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Blog / 05 Aug 2025

भारत में अंग प्रत्यारोपण

संदर्भ:

हाल ही में राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) द्वारा नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में 15वाँ भारतीय अंगदान दिवस आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम वर्षभर चलने वाले "अंगदान जीवन संजीवनी अभियान" का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंगदान के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना और नागरिकों को स्वेच्छा से अंगदान का संकल्प लेने के लिए प्रेरित करना है।

अंगदान से संबंधित उपलब्धियाँ:

·  वर्ष 2024 में भारत में कुल 18,900 अंग प्रत्यारोपण किए गए, जो अब तक का सर्वोच्च आंकड़ा है।

·  प्रत्यारोपण की कुल संख्या के आधार पर भारत अब अमेरिका और चीन के बाद विश्व में तीसरे स्थान पर है।

·  भारत, विशेष रूप से हाथ प्रत्यारोपण जैसी जटिल शल्य चिकित्सा में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनकर उभरा है।

·  2023 में प्रारंभ किए गए NOTTO-आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से 3.3 लाख से अधिक नागरिकों ने स्वेच्छा से अंगदान का संकल्प लिया है।

भारत में अंगदान पारिस्थितिकी तंत्र :

भारत में अंग प्रत्यारोपण एक सुपरिभाषित कानूनी और नियामक ढाँचे द्वारा शासित है ताकि प्रत्यारोपण सेवाओं तक नैतिक, सुरक्षित और न्यायसंगत पहुँच सुनिश्चित की जा सके। इस ढाँचे का आधार मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (THOTA), 1994 है, जिसे पिछले कुछ वर्षों में संशोधित और विस्तारित किया गया है।

अधिनियम का उद्देश्य:

o चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए मानव अंगों और ऊतकों के निष्कासन, भंडारण और प्रत्यारोपण को विनियमित करता है।

o मानव अंगों के व्यावसायिक लेन-देन को रोकता है।

मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम के प्रमुख प्रावधान:

1.  ब्रेन स्टेम मृत्यु का वैधीकरण:

यह ब्रेन स्टेम मृत्यु को मृत्यु के एक वैध रूप में मान्यता प्रदान करता है।

प्रत्यारोपण के लिए मृतक अंग दान को सक्षम बनाता है।

2.  जीवित दान का विनियमन:

निकट संबंधियों (माता-पिता, भाई-बहन, बच्चे, जीवनसाथी, दादा-दादी) से जीवित दान की अनुमति देता है

शोषण को रोकने के लिए प्राधिकरण समितियों को असंबंधित दान को अनुमोदित करने की आवश्यकता होती है

3.  व्यावसायिक लेन-देन का निषेध:

मानव अंगों की खरीद-बिक्री को दंडनीय अपराध बनाता है

अंग तस्करी और अवैध प्रत्यारोपण रैकेट के लिए कठोर दंड का प्रावधान करता है

4.  मृतक अंग दान को बढ़ावा:

मृतक दान को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत तंत्र प्रदान करता है:

o राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) - सर्वोच्च निकाय

o ROTTOs - क्षेत्रीय स्तर के संगठन

o SOTTOs - राज्य स्तरीय संगठन

राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) के बारे में:

भारत में अंग प्रत्यारोपण पारिस्थितिकी तंत्र राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) द्वारा संचालित है, जोकि नीति समन्वय, डेटा संग्रह, जागरूकता और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।

यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत शीर्ष निकाय हैं

देश में अंगों की खरीद, आवंटन और वितरण का समन्वय करता है

अंग दाताओं और प्राप्तकर्ताओं का केंद्रीय रजिस्टर रखता है

चुनौतियाँ और कमियाँ:

इन उपलब्धियों के बावजूद, भारत में अंगदान की दर 1% से कम है, जो वैश्विक औसत से काफी कम है। चुनौतियों में शामिल हैं:

मृतक द्वारा अंगदान के बारे में जागरूकता की कमी और सामाजिक वर्जनाएँ।

गलत सूचना और धार्मिक भ्रांतियाँ।

टियर-2 और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षित पेशेवरों और बुनियादी ढाँचे की कमी।

·        लंबी प्रतीक्षा सूची:

o 63,000 से ज़्यादा मरीज़ किडनी ट्रांसप्लांट का इंतज़ार कर रहे हैं

o 22,000 से ज़्यादा मरीज़ लिवर ट्रांसप्लांट का इंतज़ार कर रहे हैं

निष्कर्ष:

2024 में भारत द्वारा 18,900 अंग प्रत्यारोपण की उपलब्धि केवल एक चिकित्सा सफलता नहीं, बल्कि जन-सहानुभूति, पेशेवर उत्कृष्टता और नीतिगत सुधारों से प्रेरित एक नैतिक उपलब्धि है। यह अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, यह एक स्पष्ट संदेश देता हैदयालुता का एक कार्य आठ लोगों को जीवन दे सकता है। अंगदान को जन आंदोलन में बदलने का प्रयास वसुधैव कुटुम्बकम्के मूल सिद्धांत को प्रतिध्वनित करता है, जो इसे एक सशक्त राष्ट्रीय मिशन का रूप देता है।