्ज लिया है। पिछले 35 वर्षों में पाकिस्तान ने IMF से 28 बार ऋण लिया है।
इस बार की राशि क्यों जारी की गई?
आईएमएफ ने पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों की समीक्षा के बाद यह किश्त जारी की। आईएमएफ ने माना कि पाकिस्तान ने अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और बाजार में भरोसा लौटाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
आईएमएफ के सकारात्मक फैसले के कारण:
• सरकारी उधारी में स्पष्ट कमी
• ऐतिहासिक रूप से कम महंगाई, अप्रैल 2025 में महज 0.3%
• विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार
• कृषि आयकर जैसे सुधार और वित्त वर्ष 2025 के बजट का सुसंगत कार्यान्वयन
भारत की आपत्ति:
भारत ने आईएमएफ के इस फैसले का विरोध किया। भारत का कहना है कि पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियाँ और पहले के फंड्स के दुरुपयोग का इतिहास चिंता का विषय हैं। हालाँकि सदस्य देश इस पर वोट नहीं कर सकते, फिर भी भारत ने मतदान नहीं किया और चेतावनी दी कि पाकिस्तान इस फंड का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए कर सकता है।
निष्कर्ष:
आईएमएफ का यह समर्थन दिखाता है कि पाकिस्तान को आर्थिक सुधार और बाहरी सहायता की तत्काल आवश्यकता है। यह फंड पाकिस्तान को अल्पकालिक राहत जरूर देगा, लेकिन दीर्घकालीन प्रगति इस बात पर निर्भर करेगी कि भारत के साथ तनाव और बढ़ती संवेदनशीलता को देखते हुए वह संरचनात्मक सुधारों को कितनी ईमानदारी से लागू करता है और पारदर्शिता व जवाबदेही को सुनिश्चित करता है।